क्या आप जानना चाहते हैं कारक किसे कहते हैं, कारक की परिभाषा तथा कारक के भेद कितने होते हैं तो आप ने एकदम सही पोस्ट को चुना है इस पोस्ट में आपको कारक का पूरा ज्ञान उदाहरण सहित दिया जाएगा जिससे कि आपको समझने में आसानी होगी
हिंदी व्याकरण के तहत संज्ञा और सर्वनाम को जानने के बाद एक अन्य टॉपिक कारक आता है जिसे की अंग्रेजी में Case कहा जाता है तो आइए कारक के बारे में जानते हैं –
कारक किसे कहते हैं
संज्ञा तथा सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ जाना जाता है उसे कारक कहते हैं अगर मैं कारक को दूसरे शब्दों में समझाऊं तो इसकी परिभाषा निम्नलिखित होगी
कारक की परिभाषा
जो शब्द सर्वनाम तथा संज्ञा के साथ जुड़कर संबंध प्रकट करते हैं उन्हें कारक कहते हैं जैसे – हरि कलम से लिखता है इसमें “लिखता है” क्रिया है तथा हरि किससे लिखता है – कलम से इसमें “से” कारक है. जोकि संज्ञा तथा क्रिया के मध्य संबंध प्रकट करता है
कारक के भेद
दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कारक के आठ भेद होते हैं जिसके तहत कर्ता कारक, कर्म कारक, करण कारक, संप्रदान कारक, अपादान कारक, संबंध कारक, अधिकरण कारक तथा संबोधन कारक आते हैं
- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- संप्रदान कारक
- अपादान कारक
- संबंध कारक
- अधिकरण कारक
- संबोधन कारक
नीचे आपको कारक के 8 भेद के नाम तथा विभक्ति चिन्ह दिए गए हैं जिनसे कि आपको कारक को समझने में आसानी होगी तो आइए कारक के प्रकार जानते हैं –
कारक | चिन्ह | अर्थ |
कर्ता | ने | काम करने वाला |
कर्म | को | क्रिया से प्रभावित होने वाला |
करण | से, के द्वारा | क्रिया का साधन |
संप्रदान | के लिए | जिसके लिए क्रिया की सम्पन्न की जाए |
अपादान | से, अलग होने के अर्थ में | अलगाव, तुलना, आरम्भ, सिखने आदि का बोधक |
संबंध | का, के, की, रा, रे, री | अन्य पदों से पारस्परिक सम्बन्ध |
अधिकरण | में, पर | क्रिया का आधार (स्थान, समय, अवसर) आदि का बोधक |
संबोधन | हे! , ओ! , अरे! | किसी को पुकारने या बुलाने का बोधक |
कर्ता कारक किसे कहते हैं
क्रिया या काम करने वाले को कर्ता कहते हैं प्राय संज्ञा या सर्वनाम कर्ता पद होता है दूसरे शब्दों में कहूं तो वाक्य में जिस शब्द के द्वारा क्रिया करने वाले का बोध होता है उसे कर्ता कारक कहते हैं. कर्ता कारक का विभक्ति चिन्ह “ने” होता है कर्ता कारक के निम्नलिखित उदाहरण है –
- गाय घास खा रही है
- बालिका पुस्तक पढ़ती है
- सीता ने पुस्तक पढ़ी
कर्म कारक किसे कहते हैं
वाक्य में जिस शब्द पर क्रिया का प्रभाव पड़ता है उसे कर्म कारक कहते हैं दूसरे शब्दों में समझें तो शब्द के जिस रूप पर क्रिया का फल पड़ता है उसे कर्म कारक कहते हैं. कर्म कारक का विभक्ति चिन्ह “को” है इसका प्रयोग दो प्रकार से होता है
- परसर्ग सहित – अध्यापक बच्चों को समझाता है
- परसर्ग रहित – हमने चिड़ियाघर में जानवर देखें
करण कारक किसे कहते हैं
