3D Printer kya hai : दोस्तों 3D प्रिंटर का नाम आप ने टीवी, अखबारों या कई विज्ञापनों में जरूर पढ़ा या सुना होगा. आखिर 3D प्रिंटर कैसा होता है, यह क्या काम करता है, क्या इसके फायदे और नुकसान हैं यह प्रश्न आपके मन में जरूर उठा होगा
दोस्तों नमस्कार MDS BLOG में आपका हार्दिक स्वागत है. क्या आप जानना चाहते हैं 3D प्रिंटर क्या है (What is 3D Printer) तो आपके लिए यह जानकारी एकदम सही है. आइए बिना समय गवाएं 3D प्रिंटिंग के बारे में जानते हैं
3D प्रिंटर क्या है – What is 3D Printer in Hindi

हम सभी ने कभी न कभी प्रिंटर का इस्तेमाल किया होगा या फिर प्रिंटिंग जरूर करवाई होगी. प्रिंटर की मदद से हम किसी चीज़ का 2D यानी Two dimensional print निकाल सकते हैं
ऐसे ही 3D Printer भी एक ऐसा Printer है जिसके इस्तेमाल से हम किसी चीज़ का 3D Print निकाल सकते हैं. इसकी मदद से 3D printing की जाती है. एक तरह से इसकी मदद से हम किसी चीज़ को असल में बना सकते हैं
2D Printer किसी चीज़ की केवल image को किसी सतह पर छाप सकते हैं जबकि 3D printer किसी चीज़ को असल मे 3D में बना सकता है
जैसे माना हम एक Dog प्रिंट करना चाहते हैं तो 2D printer केवल उस Dog की 2D image को print कर सकता है, जबकि 3D printer असल मे उस Dog का एक 3D model या खिलौना जैसा Print निकाल सकता है
3D प्रिंटिंग क्या है – 3D Printing in Hindi
3D Printing एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक Digital File से एक 3D Solid object बनाया जा सकता है. यानी इसके जरिये एक Digital file को एक Three Dimensional वस्तु में बनाया जा सकता है
3D printing को Additive Manufacturing भी कहा जाता है. 3D Printing की शुरुआत 2010 में हुई थी और उस समय यह बहुत चर्चा में आया था. उस समय यह एक क्रांतिकारी आविष्कार माना जा रहा था
3D Printing का अधिकतर उपयोग Manufacturing और Prototyping के लिये किया जाता है. आमतौर पर manufacturing के लिए दुनिया भर में Subtractive manufacturing का प्रयोग किया जाता आ रहा है पर 3D Printing से अब manufacturing के लिए Additive manufacturing की प्रक्रिया भी अपनायी जा रही है
3D प्रिंटर कैसे काम करता है – How 3D Printer Works in Hindi
3D Printer द्वारा जिस चीज़ का प्रिंट निकालना हो, सबसे पहले Software द्वारा उसकी एक 3D Digital file बनाई जाती है, उसके बाद उसकी Slicing की जाती है और USB, SD या Wi-Fi द्वारा उसे प्रिंटर में feed किया जाता है
3D में प्रिंट करने के किये एक Filament का इस्तेमाल किया जाता है जो thermoplastic की तार जैसी होती है. जो अलग अलग व्यास यानी मोटाई और रंगों में आती है. इस filament का इस्तेमाल object के लिये raw material के रूप में होता है मतलब जो Object 3D printing के जरिए बनता है वो इसी फिलामेंट को पिघलाकर बनता है
प्रिंटर द्वारा इस फिलामेंट को गर्म करके पिघलाया जाता है और पिघलने के बाद इस फिलामेंट से ही Object की layer यानी परतें बनाई जाती हैं. यह filament printer की ink की तरह काम करता है और इसी से Object को प्रिंट किया जाता है. इसी तरह से किसी भी Object का 3D प्रिंट निकाला जाता है
3D प्रिंटिंग कैसे काम करती है – How 3D Printing Works in Hindi
3D Printer या 3D Printing निम्लिखित प्रकार से काम करती है
- 3D Printer की Working process की शुरुआत होती है 3D modelling से, किसी भी Object को 3D में Print करने के लिए हमे पहले computer में software के जरिये उस object की 3D digital file बनानी होती है
