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ऊतक क्या है और इसके प्रकार

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Educational

नमस्कार दोस्तों MDS BLOG में आपका स्वागत है आज की इस पोस्ट में हम ऊतक क्या है – What is Tissue in Hindi और ऊतक के प्रकार कितने होते हैं – Types of Tissue in Hindi इसके बारे में जानेंगे.

आज की इस पोस्ट का मकसद आपको विज्ञान की एक सूक्ष्म जानकारी ऊतक का ज्ञान कराना है MDS BLOG आपको लगभग हर तरह की नई नई जानकारी देता है. दोस्तों अगर आप स्टूडेंट हैं तो MDS Blog से जरूर जुड़े जहां कि आपको विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कई तरह के उपयोगी प्रश्नों के बारे में बताया जाता है जो कि आपकी बोर्ड परीक्षा के लिए उपयोगी होते हैं.

पाठ्यक्रम show
ऊतक क्या है – What is Tissue in Hindi
ऊतक के प्रकार – Type of Tissue in Hindi
पादप ऊतक क्या है
जंतु ऊतक क्या है
एपिथीलियमी ऊतक क्या है
संयोजी ऊतक क्या है
पेशीय ऊतक क्या है
तंत्रिका ऊतक क्या है

ऊतक क्या है – What is Tissue in Hindi

ऊतक क्या है – What is Tissue in Hindi

शरीर के अंदर ऐसी कोशिकाएँ जो एक तरह के कार्य को संपन्न करने में दक्ष होती हैं सदैव एक समूह में होती हैं इससे ज्ञात होता है कि शरीर के अंदर एक निश्चित कार्य एक निश्चित स्थान पर कोशिकाओं के एक विशिष्ट समूह द्वारा संपन्न किया जाता है कोशिकाओं का यह समूह ऊतक कहलाता है. वे कोशिकाएँ जो आकृति में एक समान होती हैं तथा किसी कार्य को एक साथ संपन्न करती हैं, समूह में एक ऊतक का निर्माण करती हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दे पोधों के ऊतक गति नहीं करते हैं. उनके अधिकांश ऊतक सहारा देने वाले होते हैं तथा पौधें को संरचनात्मक शक्ति प्रदान करते हैं. ऐसे अधिकांश ऊतक मृत होते हैं ये मृत ऊतक जीवित ऊतकों के समान ही यांत्रिक शक्ति प्रदान करते हैं तथा उन्हें कम अनुरक्षण की आवश्यकता होती है दूसरी ओर, जंतु भोजन, साथी और आश्रय की खोज में इधर-उधर विचरण करते हैं.

ये पौधें की अपेक्षा ऊर्जा का अधिक उपभोग करते हैं. जंतुओं के अधिकांश ऊतक जीवित होते हैं जंतु और पौधें के बीच उनकी वृद्धि के प्रतिरूप में एक और भिन्नता है. पौधें की वृद्धि कूपिका क्षेत्रों में ही सीमित रहती है जबकि जंतुओं में ऐसा नहीं होता पौधें के कूपिका ऊतक जीवन भर विभाजित होते रहते हैं.

ऐसे ऊतक कूपिका क्षेत्रों में ही सीमित रहते हैं ऊतकों की विभाजन-क्षमता के आधार पर ही पौधें के ऊतकों (पादप ऊतकों) का वर्गीकरण किया जाता है – वृद्धि अथवा विभज्योतक तथा स्थायी ऊतक

जंतुओं में कोशिका वृद्धि अधिक एकरूप होती है. अतः जंतुओं में विभाज्य तथा अविभाज्य क्षेत्रों की कोई निश्चित सीमा नहीं होती अंगों और अंग-तंत्रों का संरचनात्मक संगठन जटिल पौधें की अपेक्षा जटिल जंतुओं में अति विशिष्ट तथा सीमित होता है.

