नमस्कार, क्या आप आतंकवाद पर निबंध – Essay on Terrorism in Hindi खोज रहे हैं तो आपने एकदम बिल्कुल सही लेख को चुना है. आज मैं आपको आतंकवाद पर निबंध किस प्रकार लिखा जाता है इसके बारे में पूरी जानकारी दूंगा
दोस्त आज की इस पोस्ट में हमने आपको हेडिंग्स के साथ आतंकवाद पर निबंध बताया है और उन मूल तत्वों की जानकारी दी है जोकि आतंकवाद को प्रेरित कर रहे हैं. तो चलिए बिना देरी करें हुए आतंकवाद पर निबंध को जानते हैं
आतंकवाद पर निबंध – Essay on Terrorism in Hindi
प्रस्तावना
मानव मन में विद्यमान डर उसे निष्क्रिय बना देता है इस बात का अनुभव आपने कई बार किया होगा इसी भय का सहारा लेकर समाज का व्यवस्था विरोधी वर्ग अपने दूषित और निम्न स्तरीय स्वार्थों की सिद्धि के लिए समाज में आतंक फैलाने का प्रयास करता है
स्वार्थ सिद्धि के लिए यह वर्ग हिंसात्मक साधनों का उपयोग करने से भी नहीं चूकता इसी से आतंकवाद का उदय होता है और आतंकवाद की समस्या सिर्फ हमारे ही देश की नहीं सभी देशों की एक बड़ी समस्या बन चुकी है
कहीं भुखमरी, कहीं बेरोजगारी, कहीं पर अकाल पड़ रहा है तो कहीं पर बाढ़ प्रकोप दिखा रही है इन समस्याओं में सबसे बड़ी समस्या है आतंकवाद की समस्या है जो देश रूपी वृक्ष को धीरे-धीरे खोखला करती जा रही है
आतंकवाद का स्वरूप और परिभाषा
आतंकवाद का अभिप्राय है वह अतिवादी विचारधारा जो डर फैला कर अपनी बात मनवाने का प्रयास करती है
भौतिकवादी युग ने सत्ता की भूख बढ़ा दी है सत्ता न मिलने पर असंतोष फैलता है इसकी अभिव्यक्ति होती है डर या आतंक फैलाकर मनचाही बात मनवाने या वस्तु हड़पने में
अपेक्षित समुदाय आज अपना अस्तित्व प्रमाणित करने के लिए संगठित होकर आतंक फैलाने का मार्ग अपना रहे हैं जिससे की आम लोगों को समस्याएं हो रही है
आतंक का सामान्य अर्थ डर है जब कोई व्यक्ति या कोई समूह हिंसा करके अपने स्वार्थ को पूरा करता है तो वह आतंकवादी कहलाता है. इस प्रकार की अतिवादी हिंसक विचारधारा आतंकवाद कहलाती है
जब किसी व्यक्ति द्वारा फैलाया गया डर सीमित क्षेत्र में होता है तो वह गुंडागर्दी के नाम से जाना जाता है परंतु जब यही डर पूरे के पूरे समूह या फिर देश या फिर किसी बड़े क्षेत्र में होता है तो वह आतंकवाद कहा जाता है इसके प्रभाव में क्षेत्र आतंकवाद से ग्रस्त क्षेत्र कहलाता है
आतंकवादियों का केवल एक ही उद्देश्य होता है सरकार और देश के लोगों में भय उत्पन्न करके अपनी अनुचित बातों को मनवाना आतंकवादियों का कोई देश, धर्म तथा जाति नहीं होती है कानूनी व्यवस्था को दुष्ट कर आतंकवादी देश में आराजकता फैलाते हैं
विश्व में व्यक्त हिंसा की प्रवृत्ति और आतंकवाद
आज लगभग पूरी दुनिया आतंकवाद की चपेट में है राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए सार्वजनिक हिंसा और हत्याओं का मार्ग अपनाया जा रहा है. संसार की भौतिक दृष्टि में संपन्न देशों में आतंकवाद की यह प्रवृत्ति और भी ज्यादा पनप रही है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन कैनेडी और भारतीय प्रधानमंत्रियों श्रीमती इंदिरा गांधी तथा श्री राजीव गांधी की हत्या, भारत के हवाई जहाज का अपहरण, अमेरिका में हवाई जहाज द्वारा विस्फोट पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की बहुमंजिला इमारत को क्षतिग्रस्त करना अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के कुछ उल्लेखनीय उदाहरण है
