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वायु प्रदूषण पर निबंध

Air Pollution Essay in Hindi : दोस्त क्या आप लिखना चाहते हैं वायु प्रदूषण पर निबंध एक शानदार तरीके से तो आपके लिए यह पोस्ट काफी उपयोगी साबित होगी

नमस्कार MDS BLOG में आपका हार्दिक स्वागत है. आज मैं आपको वायु प्रदूषण पर निबंध किस प्रकार लिखा जाता है इसके बारे में अवगत कराना चाहता हूं. आज की यह पोस्ट कक्षा 5,6,7,8,9,10,11,12 सभी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी है. तो आइए वायु प्रदूषण पर निबंध जानते है

वायु प्रदूषण पर निबंध – Air Pollution Essay in Hindi

वायु प्रदूषण पर निबंध, Air Pollution Essay in Hindi

“आओ मिलकर पेड़ लगाएं,
वायु प्रदूषण को दूर भगाएं”

प्रस्तावना

मनुष्य के जीवन के लिए सबसे आवश्यक पंचतत्वों में से एक है वायु, बिना शुद्ध वायु के मनुष्य का सांस लेना नामुमकिन है. शुद्ध वायु के बिना मानव शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचने पर तमाम स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है

इसलिए हमारे वायुमंडल का स्वच्छ रहना बेहद आवश्यक है. लेकिन आजकल विभिन्न मानवीय गतिविधियों के कारण वायुमंडल की हवा जहरीली होती जा रही है. फलस्वरूप वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है

वायु प्रदूषण का अर्थ

वायु में हानिकारक प्रदूषकों के एकत्रित होने को वायु प्रदूषण कहते है. दूसरे शब्दों में जब शुद्ध ताजी हवा – धूल, धुआं, विषैली गैसों, मोटर वाहनों, मिलों और कारखानों आदि के कारण प्रदूषित होती है तो उसे वायु प्रदूषण कहते हैं. यह मानव को, अन्य जीव जंतुओं को और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है. वायु प्रदूषण के कारण मौतें और श्वास रोग होते हैं

वायु प्रदूषण के कारण

वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं –

1) बढ़ती आबादी

भारत देश में तेजी के साथ हो रही जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग हो रहा है. बढ़ती आबादी के कारण वनों की कटाई और औद्योगीकरण में भी भारी बढ़ोतरी हुई है. फैक्ट्रियों से निकलने वाली जहरीली हवा ने वायु को दूषित कर दिया है

2) बढ़ते उद्योग

विकसित बनने की होड़ में देश में औद्योगिकरण की लहर सी दौड़ रही है. परन्तु बढ़ते उद्योग के कारण आज भारत के कई शहर जोखिम निशान के ऊपर है. ऐसे शहरों में सांस लेना मुश्किल हो गया है

3) वाहनों में बढ़ोतरी

आज बढ़ती आबादी के कारण आवागमन के साधनों में भी वृद्धि हुई है. बसों, वायुयानों, स्कूटरों, मोटरगाड़ियों आदि की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है. इन सभी वाहनों से निकलने वाले धुएं और हानिकारक गैसों से वायुमण्डल में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है

4) वनों की अंधाधुंध कटाई

वृक्ष वायुमण्डल के प्रदूषण को निरन्तर कम करने का काम करते हैं. पौधे हमारे लिए हानिकारक गैस कार्बन डाई आक्साइड को अपने भोजन के लिए ग्रहण करके जीवनदायिनी गैस आक्सीजन प्रदान करते हैं. लेकिन आजकल मनुष्य अपनी सुख-सुविधा हेतु वनों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है

5) परमाणु परीक्षण

आज देशों में आपसी प्रतिस्पर्धा बढ़ने लगी है. प्रत्येक देश खुद को दूसरे से शक्तिशाली और अधिक सशक्त साबित करना चाहता है. कारणवश सभी देश हथियारों और परमाणु शक्ति हासिल करने में लगे हुए हैं. देशों द्वारा किये जाने वाले परमाणु परीक्षण वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं

वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव

वायु प्रदूषण आज सम्पूर्ण विश्व के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. इसके अनेकों हानिकारक प्रभाव देखने को मिलते हैं

  • वायुमण्डल में लगातार बढ़ती हानिकारक गैसें हमारे फेफड़ों से होते हुए शरीर के अंदर जाती हैं. जिससे श्वसन और आंखों से संबंधित कई तरह की परेशानियाँ हो सकती हैं
  • वाहनों व कारखानों से निकलने वाले धुएँ में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा पाई जाती है. जो वर्षा के पानी के साथ पृथ्वी पर गिरती है जिससे कि भूमि की अम्लता बढ़ती है और उत्पादन क्षमता घटने लगती है
  • प्रदूषित वायु के कई तरह के जहरीले तत्व पाए जाते हैं जिनसे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियाँ हो सकती हैं
  • वायु प्रदूषण के कारण ऑक्सीजन के स्तर में आती लगातार कमी मानवों के साथ-साथ विभिन्न प्राणियों के लिए भी घातक है
  • वायु प्रदूषण के दुष्परिणाम हमारे साथ-साथ विभिन्न प्राणी भी भुगत रहे हैं. वायु में से प्रदूषित तत्वों का अवशोषण फसलों, वृक्षों आदि द्वारा किए जाने पर जीव-जंतुओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है

वायु प्रदूषण से बचने के उपाय

1) वनों की हो रही अन्धाधुन्ध कटाई को रोका जाना चाहिए. इस दिशा में सरकार के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाएं व प्रत्येक मानव को प्रयास करना चाहिए और वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए

2) शहरीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए गाँवों व कस्बों में ही रोजगार व कुटीर उद्योगों व अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराना चाहिए

3) कारखानों को शहरी क्षेत्र से दूर स्थापित कर ऐसी तकनीक उपयोग में लानी चाहिए जिससे अवशिष्ट पदार्थ व गैसें अधिक मात्रा में वायु में न मिल पाएं

4) शिक्षा की उचित व्यवस्था की जाए और परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता फैलाई जाए ताकि जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाई जा सके

5) वाहनों में ऐसे ईंधन के उपयोग को वरीयता दी जाए जिसके उपयोग करने से धुआँ कम-से-कम निकले

6) सौर ऊर्जा व ऊर्जा के वैकल्पिक संसाधनों के प्रयोग पर जोर दिया जाना चाहिए

7) शहरों-नगरों में अवशिष्ट पदार्थों के निष्कासन हेतु सीवरेज की व्यवस्था होनी चाहिए

8) सरकार द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर विभिन्न माध्यमों के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु जन-जन में जागकता फैलाई जानी चाहिए

उपसंहार

मानव द्वारा पृथ्वी पर फैलाए गए प्रदूषण के कारण मानव को ही नित नए-नए रोगों से सामना करना पड़ता है. दिन-प्रतिदिन पर्यावरण की ताजी हवा के लिए लोग तरस रहें हैं. यदि इसका समाधान जल्द ही नहीं किया गया तो सम्पूर्ण विश्व को घातक परिणाम भुगतने होंगे

पूरी दुनिया के लोगों के सामूहिक प्रयासों के द्वारा वायुपुत प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और भी बहुत से सकारात्मक प्रयासों को करना इस दिशा में सार्थक सिद्ध होंगे

प्रदूषण एक बीमारी है,
जिसकी चपेट में दुनिया सारी है,
वक़्त रहते यदि ना हम सुधरे,
तो होनी बड़ी तबाही है ।

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संक्षेप में

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