दोस्तों क्या आप गणतंत्र दिवस पर भाषण (26 January Speech in Hindi) जानना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है. आज मैं आपको बताऊंगा कि 26 जनवरी, भारतीय गणतंत्र दिवस पर कैसे आप भाषण बोल सकते हैं
इस पोस्ट में आपको दो भाषण बताए गए हैं आपको जो अच्छा लगे आप उसे चुन सकते हैं. तो इन भाषणों को बड़े ही जोश के साथ बोलिएगा. चलो फिर जानते है
गणतंत्र दिवस पर भाषण – 26 January Speech in Hindi

आज के इस विशेष शुभ अवसर पर यहां पर उपस्थित सभी को सुप्रभात, मैं सचिन कक्षा दस का छात्र हूं. आज के इस विशेष अवसर पर हम सब लोग हमारे भारत का 74वा गणतंत्र दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं
सर्वप्रथम मैं आप सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि आप सभी लोगों ने मुझे इस शुभ दिन पर ये मौका दिया कि मैं गणतंत्र दिवस पर अपने विचार व्यक्त कर सकूं. आज का दिन उन देशभक्तों के त्याग, तपस्या, शौर्य और बलिदान की अमर कहानियां को याद करने का दिन है जिनके कारण हम गणतंत्र स्थापित कर सके हैं
शताब्दियों की परतंत्रता के उपरांत हमने 15 अगस्त 1947 को आजादी पाई. देश की स्वतंत्रता के ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को इस देश के कर्णधारों ने भारत के नवीन संविधान को लागू किया और तभी से भारत का सर्वोच्च शासक राष्ट्रपति कहलाता है. 26 जनवरी 1950 से आज के दिन को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं
26 जनवरी की तिथि का स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अपना महत्व है. भारतीय संविधान के निर्णय के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान प्रारूप समिति गठित की गई. 2 वर्ष 11 माह 18 दिन की कड़ी मेहनत के बाद प्रारूप समिति द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान बनाकर तैयार किया गया
यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी. 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा इसे स्वीकार किया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया
सविधान की सबसे खास बात ये है कि इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधान की अच्छी बातों को जगह दी गई है. संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य की नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से तो संशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से, ऐसी ही बहुत सी खासियत है जिनको नागरिकों की भलाई के लिए इस संविधान में जगह दी गई है
इसके बावजूद भी भारतीय गणतंत्र के सामने बहुत सारी चुनौतियां है जो अभी भी हमारे सामने खड़ी है. जैसे भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, बेरोजगारी, खराब स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, राजनीति का अपराधीकरण, खेत निर्माण की अनदेखी, किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य न मिल पाना आदि ऐसी बहुत सी समस्याएं है जिनका समाधान शासन को करने की आवश्यकता है
आज इस गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर अपने विचारों को अधिक न बढ़ाते हुए आइए आज हम सब एक प्रण करें कि हम सब अपने लोकतंत्र के सहयोग में आगे बढ़कर हिस्सा लेंगे और देश के विकास में सहर्ष योगदान करेंगे
जय हिंद…….. जय भारत……..
धन्यवाद
माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण और मेरे सभी मित्रों….सर्वप्रथम सन 2023 में आप सभी को हमारे प्रिय भारत देश के 74वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
वीर शहीदों का स्वप्न हुआ जो पूरा
आजादी का वो जश्न ना रहे अधूरा,
खातिर इसके हुआ संविधान का निर्माण दिन है
आज वही गणतंत्र का……
हमको इसपे बड़ा है मान……
आज का यह दिन हम सभी भारतीयों के लिए बहुत ही खास दिन है क्योंकि इसी दिन भारत को एक गणतांत्रिक देश के रूप में घोषित किया गया था. बड़े ही संघर्ष और मेहनत के बाद आखिरकार सन 1950 के जनवरी महीने की 26 तारीख को संविधान लागू हुआ
जी हां… मैं बात कर रहा हूँ… यशस्वी भारत के उस गौरवशाली संविधान की जिसकी नीव डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा रखी गयी थी. आज यही संविधान भारत की आत्मा है, या यूँ कहें कि भारतीयों के लिए 1950 में तैयार किये गए नियमों, कर्तव्यों और अधिकारों की व्याख्या है
इसका पालन देश के प्रथम व्यक्ति अर्थात राष्ट्रपति द्वारा भी किया जाता है. इस संविधान का सम्मान करना और इसे सर्वोपरि रखना हम सभी देशवासियों का मौलिक कर्त्तव्य है
15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता सेनानियों के बड़े संघर्ष के बाद हमें अंग्रेजों से आजादी मिली और ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को हमारा देश गणतंत्र बना, अर्थात भारत में वंशानुगत शासन नहीं हो सकता
गणतंत्र एक ऐसा राज्य होता है जहां के शासनतंत्र में सैद्धान्तिक रूप से देश के सर्वोच्च पद पर आम जनता का कोई भी व्यक्ति हो सकता है
हमारे संविधान ने हमें अपने प्रतिनिधियों को राजनीतिक नेता के रूप में चुनने का अधिकार दिया है. हमारा संविधान, जिसमें सभी नागरिकों के मूल कर्तव्यों, नियम और कानून का उल्लेख है, हमें उन सभी का पालन करना चाहिए
हमें देश के प्रति कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए साथ ही शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और नेता जी जैसे वीर शहीदों का पूरे दिल से सम्मान करना चाहिए आखिर आज उन्हीं के बलिदान के कारण हम बिना किसी संघर्ष के देश को प्रगतिपथ पर आगे बढ़ा पा रहे है
हमें ऐसे महान अवसरों पर वीर शहीदों को अवश्य याद करना चाहिए. आज देश की राजधानी में भारत की विविधता में एकता को दर्शाते हुए विभिन्न राज्यों की संस्कृति और परंपरा का एक बड़ा प्रदर्शन किया जाता है
हमें इससे मिलझुल कर रहने की प्रेरणा मिलती है. प्रगतिपथ पर तीनों सेनाओं के जौहर हमें एहसास दिलाते हैं कि हम सुरक्षित हैं. इंडिया गेट पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा वीरों को दिए जाने वाले पुरस्कार देशवासियों के हौंसलों को ओर भी बुलन्द करते हैं
लालकिले पर लहराता तिरंगा देश की आन, बान, शान और हमारे स्वाभिमान को बढ़ाता है. ऐसे राष्ट्रीय जश्न के मौकों पर एक भारतीय होने पर मेरा गर्व स्वतः ही बढ़ जाता है. आज के इस पावन दिन पर मैं यह कामना करता हूँ कि हमारे देश से धर्म व जातिगत भेदभाव और भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म हो जाए. अंत में बस चंद पंक्तियां कहना चाहूंगा
“चढ़े हंसकर मौत के ज़ीने पर, खाई गोली सीने पर,
अडिग थी आजादी की चाहत, खूनी घूंट भी पीने पर”
Read More –
संक्षेप में
उम्मीद है कि आपको 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस पर भाषण (26 January Speech in Hindi) अच्छा लगा होगा. अगर आपको भाषण अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिएगा ताकि गणतंत्र दिवस पर अच्छे से भाषण कैसे बोला जाता है जान सके. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !