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अतिथि देवो भवः पर निबंध

दोस्तों नमस्कार क्या आप भी अतिथि देवो भवः पर निबंध – Atithi Devo Bhava Essay in Hindi खोज रहे हैं तो मैं आपका दोस्त हाजिर हूं और आपको सिखाऊंगा कि अतिथि देवो भव पर निबंध किस प्रकार लिखा जाता है. आइए जानते हैं

अतिथि देवो भवः – Atithi Devo Bhava in Hindi

अतिथि देवो भव पर निबंध, Atithi Devo Bhava Essay in Hindi

प्रस्तावना

हम सभी जानते हैं कि हमारा देश भारत एक बहुत बड़ा सांस्कृतिक देश है. यहां विभिन्न प्रकार की परंपरा लोगों के लिए बहुत अधिक मायने रखती है

हिंदी भाषा की जननी संस्कृत भाषा में एक वाक्य अतिथि देवो भवः है जिसका अर्थ होता है कि मेहमान भगवान के रूप होते है

बहुत पुराने समय से ही हमारी संस्कृति में हमारे अतिथि को भगवान का दर्जा दिया जाता है तथा उनका आदर और सम्मान किया जाता है

हमारे घर में आने वाले व्यक्ति जैसे हमारे रिश्तेदार, दोस्त, पड़ोसी, सगे-संबंधी सभी हमारे मेहमान होते हैं जिनका कि हमें सदैव आदर सम्मान करना चाहिए

अतिथि सत्कार का महत्व

भारतीय संस्कृति में अतिथि देवो भव का काफी अधिक महत्व है. हमारे अतिथि हमारे लिए देवी-देवताओं के समान है

छोटी कक्षा से ही हमें सिखाया जाता है कि अतिथि परमात्मा का एक रूप है. प्राचीन काल से ही माना जाता है कि जो लोग अतिथि को भगवान के समान दर्जा देते हैं उन्हें कोई भी मुसीबत नहीं आती है. अतिथि यानी भगवान सदा उसके साथ बुरे वक्त में खड़े रहते है

अतिथि सत्कार है आवश्यक

माना जाता है कि अन्न ग्रहण और जलपान कराने से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है और सामाजिक संस्कार का निर्वाहन होता है

जिससे सभी देवी-देवता खुश होकर हमें आशीर्वाद देते हैं. आपने मूवी तो देखी ही होगी अतिथि तुम कब जाओगे

इस मूवी में आपको बताया गया है कि आपके लिए अतिथि आपकी लाइफ में कितने मायने रखते हैं और हमें इन्हें कितना सम्मान प्रदान करना चाहिए. यह हमारी लाइफ में कितना चेंज ला सकते हैं

यह मूवी हमें यह एहसास करा दी है कि यह हमारी दुनिया “वासुदेव कुटुंबकम” है यानी सारा संसार हमारा परिवार है और हमें ऐसे परिवार की तरह व्यवहार करना चाहिए

मॉडर्न अतिथि संस्कार

समय बदलने के कारण अतिथि का मतलब भी बदल गया है. जिससे अतिथि देवो भव पर प्रभाव पड़ा है. आज के समय में हम अतिथि को एक बाधा के रूप में देखते हैं और उनकी सेवा करने से कतराते हैं

हमें किसी भी व्यक्ति का अपने घर आना और ज्यादा दिन तक रहना पसंद नहीं आता और आजकल के समय में चोरी, डकैती जैसे बहुत सारी घटनाएं हो रही है जिसके कारण हम किसी पर भी भरोसा करने से डरते हैं

इससे वर्तमान समय में अतिथि देवो भव गलत प्रकार से प्रस्तुत हो रहा है और हमारी यूथ गलत डायरेक्शन में जा रही है और अतिथि के अतिथि देवो भव एक नकारात्मक विचार की तरह प्रस्तुत हो रहा है

टूरिज्म मैं अतिथि देवो भव

जैसे कि हम सबको पता है कि हमारे भारत में अन्य देशों के लोग भी घूमने आते हैं. जिससे वह हमारे देश को अच्छी तरीके से जान सके और इसके बारे में और पता कर सके

बाहर से आए हुए लोग हमारे लिए अतिथि के समान होते हैं इसीलिए जगह-जगह बोर्ड और पत्थरों पर अतिथि देवो भव हम सभी लिखा देख सकते हैं

अन्य देशों के लोग जब हमारे यहां आते हैं और अतिथि देवो भव इस वाक्य को प्रदर्शित करने की जो क्षमता है वह देखकर वे इतना प्रसन्न होते हैं कि हमारे देश के व्यवहार के बारे में अपने देश में भी प्रसंता करते हैं

उपसंहार

हमारी भारतीय संस्कृति में अतिथि का स्थान देवी-देवताओं के रूप में दर्ज है. बचपन से ही बच्चों को यह शिक्षा देनी चाहिए कि हमें अतिथि का सदैव सम्मान करना चाहिए जिससे हमारे सामाजिक निर्वाहन का पता चले. अगर हम अतिथि का सम्मान नहीं करते तो हमारी सारी पढ़ाई व्यर्थ है

Most Asking Related Question –

Atithi Devo Bhava meaning in Hindi?

अतिथि भगवान के समान होते हैं

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संक्षेप में

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