भारत में आतंकवाद का उदय
भारत में इसका उदय सन 1967 में बंगाल में नक्सलवाद से हुआ है नक्सलवादी आंदोलन ने सन 1974 तक ना जाने कितनी जाने ले ली नक्सलवाद की कहर को तब पूरा देश महसूस करता था और आज तक भी आतंकवादियों द्वारा हमारे देश पर कई बार आत्मघाती हमले करवाए जाते हैं
कश्मीर में पाकिस्तान प्रति-शिक्षित आतंकवादियों द्वारा कई वर्षों से निर्दोष लोगों की हत्या का सिलसिला जारी है और आज भी वह ऐसा करने में नहीं चूक रहे हैं
कश्मीर में आतंकवाद सीधे-सीधे पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा प्रेरित किया जा रहा है इसके प्रमाण पकड़े गए घुसपैठियों आतंकवादियों से कई बार मिल चुके हैं प्रशिक्षित आतंकवादी कश्मीर में लगातार आतंकवाद फैला कर वहीं की जनता का मनोबल तोड़ने में आज भी लगे हुए हैं
अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ अत्याचार करके उनको कश्मीर छोड़ने पर विवश किया जा रहा है. जिससे कि पाकिस्तान उस पर कब्जा कर सकें अब तक लाखों कश्मीरी हिंदू बेघर होकर भटक रहे हैं तथा हजारों आतंकवादी हमलों में मारे गए हैं.
पाकिस्तानी आतंकवादी कश्मीर में सफलता न पाकर बड़े शहरों यहां तक कि दिल्ली के संसद भवन, मुंबई के ताज होटल को भी निशाना बना चुके हैं
हालांकि अब हमारा देश विकसित हो रहा है और आतंकवाद को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार हो रहा है. भारत सरकार का हमेशा से ही आतंकवाद को नष्ट करने का प्रयास रहा है जिसमें कि कई बार सफलताएं भी हासिल हुई है
विश्व में आतंकवाद का स्वरूप
आतंकवादी गतिविधियां अब कुछ व्यक्तियों या राष्ट्र तक ही सीमित नहीं रह गई है पूरे विश्व में यह पैर पसार चुकी है बड़े छोटे सभी देश आतंकवाद की चपेट में आ रहे हैं. बांग्लादेश नेपाल पाकिस्तान श्री लंका और अमेरिका तथा यूरोप सब पर यह अपना प्रभाव दिखा रहा है
अमेरिका के ट्विन टावर को पल भर में नष्ट करने का आतंकी हमला आज भी निगाहों में आता है. भारत में आतंकवादी गतिविधियों हेतु सहायता देने वाला पाकिस्तान भी स्वयं को आतंकवाद की अग्नि से नहीं बचा पाया है वर्ष 2007 में वहां आतंकियों ने बेंजीर भुट्टो की हत्या कर दी पाकिस्तान के इलाकों में तालिबान प्रयोजन आतंकवाद चरम पर है
अमेरिका बार-बार तालिबान विरोधी कार्यवाही करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है. इस प्रकार आतंकवाद किसी राष्ट्र विशेष या क्षेत्र विशेष की समस्या नहीं है यह एक प्रवृत्ति है जो आज संपूर्ण मानव समाज में फैल रही है
यदि समय रहते इस प्रवृत्ति को समाप्त ना किया गया तो पृथ्वी में कोई मानव जीवन सुरक्षित नहीं है तथा सुखमय जीवन जीने के लिए एक अच्छी सुरक्षा प्रदान करना असंभव है
आतंकवाद के कारण
आज संपूर्ण विश्व में फैले आतंकवाद जहां धर्म से कुछ-कुछ संबंध है वहीं राष्ट्र के भीतर फैलाया जा रहा आतंकवाद सत्ता और राजनीतिक स्वार्थों का एक फल है भारत में अलगाववादी प्रवृत्तियों के कारण भी आतंकवाद फैल रहा है
क्षेत्रवाद और व्यक्तिवाद का रक्त सत्ता में बैठे लोगों को ऐसा मुंह लग चुका है कि वह सत्ता के लिए आतंकवाद को जानबूझकर पैदा किया जा रहा है उनका लगाए गया बबूल का पेड़ अपने कांटो से उनका दामन भी तार-तार कर सकता है यह बात वे लोग भूल रहे हैं
कैसे होगा आतंकवाद का समाधान ?
