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अनेकता में एकता पर निबंध

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

नमस्कार दोस्तों MDS BLOG में आपका स्वागत है क्या आप अनेकता में एकता पर निबंध (Essay on unity in diversity) खोज रहे हैं तो आपने एक सही पोस्ट का चुनाव किया है.

आज की इस पोस्ट में हम आपको अनेकता में एकता पर निबंध कैसे लिखा जाए और अनेकता में एकता क्या है इसके बारे में बताएंगे आइए जानते हैं

पाठ्यक्रम show
अनेकता में एकता पर निबंध – Essay on unity in diversity
प्रस्तावना
भारतीयता एक संस्कृति
महत्वपूर्ण संस्कृतिक सूत्र
अनेकता में एकता
उपसंहार

अनेकता में एकता पर निबंध – Essay on unity in diversity

अनेकता में एकता पर निबंध - Essay on unity in diversity

प्रस्तावना

भारत अति प्राचीन सभ्यता और संस्कृति वाला देश है इसका भौगोलिक विस्तार भले ही आज का सिमट गया है परंतु एक समय था जब भारतीय सभ्यता और संस्कृति के उपनिवेश विश्व के सुदूर क्षेत्रों में स्थापित थे

आज का भारत वर्ष भी एक विस्तृत भू-भाग में अपना ध्वज लहरा रहा है इस भौगोलिक क्षेत्र के भीतर निवास करने वाले सभी व्यक्ति जिन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त है भारतीय कहलाते हैं तथा इनकी अनेकता में एकता का परिणाम सदैव ही देखने को मिलता है

भारतीयता एक संस्कृति

भारत में रहने वाले सभी प्रांतों के निवासी चाहे जो भी भाषा बोलते हो, चाहे जिस भी धर्म का पालन करते हो सब एक ही है. कोई हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन कुछ भी हो परंतु पहले वे भारतीय है. हमारे प्राचीनतम विचारकों का जीवन सूत्र “वसुधैव कुटुंबकम” भारतीयों की उदारता का जीवन प्रमाण है

यहां विभिन्न आस्थाओं वाले लोग सदियों से साथ साथ रहते चले आए हैं. अपनी विभिन्नओं को रखते हुए भी ये सब मन और संस्कार में लगभग एकाकार हो गए हैं भारतीय जीवन मूल्यों के प्रति आस्था उन्हें भारतीय संस्कृति का प्रवक्ता बना देती है

भारत का एक ईसाई भारतीय जीवनशैली के ज्यादा करीब है अंग्रेजी जीवनशैली के नहीं, इसका कारण यही है कि वर्षों से सहजीवन ने सबमें सारे विभिन्नओं के बावजूद एकता का एक ऐसा वातावरण रचा है जो संसार में अनोखा है

महत्वपूर्ण संस्कृतिक सूत्र

भारतीय संस्कृति एकता का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक सूत्र है. सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान है, ईश्वर हम सबका जन्मदाता है और सारी धरती एक परिवार है. भारत में रहने वाले भारतीय इस विचारधारा को मानते हैं कि आज संसार के विभिन्न देशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोग भी इसी सांस्कृतिक सूत्र में बंधे हुए हैं

भारतीय सांस्कृतिक की महत्वपूर्ण विशेषताएं समरसत्ता, समान भाषा, समान रिती रिवा, वेशभूषा, नृत्य तथा संगीत, भोजन आदि के स्तर पर विभिन्नओं के बावजूद भारत विश्व में अनेकता में एकता को प्रदर्शित करने वाला एक विशाल देश है

अनेकता में एकता

संपूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति की “अनेकता में एकता” चर्चा का और आश्चर्य का विषय रही है. पश्चिमी समाजशास्त्री आज भी अचंभित है कि इतने विशाल भू-भाग के निवासी मिल जुलकर कैसे रहते हैं इनमें असमानताओं के बावजूद समरसत्ता कैसे हैं?