यह मूल अंतर जीवधारियों के दो महत्वपूर्ण समूहों के जीवनयापन के विभिन्न तरीको को दर्शाता है, विशेषकर इनके भोजन करने की प्रक्रिया में संरचनात्मक संगठन, एक ओर पौधें के गतिहीन अस्तित्व तथा दूसरी ओर जंतुओं के प्रचलन के लिए अंगतंत्रों के विकास हेतु विभिन्न प्रकार से अनुकूलित होते है.

ऊतक के प्रकार – Type of Tissue in Hindi

दोस्तों नीचे सूची में हमने आपको विशेष प्रकार के ऊतकों के प्रकारों की जानकारी दी है जिन्हें कि आप पूरा जान सकते हैं.

  • पादप ऊतक (Plant tissue)
  • विभज्योतक ऊतक (Meristem tissue)
  • स्थायी ऊतक (Permanent tissue)   
  • जंतु ऊतक (Animal tissue)
  • एपिथीलियमी ऊतक (Epithelial tissue)
  • संयोजी ऊतक (Connective tissue)
  • पेशीय ऊतक (Muscle tissue)
  • तंत्रिका ऊतक (nervous tissue)

पादप ऊतक क्या है

ऐसे ऊतक जोकि पौधों में पाए जाते हैं उन्हें पादप ऊतक कहा जाता है इन्हें दो प्रकार से विभाजित किया जा सकता –

विभज्योतक ऊतक क्या है

पौधें में वृद्धि कूपिका निश्चित क्षेत्रों में ही होती है ऐसा विभाजित ऊतकों के उन भागों में पाए जाने के कारण होता है. ऐसे ऊतकों को विभज्योतक भी कहा जाता है ये विभज्योतक किस भाग में स्थित हैं, विभज्योतक की उपस्थिति वाले क्षेत्रों के आधार पर इन्हें शीर्षस्थ, वेंफबियम (पाश्र्वीय) तथा अंतर्विष्ट भागों में वर्गीकृत किया जाता है.

विभज्योतक के द्वारा तैयार नई कोशिकाएँ प्रारंभ में विभज्योतक की तरह होती हैं लेकिन जैसे ही ये बढ़ती और परिपक्व होती हैं इनके गुणों में धीरे-धीरे परिवर्तन होता है और ये दूसरे ऊतकों के घटकों के रूप में विभाजित हो जाती हैं.

स्थायी ऊतक क्या है

विभज्योतक द्वारा बनी कोशिकाओं का क्या होता है? ये एक विशिष्ट कार्य करती हैं और विभाजित होने की शक्ति को खो देती हैं जिसके फलस्वरूप वे स्थायी ऊतक का निर्माण करती हैं. इस प्रकार एक विशिष्ट कार्य करने के लिए स्थायी रूप और आकार लेने की क्रिया को विभेदीकरण कहते हैं. विभज्योतक की कोशिकाएँ विभाजित होकर विभिन्न प्रकार के स्थायी ऊतकों का निर्माण करती हैं.

  • सरल स्थायी ऊतक
  • जटिल स्थायी ऊतक

सरल स्थायी ऊतक – कोशिकाओं की कूपिका परतें ऊतक के आधरीय पैकिंग का निर्माण करती हैं इन्हें पैरेन्काइमा & सरल स्थायी ऊतक कहते हैं, जो स्थायी ऊतक का एक प्रकार है यह पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाओं का बना होता है ये कोशिकाएँ जीवित हैं.

जटिल स्थायी ऊतक – एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने हुए भिन्न-भिन्न प्रकार के ऊतक जो कि एक ही तरह के दिखाई देते हैं ऐसे ऊतकों को साधरण स्थायी ऊतक कहते हैं परन्तु अन्य प्रकार के स्थायी ऊतक को जटिल ऊतक कहते हैं.

जटिल ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं और ये सभी एक साथ मिलकर एक इर्काइ की तरह कार्य करते है.

