नमस्कार दोस्तों क्या आप दृष्टि दोष क्या है या दृष्टि दोष किसे कहते है खोज रहे हैं. तो यह पोस्ट आपके लिए काफी लाभकारी है. इस पोस्ट में आपको दृष्टि दोष की परिभाषा, निकट दृष्टि दोष तथा दूर दृष्टि दोष के बारे में जानकारी दी गई है आइए जानते हैं
दृष्टि दोष क्या है
दृष्टि दोष की परिभाषा → कभी-कभी आंख की समंजन क्षमता क्षीण हो जाती है, जिस कारण स्पष्ट नहीं दिखाई देता और दृष्टि धुंधली हो जाती है, इसे ही आंख का दृष्टि दोष कहते हैं. सामान्यता यह दो प्रकार के होते हैं
दृष्टि दोष के प्रकार
दृष्टि दोष निकट तथा दूर दो प्रकार के होते हैं. आइए निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष के बारे में जानते हैं तथा पढ़ते हैं कि इनका निवारण कैसे किया जाता है
- निकट दृष्टि दोष
- दूर दृष्टि दोष
निकट दृष्टि दोष क्या है
निकट दृष्टि दोष → निकट दृष्टि दोष से युक्त नेत्र द्वारा मनुष्य को निकट की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती है. परंतु एक निश्चित दूरी से आगे की वस्तुएं स्पष्ट दिखाई नहीं देती अर्थात नेत्र का दूर बिंदु अनंत पर न होकर समीप आ जाता है. इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का प्रयोग किया जाता है
निकट दृष्टि दोष का निवारण
निकट दृष्टि दोष का निवारण → निकट दृष्टि दोष से पीड़ित मनुष्य के लिए दूर बिंदु अनंत से हटकर कुछ पास आ जाता है. अतः निकट दृष्टि दोष का निवारण करने के लिए एक ऐसे अवतल लेंस का प्रयोग करते हैं जिससे कि अनंत से चलने वाली किरणें अवतल लेंस से अपवर्तन के पश्चात नेत्र के नए दूर बिंदु से आती प्रतीत हों. इस प्रकार अनंत पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना पर स्पष्ट बन जाता है और नेत्र को वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है
Read This – निकट दृष्टि दोष क्या है इसका निवारण चित्र सहित
दूर दृष्टि दोष क्या है
दूर दृष्टि दोष → दूर दृष्टि दोष से युक्त नेत्र द्वारा मनुष्य को दूर की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती है. परंतु समीप की वस्तुएं स्पष्ट नहीं दिखाई देती अर्थात नेत्र का निकट बिंदु 25 सेंटीमीटर से अधिक दूर हो जाता है. ऐसे व्यक्ति को पढ़ने के लिए पुस्तक 25 सेंटीमीटर से अधिक दूर रखनी पड़ती है. इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का प्रयोग किया जाता है
दूर दृष्टि दोष का निवारण
दूर दृष्टि दोष का निवारण → दूर दृष्टि दोष से पीड़ित मनुष्य के लिए निकट बिंदु 25 सेंटीमीटर से खिसककर कुछ दूर चला जाता है. दूर दृष्टि दोष का निवारण करने के लिए एक ऐसे उत्तल लेंस का प्रयोग करते हैं जिसके द्वारा स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी पर रखी वस्तु से चलने वाली किरणें उत्तल लेंस से अपवर्तित होकर नेत्र के नए निकट बिंदु से आती प्रतीत हों. इस स्थिति में अंतिम प्रतिबिंब रेटिना पर बनता है इस प्रकार नए नेत्र को वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है
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दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कई व्यक्तियों को जरा दृष्टि दोष भी होता है यह भी दृष्टि दोष के अंतर्गत ही आता है. आइये इसके बारे में भी आपको बताते हैं
जरा दृष्टि दोष
कुछ व्यक्तियों में निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष एक साथ हो जाते हैं. इसे ही जरा-दष्टि दोष कहते हैं. इस दोष के निवारण के लिए द्विफोकसी लेंस का प्रयोग किया जाता है. जिसका ऊपरी भाग अवतल लेंस तथा नीचे का भाग उत्तल लेंस की तरह कार्य करता है. ऊपरी भाग दूर की वस्तुओं को देखने के लिए तथा निचला भाग निकट की वस्तुओं को देखने के लिए प्रयोग में आता है
संक्षेप में
दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको दृष्टि दोष क्या है, इसकी परिभाषा के बारे में जानकारी मिल गई होगी. अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिए
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Good Information
Thanks Sir