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दीपावली पर निबंध लेखन :- महत्व, अर्थ और मनाए जाने का कारण

Diwali Essay in Hindi : भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक दिवाली भी है जिसे कि हर साल बड़ी ही धूमधाम से कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है

क्या आप दीपावली पर निबंध लिखना चाहते हो, तो आपने एक सही पोस्ट को चुना है. आज मैंने आपको दीवाली पर तीन सबसे बेहतरीन निबंध बताये है. छात्रों के लिए ये निबंध काफी उपयोगी है. तो चलिए पढ़ते है

1) दिवाली पर निबंध – Diwali Essay in Hindi

Diwali Essay in Hindi

दीपावली भारत का सबसे प्रमुख त्योहार है. दीपावली को दीपों का त्योहार भी कहा जाता है. दीपावली का त्योहार अश्विन महीने की अमावस्या को मनाया जाता है. यह त्योहार भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों में भी बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है

हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम रावण को युद्ध में हराकर उसका वध करके चौदह वर्षों के वनवास के पश्चात अयोध्या वापस आए थे और इसी खुशी को प्रकट करने के लिए सभी अयोध्यावासियों ने दिये जलाकर उनका स्वागत किया था और तभी से लेकर अब तक हर साल दीपावली को त्योहार के रूप में मनाया जाता है

दीपावली का त्योहार हर साल अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है. इस त्योहार के कुछ दिन पहले से ही लोग इसकी तैयारियाँ शुरू कर देते हैं. अपने घर, दुकान इत्यादि की खूब अच्छी तरह साफ-सफाई करते हैं और दिवाली के दिन लोग अपने घर, दुकान, स्कूल, दफ्तर आदि को रंग-बिरंगी लाइट, झालर और मोमबत्तियों से सजाते हैं

दीपावली का त्योहार लगभग पाँच दिनों तक मनाया जाता है. यह खुशियों का त्योहार है. इस पर्व पर लोग नए कपड़े खरीदते हैं, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं, घर-घर में स्वादिष्ट मिठाइयाँ लाई जाती हैं. सभी लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के यहाँ मिठाइयाँ और गिफ्ट भेंट करते हैं. दीपावली का त्योहार हमें प्यार, भाईचारा, एकता और खुशियों का संदेश देता है

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2) दीपावली पर निबंध – Deepawali Essay in Hindi

प्रस्तावना

दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है. यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी माता जी की पूजा होती है. यह त्योहार दीपों का पर्व होता है इसीलिए बच्चे, बूढ़े और जवान सभी बहुत खुश होते हैं. इस दिन अंधेरी रात असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है

दीपावली मनाने का समय

हिंदू महीने के अनुसार दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है. अमावस्या की अंधेरी रात जलते हुए असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है. अंग्रेजी महीनों में दिवाली 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर के बीच मनाई जाती है

दीपावली का अर्थ

दीपावली जिसे “दिवाली” के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है. ‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है दीप + आवली

‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘श्रृंखला’ अथवा लाइन, जिसका मतलब हुआ दीपों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति

दीपावली मनाने का कारण

दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है. इस दिन श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद रावण को हराकर अयोध्या लौटे थे. भगवान राम के घर लौटने की खुशी में अयोध्या वासियों ने अपने घरों और पूरे शहर को घी के दीपों से सजाया था, तब से दीपावली मनाई जाने लगी. कई लोगों का मानना है कि माता लक्ष्मी इस दिन उन्हें धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं

दीपावली की तैयारियाँ

दीपावली की तैयारियां दिवाली के कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं. लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं. ऐसी मान्यता है साफ-सुथरे घरों में दिवाली के दिन माता लक्ष्मी आती हैं तथा आशीर्वाद देकर सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती हैं

दीपावली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के झालर लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं. व्यापारी और दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को सजाते हैं. बाजारों में खूब रौनक देखने को मिलती है क्यूंकि लोग खरीदारी करने बाजार जाते हैं और ढेर सारी मिठाइयां व पटाखे खरीदते हैं और भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियां खरीद कर घर में लाते हैं

दीपावली का वर्णन

दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है. धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार चलता है. पहले दिन धनतेरस होता है, धनतेरस के दिन सोने-चांदी से लेकर अन्य चीजों की खरीदारी की जाती है. दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं. इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना शुभ माना है

तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है. इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. इस दिन घरों को दिए, मोमबत्ती और रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है. लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते हैं. बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ी तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और शाम को फुलझड़ी, पटाखे छोड़े जाते हैं

चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था. दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है

दीपावली का महत्व

दीपावली एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है. शास्त्रों के अनुसार जब देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे तब समुद्र मंथन से 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई थी जिनमें से एक माता लक्ष्मी भी थीं

मान्यता है कि कार्तिक मास की अमावस्या को माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन, यश और वैभव सभी की प्राप्ति होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. दीपावली सिर्फ रौशनी का नहीं बल्कि आपसी प्रेम का त्यौहार भी है. यह परिवारों को एक साथ लाती है और खुशियाँ फैलाती है

दीपावाली से जुड़ी कुरीतियां

दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपनी बुरी आदत जैसे शराब का सेवन करना, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों को गलत तरीके से इस्तेमाल करके इसे खराब करने में जुटे रहते हैं. अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर त्याग दिया जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा

दीपावली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है. इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो जाता है. इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना बहुत अच्छा लगता है. बच्चे विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि जलाना बहुत पसंद करते हैं

उपसंहार

दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सदभाव का प्रतीक है. इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

दिवाली कब मनाई जाती है

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है

दिवाली क्यों मनाई जाती है

मान्यता है कि जब भगवान राम 14 साल वनवास पूर्ण कर तथा रावण को हराकर मां सीता को अयोध्या लेकर आए थे. तो अयोध्या वासियों ने उनका स्वागत विभिन्न दीपों को जलाकर किया था. इसी के साथ दिवाली की शुरुआत हुई

दिवाली के 5 दिन कौन-कौन से हैं

दिवाली के 5 दिन निम्नलिखित है
1) पहले दिन धनतेरस मनाया जाता है
2) दूसरा दिन छोटी दिवाली का होता है
3) तीसरा दिन दिवाली अमावस्या का होता है
4) चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है
5) पांचवें दिन भाई दूज मनाया जाता है

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संक्षेप में

उम्मीद है पढ़कर आप अच्छे से समझ गए होंगे दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) कैसे लिखा जाता है. आपको सबसे अच्छा निबंध कौन सा लगा हमें जरूर बताएं

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