जायलम और फ्लोएम इसी प्रकार के जटिल ऊतकों के उदाहरण हैं इन दोनों को संवहन ऊतक भी कहते हैं और ये मिलकर संवहन बंडल का निर्माण करते हैं. यह ऊतक बड़े पौधें की एक विशेषता है, जो कि उनको स्थलीय वातावरण में रहने के अनुकूल बनाती है.

जंतु ऊतक क्या है

रक्त और पेशियाँ दोनों ही हमारे शरीर में पाए जाने वाले ऊतकों के उदाहरण हैं उनके कार्य के आधार पर हम विभिन्न प्रकार के जंतु ऊतकों के बारे में विचार कर सकते हैं जैसे कि एपिथीलियमी ऊतक, संयोजी ऊतक, पेशीय ऊतक तथा तंत्रिका ऊतक और रक्त, संयोजी ऊतक का एक प्रकार है तथा पेशी, पेशीय ऊतक का प्रकार है.

जंतु ऊतकों के कार्य

साँस लेते समय हम ऑक्सीजन लेते हैं यह ऑक्सीजन कहाँ जाती है? यह फेंफड़ो के द्वारा अवशोषित की जाती है तथा रक्त के साथ शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुँच जाती है.

कोशिकाओं को ऑक्सीजन की आवश्यकता क्यों होती है? माइटोकान्ड्रिया का कार्य इस प्रश्न के हल के लिए एक संकेत देता है. रक्त अपने साथ विभिन्न पदार्थों को शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है

उदाहरण के लिए –  यह भोजन और ऑक्सीजन को सभी कोशिकाओं तक पहुँचाता है, यह शरीर के सभी भागों से अपशिष्ट पदार्थों को एकत्र कर यकृत तथा वृक्क तक उत्सर्जन के लिए पहुँचाता है.

एपिथीलियमी ऊतक क्या है

जंतु के शरीर को ढकने या बाह्य रक्षा प्रदान करने वाले ऊतक एपिथीलियमी ऊतक हैं. एपिथीलियम शरीर के अंदर स्थित बहुत से अंगों और गुहिकाओं को ढकते हैं ये भिन्न-भिन्न प्रकार के शारीरिक तंत्रों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए अवरोध् का निर्माण करते हैं त्वचा, मुँह, आहारनली, रक्त वाहिनी नली का अस्तर, फेंफडों की कूपिका, वृक्कीय नली आदि सभी एपिथीलियमी ऊतक से बने होते हैं.

घनाकार एपिथीलियम वृक्कीय नली तथा लार ग्रंथि की नली के अस्तर का निर्माण करता है, जहाँ यह उसे यांत्रिक सहारा प्रदान करता है ये एपिथीलियम कोशिकाएँ प्रायः ग्रन्थि कोशिका के रूप में अतिरिक्त विशेषता अर्जित करती हैं, जो एपिथीलियमी ऊतक की सतह पर पदार्थों का स्राव कर सकती हैं.

कभी-कभी एपिथीलियमी ऊतक का कूपिका भाग अंदर की ओर मुड़ा होता है तथा एक बहुकोशिक ग्रंथि का निर्माण करता है यह ग्रंथिल एपिथीलियम कहलाता है.

संयोजी ऊतक क्या है

रक्त के तरल आधात्री भाग को प्लाज्मा कहते हैं प्लाज्मा में लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC), श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) तथा प्लेटलेट्स निलंबित होते हैं प्लाज्मा में प्रोटीन, नमक तथा हॅार्मोन भी होते हैं. रक्त गैसों, शरीर के पचे हुए भोजन, हार्मोन और उत्सर्जी पदार्थों को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में संवहन करता है.

