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परिश्रम का महत्व पर निबंध

दोस्तों क्या आप परिश्रम का महत्व पर निबंध खोज रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी आज के इस पोस्ट में मैंने आपको परिश्रम का महत्व पर निबंध बताया है

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं परिश्रम ही किसी व्यक्ति की सफलता की कुंजी होती है इसे कभी भी ठुकराया नहीं जा सकता यदि हम सभी को जीवन में सफल होना है तो हमें पूरी लगन और परिश्रम से कार्य करना होगा परिश्रम का महत्व क्या है इसके बारे में जानते है

परिश्रम का महत्व – Importance of hard work in Hindi

परिश्रम का महत्व पर निबंध

प्रस्तावना

आदिम युग की जंगली अवस्था से आधुनिक युग को सभ्यतापूर्ण जीवन-शैली तक की यात्रा मानव के श्रम की लम्बी गावा है. कठिन से कठिन परिस्थिति में भी घुटने न टेकने वाले मनुष्य के परिश्रम का ही यह परिणाम है कि आज वह पृथ्वी के अतिरिक्त चांद पर भी निवास बनाने की कल्पना को साकार करने में काफी आगे बढ़ चुका है.

जंगली अवस्था के दिनों में उसे भोजन, वस्त्र तथा आवास जुटाने के लिए घोर परिश्रम करना पड़ता था. आज अपनी मेहनत के बल पर ही उसने अनेक आविष्कार कर लिए हैं और कर रहा है. दुनिया के कोने-कोने में उसने यह प्रमाणित कर दिया है कि परिश्रम करने की कोई सीमा नहीं जिसे सफलता की कामना है उसे परिश्रमरत रहना ही होगा

विभिन्न कार्यों में चाहे वह-घरेलू उपकरण बनाना हो या बड़े-बड़े बाँध बनाना, कारखाने लगाना हो या पहाड़ो को काटना, समुद्र में गोताखोरी करना हो या खदानों में उतरकर खुदाई करना अथवा आकाश-मण्डल को रॉकिट से भेदना सब जगह सब रूपों में परिश्रम का महत्त्व ही व्याख्यायित हो रहा है. स्वर्गीय सुखों के लिए परिश्रम अनिवार्य है

वेदों में कहा गया है ‘चरैवेति चरैवेति’- चलते रहो, चलते रहो. इस चलते रहने के पीछे यही भाव है कि श्रम से कभी जी मत चुराओ परिश्रम करो, करते रहो एक दिन यही तुम्हें सफल बनाएगा

परिश्रम और बुद्धि विवेक

लोग परिश्रम का अर्थ मेहनत से लगा लेते हैं. यह अनुचित है जिस प्रकार शरीर के द्वारा श्रम किया जाता है और शरीर श्रान्त होता है, उसी प्रकार मानसिक कार्य करने से दिमाग भी थकता है इसके लिए आवश्यक है बुद्धि-विवेक का सदुपयोग

एक रिक्शाचालन से परिश्रांत होता है तो दूसरी ओर कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी, लिपिक, टेलीफोन ऑपरेटर, मैनेजर, विद्यालय में प्राचार्य-प्रवक्ता आदि सभी अपने-अपने कार्यों के समय में कभी-न-कभी थकान का अनुभव करते हैं. परिश्रम और बुद्धि-विवेक का यदि सम्यक् तालमेल किया जाए तो परिश्रम भी कम करना पड़े और थकान भी कम हो

किसी भी कार्य में तन-मन और बुद्धि की व्यस्तता परिश्रम ही कहीं जाती है. यद्यपि इसका त्याग नहीं किया जा सकता तथापि इसे कम अवश्य किया जा सकता है. श्रम का अपव्यय अपराध ही है यह शरीर के साथ अत्याचार है

यदि हम बुद्धि-विवेक की सहायता से किए जाने वाले कार्यों को सूचीबद्ध कर ले और फिर योजनाबद्ध ढंग से उन्हें सम्पन्न करे तो निश्चय ही कम परिश्रम और कम समय में हम उन्हें पूरा कर लेंगे हम आज सभ्य समाज में रह रहे हैं अनावश्यक श्रम बेतरतीब कार्य करके हम दूसरों के उपहास का पात्र ही बनते हैं

परिश्रम वही सफल है, जिसमें बुद्धि-विवेक की प्रेरणाशक्ति भी जुड़ी हो कभी-कभी कुछ अनिवार्य कार्य, परिश्रम करने के आलस्य और बुद्धि द्वारा की गई उपेक्षा से सम्पन्न नहीं हो पाते बाद के जीवन में हमें इसका पश्चात्ताप भी होता है अत: बुद्धि-विवेक और परिश्रम की कीमत समझनी चाहिए

परिश्रम से लाभ

‘गीता’ में एक स्थान पर कहा गया है कि मनुष्यमात्र बिना कर्म किए नहीं रह सकता स्वभाव व गुणों से प्रेरित हो वह कर्म करता है. कर्म के साथ श्रम स्वाभाविक रूप से जड़ा है. परिश्रम या पुरुषार्थ से परिणाम अवश्य मिलता है चित दिशा में किया गया पुरुषार्थ सफलता के झण्डे गाड़ देता है

यही सफलता मनुष्य में आत्मविश्वास उत्पन्न करती है. आत्मविश्वासी व्यक्ति किसी की गुलामी या चाटुकारिता में अपना समय नष्ट नहीं करता उसके स्वभाव से परिचित लोग स्वयं उसकी परिश्रमशीलता देख उससे राय लेने और मदद माँगने आते हैं. उसकी सर्वत्र प्रशंसा और स्तुति होती है

परिश्रम से व्यक्ति का स्वास्थ्य सही रहता है काम करने से शरीर को नई ऊर्जा मिलती है. मन में श्रम से जी न चुराने की भावना से आत्मशक्ति बढ़ती है. विपत्ति के समय निराश निठल्ले बैठ जाने की अपेक्षा यदि उससे निपटने को परिश्रम किया जाए तो मन को वास्तविक शान्ति प्राप्त होती है कि मैंने भरसक प्रयास किया. संक्षेप में कार्य में तल्लीनता मानसिक शान्ति प्रदान करके अन्ततः हमें सुख देती है

उपसंहार

श्रम करने वाले को सबकुछ प्राप्त हो जाता है और निठल्ले आलसी को कुछ नहीं श्रम ही मानव-जीवन का सौन्दर्य है. परिश्रम से बढ़कर सफलता के ताले की और कोई चाभी नहीं होती.

इस दुनिया में जितने भी लोग सफल हुए हैं उसके पीछे उनका परिश्रम ही है. परिश्रम एक ऐसी चीज है जो कि केवल उसी व्यक्ति को समझ आती है जो कि किसी कार्य के लिए दिल से पूरी मेहनत करता है इस दुनिया में अन्य लोगों को परिश्रम की कीमत पता नहीं होती परिश्रम का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है

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संक्षेप में

दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको परिश्रम का महत्व पर निबंध अच्छा लगा होगा. मेरा मानना है कि किसी कार्य को करने के लिए हमें पूरे दिल से उसे समर्पण देना चाहिए यानी कि पूरे दिल से परिश्रम करना चाहिए और कहा जाता है कि परिश्रम का फल सदैव अच्छा ही होता है.

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