भारतीय संस्कृति में समरसत्ता का महत्वपूर्ण और प्रथम स्थान है. भारत का विशाल भू-भाग अनेक प्रांतों में विभक्त है. यहां हर प्रदेश में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च, मठ, आर्य समाज मंदिर, बौद्ध मंदिर, जैन मंदिर आदि मिल जाएंगे

सभी धर्मों के लोग सभी त्योहारों को खुशी से मिलजुल कर मनाते हैं. ईद, होली, दीपावली, क्रिसमस सब पर पूरा देश रौनक से भर जाता है. 15 अगस्त और 26 जनवरी पूरा राष्ट्र एक साथ उत्साह से मनाता है

भाषा एकता भी सांस्कृतिक एकता को दृढ़ करती है. पंजाब में मुसलमान पंजाबी बोलता है तो बंगाल में मुसलमान बांग्ला बोलता है. एक प्रांत के सभी निवासी एक ही भाषा बोलते हैं धर्म भिन्न-भिन्न होते हुए भी उनकी बोल-चाल और व्यवहार में एकता है

देश में 22 राष्ट्रीय भाषाएं हैं परंतु संपर्क भाषा के रूप में सब राष्ट्रभाषा हिंदी का ही प्रयोग करते हैं. अलग-अलग वेशभूषा के बावजूद भारतीय अपनी सुविधा, रुचि और मौसम के अनुरूप उस में फेर बदल करते हैं

फिर भी मोटे तौर पर स्त्रियों में साड़ी या सलवार-सूट तथा पुरुषों में धोती-कुर्ता का चलन अधिक है. मजे की बात यह है कि साड़ी एक ऐसा परिधान है जिसे अनेक प्रांतों में अलग-अलग ढंग से पहना जाता है

भारत में भोजन की विविधता भी कम नहीं है. जैसे- राजस्थान में दाल बाटी, चूरमा कोलकाता में मछली भात, पंजाब में साग रोटी, दक्षिण भारत में इटली डोसा, उत्तर भारत में दाल रोटी आदि प्रसिद्ध है परंतु अनेकता में एकता का प्रमाण यह है कि आज उत्तरी भारतीय लोग जितने शौक से इटली डोसा खाते हैं उतने ही चाव से दक्षिण भारत के लोग छोले-भटूरे और दाल रोटी खाते हैं

भारतीय नृत्य की अनेक शैलियां है. भारतनाट्यम, ओड़ीसी, कुचिपुड़ी, कथकली, कत्थक आदि परंपरागत नृत्य शैलियां है. भांगड़ा, गरबा, घूमर, दांडिया तथा नगा लोकप्रिय नृत्य शैलियां भी है. दूरदर्शन के प्रभाव से आज पूरे देश में लोगों को इन्हें सीखने का अवसर मिला है जिससे एकता बढ़ती हुई प्रदर्शित होती है

भारतीय संगीत की भी पारंपरिक शास्त्रीय शैलियां रही है. शास्त्रीय रागों के अतिरिक्त लोकगीतों का विस्तृत संसार भी है यह लोकगीत और लोकनृत्य हमारी सांस्कृतिक एकता और दृढ़ता को बढ़ाते हैं

उपसंहार

संपूर्णता देखा जाए तो भारतीय संस्कृति अनेक रंग-बिरंगी और सुगंधित पुष्पों का एक ऐसा गुच्छा है जिसके सभी पुष्प अपने अस्तित्व को बनाए हुए भी सम्मानित रूप से एक जैसे प्रतीत होते हैं कहने का आशय यह है कि भारत में विभिन्न धर्मों के लोग अनेकता में एकता का सबसे बड़ा पद चिन्ह विश्व को देते हैं

Read More – 

  • राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबंध
  • राष्ट्रीय एकता पर निबंध
  • प्रदूषण पर निबंध

संक्षेप में

दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको अनेकता में एकता पर निबंध अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध पसंद आया है तो इसे जरूर शेयर कीजिएगा ताकि लोगों को भी हमारे देश में अनेकता में एकता के बारे में पढ़कर गर्व हो

दोस्तों MDS BLOG आपको कई तरह की शिक्षात्मक जानकारियां से वाकिफ कराता है. अगर आप नई-नई शिक्षात्मक जानकारियों को जानने में दिलचस्पी लेते हैं तो MDS Blog के साथ जरूर जुड़िए. MDS Blog पर पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया

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