आतंकवाद का स्वरूप एक उद्देश्य कोई भी हो, इसका भौतिक क्षेत्र में कितना भी सीमित या विस्तृत विस्तार क्यों ना हो किंतु यह तो स्पष्ट है कि इसने हमारे जीवन को अनिश्चित और असुरक्षित बना दिया है
आतंकवाद मानव जाति के लिए एक कलंक है इसलिए इसका कठोरता से समाधान किया जाना चाहिए. भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों को बड़ी गंभीरता से लिया है और इनकी समाप्ति के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदमों को उठाया है
भारत की संसद ने आतंकवाद विरोधी विधेयक पारित कर दिया है जिसके अंतर्गत आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले व्यक्तियों को कठोर से कठोर दंड देने की व्यवस्था की गई है
आतंकवाद की समस्या का समाधान मानसिक और नैतिक दोनों ही स्तरों पर किया जाना जरूरी है. जिन लोगों को पीड़ा हुई अथवा जिनके परिवार अथवा संपत्ति को नुकसान पहुंचा है तथा जिनके संबंधियों और रिश्तेदारों की मृत्यु हुई है उन्हें भरपूर मानसिक एवं नैतिक समर्थन दिया जाना चाहिए जिससे कि लोग आतंकवाद के लिए जागरूक हो सके
आतंकवाद और अलगाववाद की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक है कि सरकार के प्रति जनता में विश्वास जगाया जाए इसके अतिरिक्त जहां एक और आतंकवादियों के साथ कठोर व्यवहार करना चाहिए वही गुमराह युवकों को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश भी करनी चाहिए
आतंकवादियों को पकड़ने तथा उन्हें दंडित करने के लिए आधुनिक साधनों, तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए इसके लिए जनता को शिक्षित करना भी आवश्यक है जिससे जनता आतंकवादियों से लड़ने में डर का अनुभव ना करें.
आतंकवादियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रयास किए जाने चाहिए आवश्यकता इस बात की है कि सभी देश एकमत होकर आतंकवाद को समाप्त करने का संकल्प लें जो कि सभी के हितों में सही होगा
उपसंहार
यह कैसी विडंबना है कि गुरु नानक और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों की जन्म भूमि पिछले कुछ दशकों से सबसे अधिक अशांत और हिंसात्मक हो गई है
अब तो ऐसा प्रतीत होता है कि देश के करोड़ों नागरिकों ने हिंसा की सत्ता को स्वीकार करते हुए उसे अपने दैनिक जीवन का अंग बना लिया है
भारत के विभिन्न भागों में हो रही आतंकवादी गतिविधियों ने देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए संकट उत्पन्न कर दिया है. आतंकवाद का समूल नाश ही इस समस्या का समाधान है
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संक्षेप में
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