दोस्तों क्या आप स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Essay on independence day in Hindi खोज रहे हैं. तो आज कि यह पोस्ट आपके लिए काफी लाभकारी है. इस पोस्ट में आपको बताया गया है कि स्वतंत्रता दिवस पर निबंध कैसे लिखा जाए तो आइए बिना देर करे हुए स्वतंत्रता दिवस पर निबंध की शुरुआत करते हैं
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Essay on independence day in Hindi
प्रस्तावना
जब भी किसी देश के पास किसी बाहरी देश की शक्ति होती है, तो उस देश के निवासियों को अपमान, अत्याचार और शोषण झेलना पड़ता है. 15 अगस्त 1947 से पहले हमारा देश भी ब्रिटिश शासन के अधीन था
हम ब्रिटिश शासन के तहत इस शर्मनाक मजबूरी से पीड़ित थे. हमारा राष्ट्र पहले से ही ब्रिटिश शासकों के अत्याचार और शोषण के खिलाफ संघर्ष कर रहा था. लेकिन इस संघर्ष का फल 15 अगस्त 1947 को मिला, जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ
हम स्वतंत्रता के इस दिन को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में संबोधित करते हैं और हर साल इस राष्ट्रीय त्योहार को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं
स्वतन्त्रता दिवस का महत्त्व
किसी भी बाहरी शक्ति के अधीन, किसी भी जीवित व्यक्ति को दर्द का अनुभव होता है. ब्रिटिश शासन की शक्ति ने हमारे पूरे समाज और राष्ट्र को अपने अमानवीय नियंत्रण में ले लिया था. स्वतंत्रता के दिन, हमने इस अत्याचारी विदेशी शक्ति को स्वतंत्रता से मुक्त कर दिया था इसलिए यह दिन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है
यह इस दिन था कि “यूनियन जैक”, ब्रिटिश शासन का प्रतीक था जो भारत में गिर गया और हमारे राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ को बदल दिया गया इसके साथ ही, एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में हमने अपने आत्म-सम्मान और प्रतिष्ठा को प्राप्त किया
स्वतन्त्रता दिवस मनाने की रीति
15 अगस्त 1947 ई० को हमारी परतन्त्रता की बेड़ियाँ खुल गई. 14 अगस्त, 1947 ई० की रात में 12 बजकर 1 मिनट पर अंग्रेजों ने भारतीय कर्णधारों को सत्ता सौंप दी. 15 अगस्त का सवेरा भारतवासियो के लिए एक नई उमंग लेकर आया प्रात: काल से ही प्रभात-फेरियाँ प्रारम्भ हो गई
दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण हुआ, जिसे देखने के लिए वहाँ भारी भीड़ उमड़ पड़ी. सेना ने ‘राष्ट्रध्वज’ को सलामी दी. सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रध्वज को सम्मानपूर्वक फहराकर उसे सलामी दी गई. तभी से प्रतिवर्ष इस दिन हम स्वतन्त्रता-प्राप्ति की वर्षगाँठ मनाते हैं और राष्ट्रध्वज के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हैं
इस दिन दिल्ली में लाल किले पर ध्वजारोहण किया जाता है. भारत के सभी राज्यों में भी ध्वजारोहण करके ध्वज को सम्मान प्रदान किया जाता है. सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों एवं विभिन्न संस्थाओं में भी इस दिन ध्वजारोहण किया जाता है और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है
स्वतन्त्रता का स्वर्ण जयन्ती वर्ष
15 अगस्त 1947 ई० को जिस राजनैतिक स्वतन्त्रता को प्राप्त करने में हम सफल हुए थे, 15 अगस्त, 1997 ई० को उस राजनैतिक स्वतन्त्रता को प्राप्त किए 50 वर्ष पूर्ण हो गए
15 अगस्त, 1947 ई० में प्राप्त की गई स्वतन्त्रता पर हर्षोल्लास व्यक्त करने और 50 वर्षों तक अपनी स्वतन्त्रता को निरन्तर बनाए रखने के उपलक्ष्य में, वर्ष 1997 को बहुत ही अन्य तैयारियां की गई
15 अगस्त, 1997 ई० को स्वतन्त्रता का स्वर्ण जयन्ती समारोह मनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय, प्रान्तीय एवं क्षेत्रीय स्तरों पर योजना समितियों तथा क्रियान्वयन समितियों का गठन किया गया
इस प्रकार वर्ष 1997 में स्वतन्त्रता का स्वर्ण जयन्ती समारोह विशेष धूमधाम और अत्यधिक हर्षोल्लास से मनाया गया. स्वतन्त्रता दिवस हमारे लिए परम हर्ष और स्वयं को गौरवान्वित अनुभव करने का दिन होता है परन्तु इसकी सार्थकता तभी है जब हम आजादी के महत्त्व को समझे तथा सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक समानता पर आधारित समाज की संरचना के स्वप्न को साकार करने का संकल्प ले
अपने देश की एकता, अखण्डता और अपने अस्तित्व को बनाए रखने तथा भारत को प्रगतिशील बनाने की दृष्टि से यह एक ऐसा महान् अवसर है जब हमें निजी स्वार्थो से ऊपर उठकर स्वयं में राष्ट्रीय भावना को जाग्रत करना चाहिए तथा अपने राष्ट्र की समृद्धि प्रगति एवं खुशहाली हेतु समर्पित भाव से जुट जाना चाहिए
उपसंहार
हमने अत्यन्त कठिन संघर्ष एवं अथाह पीड़ा झेलने के बाद स्वतन्त्रता प्राप्त की है. निःसन्देह इस दिन अपनी स्वतन्त्रता का हर्षोल्लास व्यक्त करने का हमें अधिकार है किन्तु क्या हमने ब्रिटिश शासन से स्वतन्त्रता प्राप्त करके स्वतन्त्रता के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है?
वस्तुत: ऐसा नहीं है आज भी हम ईर्ष्या, द्वेष, साम्प्रदायिक भावनाओं, क्षेत्रीयता, जातीयता तथा रूढ़ियों आदि के बन्धन में जकड़े हुए हैं. समाज में प्रत्येक व्यक्ति को समान अधिकार तथा प्रगति हेतु आवश्यक समान अवसर भी प्राप्त नहीं हैं
हमारा प्रजातान्त्रिक आदर्श एक दिखावा और पाखण्ड बनकर रह गया है. जब तक हम इन सब बुराइयों से मुक्ति प्राप्त नहीं करते हमारी राष्ट्रीय स्वतन्त्रता निरर्थक बनी रहेगी
हम अवश्य ब्रिटिश शासन से मुक्त होने की खुशियाँ मनाएँ किन्तु यह न भूले कि हमारा कर्त्तव्य अब मात्र झण्डा फहराना और राष्ट्रीय गीत गाना ही नहीं रह गया है. हमें अभी अनेक बन्धनों से स्वतन्त्र होना है और इसके लिए हमें एक लम्बा संघर्ष करना है
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संक्षेप में
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bahut hi detail mein jankari hai