वाक्य में वह शब्द जो क्रिया करने का साधन बताता है उसे करण कारक कहते हैं दूसरे शब्दों में समझें तो सर्वनाम या संज्ञा के जिस रुप से क्रिया के साधन प्रकट होते हैं उसे करण कारक कहते हैं. करण कारक का विभक्ति चिन्ह “से” और “के द्वारा” है. करण कारक के निम्नलिखित उदाहरण है –
- मोहन पेंसिल से लिखता है
- मैं रेल के द्वारा दिल्ली पहुंचा
संप्रदान कारक किसे कहते हैं
वाक्य में जिसके लिए कोई क्रिया की जाती है उसे संप्रदान कारक कहते हैं. दूसरे शब्दों में यूं कहे कि जिसके लिए कुछ किया जाए या कुछ दिया जाए ऐसा प्रकट करने वाले सर्वनाम या संज्ञा को संप्रदान कारक कहते हैं. संप्रदान कारक का विभक्ति चिन्ह “को, के लिए, के वास्ते, के हेतु” है. संप्रदान कारक के निम्नलिखित उदाहरण है –
- गरीब को रोटी दो
- गाय के लिए पानी लाओ
- हरियाली हेतु पेड़ लगाओ
- डॉक्टर रोगी को दवा देता है
अपादान कारक किसे कहते हैं
वाक्य में जिस वस्तु से किसी वस्तु का अलग होना पाया जाता है उसे अपादान कारक कहते हैं अगर दूसरे शब्दों में समझें तो संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जिससे पृथक या अलग होने का बोध हो, उसे अपादान कारक कहते हैं. अपादान कारक का विभक्ति चिन्ह “से” है. अपादान कारक के निम्नलिखित उदाहरण है –
- पेड़ से पत्ता गिरता है
- पहाड़ से झरना गिरता है
संबंध कारक किसे कहते हैं
जिसके द्वारा एक वस्तु का संबंध दूसरी वस्तु से पाया जाता है उसे संबंध कारक कहते हैं या यूं कहें कि संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी पदार्थ या व्यक्ति का अन्य किसी दूसरे पदार्थ या व्यक्ति से संबंध प्रकट होता है उसे संबंध कारक कहते हैं. संबंध कारक का विभक्ति चिन्ह “का, के, की, रा, रे, री” है. संबंध कारक के निम्नलिखित उदाहरण है –
- कैलाश के मामा आए थे
- यह सीता की पैन है
- शाम का समय अच्छा है
अधिकरण कारक किसे कहते हैं
वाक्य में जिस शब्द से क्रिया का आधार पता चलता है उसे अधिकरण कारक कहते हैं. अगर दूसरे शब्दों में समझें तो अधिकरण का अर्थ होता है सहारा या आधार, शब्द के जिस रूप से आधार का बोध होता है वह अधिकरण कारक कहलाता है. अधिकरण कारक का विभक्ति चिन्ह “में, के ऊपर, पर” है. अधिकरण कारक के निम्नलिखित उदाहरण है –
- बन्दर पेड़ पर बैठा है
- दराज में पैसे है
- पेड़ पर मोर है
संबोधन कारक किसे कहते हैं
वाक्य में वह शब्द जो किसी को जो किसी को बुलाने या पुकारने में प्रयोग होता है उसे संबोधन कारक कहते हैं अगर दूसरे शब्दों में जाने तो सर्वनाम या संज्ञा के जिस रुप से किसी को पुकारा जाए या संबोधित किया जाए वह संबोधन कारक कहलाता है. संबोधन कारक का विभक्ति चिन्ह “हे!, अरे!, हो!” है. संबोधन कारक के निम्नलिखित उदाहरण है –
- अरे बालक! जरा सुनो
- हे प्रभु! सहायता करो
- हे भगवान! हमें ज्ञान दो
संक्षेप में
दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको कारक किसे कहते हैं, कारक की परिभाषा तथा कारक के भेद पूरी तरह से समझ में आ गए होंगे अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर कीजिएगा
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