- इसके बाद उस Object की Slicing होती है. Slicing का अगर हम हिंदी अर्थ समझें तो इसका मतलब होता है टुकड़े करना, साधारण शब्दों में कहें तो इस चरण में उस Object को कई परतों या layers में बांटा जाता है
- इसके बाद उस Sliced की गई file को प्रिंटर में feed किया जाता है. File को प्रिंटर में feed करने के लिये हम USB, SD या Wi-fi का इस्तेमाल कर सकते हैं
- इसके बाद प्रिंटर द्वारा उस object को layer by layer Print करना शुरू कर दिया जाता है. सबसे पहले Object की सबसे नीचे वाली परत प्रिंट की जाती है और ऐसे ही एक परत के ऊपर दूसरी परत Print करके object का 3D प्रिंट बनाया जाता है
Subtractive Manufacturing क्या है – Subtractive Manufacturing in Hindi
कई सारे Products का Objects को manufacture करने या बनाने के किये Subtractive manufacturing की तकनीक का प्रयोग काफी समय से दुनिया भर में चलता आ रहा है. इसके हिंदी अर्थ से हम काफी हद तक समझ सकते हैं के यह प्रकिया कैसे काम करती है
Subtract का मतलब होता है घटाना, यानी ये ऐसी प्रकिया है जिसमें हम raw material यानी कच्चे माल को घटा कर या कम करके कोई object बनाते हैं
उदाहरण के लिए हम एक cricket बैट को ले लेते हैं. एक क्रिकेट बैट को बनाने के लिये एक बड़ा लकड़ी का ब्लॉक लिया जाता है और फिर उसमें से एक्स्ट्रा लकड़ी को काट कर या हटा कर बैट बनाया जाता है. यानी इसमें raw material को हटा कर कोई product बनता है
Additive Manufacturing क्या है – Additive Manufacturing in Hindi
Additive manufacturing की प्रक्रिया Subtractive manufacturing के बिल्कुल विपरीत है और 3D Printing इसी प्रक्रिया पर काम करती है
इसमें घटाने की बजाय जोड़ यानी Add कर object या product बनाया जाता है. इसमें layer के ऊपर लेयर जोड़कर Product बनाया जाता है
शुरुआत में कुछ नहीं होता है और फिर layer by layer किसी product को बनाया जाता है. इसमें ऐसा नहीं होता कि किसी चीज़ से घटा कर या काट कर नया product बनता है, इसलिए इसमें material waste नहीं होता है
3D प्रिंटिंग के फायदे – Benefits of 3D Printing in Hindi
3D Printing एक बहुत ही अच्छी तकनीक है जिसके निम्नलिखित फायदे हैं
- इसके जरिये Additive manufacturing की जा सकती है. जिसके जरिये कच्चे माल की खपत कम होती है और वह waste नहीं होता है
- 3D Printing का इस्तेमाल अलग-अलग क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में किया जा सकता है
- यह Subtractive manufacturing की तुलना में अधिक सस्ती है
- यदि कम मात्रा में Production करना हो तो यह किफ़ायती साबित होता है
- इसका फिलामेंट अधिक महंगा नहीं होता है
- इसके जरिये हम जटिल दिखने वाली चीजों को भी आसानी से Print कर सकते हैं
3D प्रिंटिंग के नुकसान – Disadvantages of 3D Printing in Hindi
3D Printing निश्चित ही एक बेहतरीन technology है पर इसके कुछ नुकसान भी हैं जो निम्नलिखित हैं
- इसके द्वारा बनाये गए Product कमजोर होते हैं ये आसानी से टूट सकते हैं
- यह बहुत अधिक उपयोगी नहीं है क्योंकि आमतौर पर हम प्रिंटिंग का इतना ज्यादा उपयोग नही करते हैं
- यह बहुत ही धीमी गति से काम करती है. इसकी तुलना में Subtractive manufacturing के जरिये अधिक तेजी से काम किया जा सकता है
संक्षेप में
दोस्त उम्मीद है आपको 3D प्रिंटर क्या है (What is 3d Printer) यह जानकारी अच्छी लगी होगी. अगर आपको यह जानकारी कुछ काम की लगी तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर कीजिएगा
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