अस्थि संयोजी ऊतक का एक अन्य उदाहरण है यह पंजर का निर्माण कर शरीर को आकार प्रदान करती है यह मांसपेशियों को सहारा देती है और शरीर के मुख्य अंगों को सहारा देती है. यह ऊतक मजबूत और कठोर होता है, अस्थि कोशिकाएँ कठोर आधात्री में धँसी होती हैं, जो कैल्शियम तथा फोस्फोरस से बनी होती हैं.

पेशीय ऊतक क्या है

पेशीय ऊतक लंबी कोशिकाओं का बना होता है जिसे पेशीय रेशा भी कहा जाता है. यह हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है पेशियों में एक विशेष प्रकार की प्रोटीन होती है, जिसे सिवुफड़ने वाला प्रोटीन कहते हैं जिसके संकुचन एवं प्रसार के कारण गति होती है.

कुछ पेशियों की हम इच्छानुसार गति करा सकते हैं. हाथ और पैर में विद्यमान पेशियों को हम अपनी इच्छानुसार आवश्यकता पड़ने पर गति करा सकते हैं या उनकी गति को रोक सकते हैं इस तरह की पेशियों को ऐच्छिक पेशी कहा जाता है.

इन पेशियों को कंकाल पेशी भी कहा जाता है क्योंकि ये अधिकतर हड्डियों से जुड़ी होती हैं तथा शारीरिक गति में सहायक होती हैं. सूक्ष्मदर्शी से देखने पर ये पेशियाँ हलके तथा गहरे रंगों में एक के बाद एक रेखाओं या धारियों की तरह प्रतीत होती हैं. इसी कारण इसे रेखित पेशी भी कहते हैं इस ऊतक की कोशिकाएँ लंबी, बेलनाकार, शाखारहित और बहुनाभीय होती हैं.

तंत्रिका ऊतक क्या है

सभी कोशिकाओं में उत्तेजना के अनुकूल प्रतिक्रिया करने की क्षमता होती है. यद्यपि, तंत्रिका ऊतक की कोशिकाएँ बहुत शीघ्र उत्तेजित होती हैं और इस उत्तेजना को बहुत ही शीघ्र पूरे शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाती हैं.

मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएँ सभी तंत्रिका ऊतकों की बनी होती हैं. तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन कहा जाता है.

न्यूरॉन में कोशिकाएँ केद्रक तथा कोशिकाद्रव्य (साइटोप्लाश्म) होते हैं. इससे लंबे, पतले बालों जैसी शाखाएँ निकली होती हैं तंत्रिका का स्पंदन हमें इच्छानुसार अपनी पेशियों की गति करने में सहायता करता है.

तंत्रिका तथा पेशीय ऊतकों का कार्यात्मक संयोजन प्रायः सभी जीवों में मौलिक है साथ ही, यह संयोजन उत्तेजना के अनुसार जंतुओं को तेश गति प्रदान करता है.

Read More – 

  • प्रकाश क्या है इसके गुण और परिभाषा
  • गुरुत्वाकर्षण बल क्या है
  • ट्रांजिस्टर क्या है और इसके प्रकार

संक्षेप में

तो दोस्तों उम्मीद है आपको ऊतक क्या है (What is Tissue in Hindi) और ऊतक के प्रकार यह जानकारी पसंद आई होगी अगर आपको इस जानकारी से कुछ सीखने को मिला और कुछ ज्ञान वर्धन की बातों का अनुभव हुआ है तो इस पोस्ट को जरुर शेयर कीजिएगा ताकि और लोग भी ऊतक के बारे में जान सकें

दोस्तों अगर आप विज्ञान और प्रौद्योगिकी और साथ में कई भी अन्य नई जानकारियों को जानना चाहते हैं तो MDS Blog के साथ जरूर जुड़िए जहां कि आपको हर तरह की नई-नई जानकारियां दी जाती है.

दोस्तों अगर आपका इस जानकारी ऊतक क्या है (What is Tissue in Hindi) के बारे में कोई भी प्रश्न है तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं MDS Blog पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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