हेलो दोस्तों नमस्कार क्या आप आजादी का महत्व पर निबन्ध – Essay on Importance of Freedom in Hindi जानना चाहते हैं तो आपने एक दम सही पोस्ट को चुना है
इस पोस्ट में आज मैं आपको बताऊंगा कि आजादी का महत्व पर निबंध कैसे लिखा जाता है. तो बिना समय गवाएं आइये निबंध जानते हैं
आजादी का महत्व – Importance of Freedom in Hindi

न हिसाब है, न कीमत है उनकी कुर्बानियों की,
सँभालकर रख सकें उनके जिगर के टुकड़े आजादी को,
यही कीमत हो सकती है उनकी मेहरबानियों की..
हमारे देश भारत को आज 2022 में आजाद हुए 76 साल हो चुके हैं. हमारे पुरखो ने अपनी कुर्बानी देकर अंग्रेजो से लड़कर आजादी को पाया था. अनेकों स्वतन्त्रता सेनानियों के हौंसलों के दम पर हमें अंग्रेजों की 200 वर्षों की गलामी से 1947 मे आजादी मिली थी
अतः आजादी की कीमत हम भारतवासियों से अधिक और कौन समझ सकता है. आजादी का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है. कहा जाता है कि “पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं”- इस उक्ति का अर्थ होता है कि पराधीन व्यक्ति कभी भी सुख को अनुभव नहीं कर सकता है
पराधीनता एक तरह का अभिशाप होता है. मनुष्य तो बहुत ही दूर है पशु-पक्षी भी पराधीनता में छटपटाने लगते हैं. पराधीन व्यक्ति के साथ हमेशा शोषण किया जाता है
“स्वराज (स्वतन्त्रता) हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे” वो नारा जिसने अंग्रेजी हुकूमत के नाक में दम कर दिया था पूरे देश में क्रांति ला दी थी. यह नारा दिया था स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने
हमारे सभी स्वतन्त्रता सेनानियों के बलिदानों के महत्व को हम भारतवासियों को समझना चाहिए. भारत माँ के वीर सपूतों के बहाए गए खून की कीमत हमें समझनी चाहिए
गांधी, नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और भी कितने महान स्वतन्त्रता सेनानी भारत की पवित्र भूमि पर हुए जिन्होंने अंग्रेजों के जुल्मों का सामना किया. कुछ को शांति व अहिंसा का मार्ग सही लगा तो कुछ ने गोली बारूदों की मदद ली
परन्तु उद्देश्य सबका एक ही था – आजादी, आखिरकार हम आजाद हुए कितना कुछ बदल गया, आज खुली हवा में साँस तो ले सकते हैं, दो वक्त की रोटियां तो मिल जाती हैं, कम से कम अपने मौलिक अधिकारों के अधिकारी तो हैं
अच्छा है हम आजाद हैं उससे भी अच्छा होगा यदि हम दूसरों को आजाद कर सकें. गरीबी, भ्रष्टाचार, अज्ञानता और अंधविश्वास की गुलामी से, आज भले ही हम आजाद भारत मे जी रहे हैं लेकिन हम आज भी कहीं न कहीं गुलाम ही हैं
आज देश में हर ओर अराजकता, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, गरीबी और लाचारी फैल रखी है. आजादी का मतलब ये तो नहीं कि देश के नेता देश के विकास की बजाय अपने ही विकास में लग जाएं
कोरोना महामारी के कारण देश का गरीब और भी अधिक लाचार हो गया है. कुछ लोगों के पास खाने तक को पैसे नहीं हैं भला यह कैसी आजादी है. ऐसे ही अगर हालात बने रहे तो देश फिर किसी न किसी के हाथों गुलाम हो जाएगा
समय रहते देश की युवा पीढी को आगे आकर देश की कमान ईमानदारी के साथ सम्भालने की आवश्यकता है. देश को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है. आज देश के पैसे को देश के विकास और जन सेवा में लगाने की आवश्यकता है
ऐसा करके ही हम सही मायने में आजादी के महत्व को समझेंगे और अपने भारत देश को भविष्य में भी आजाद रख पाएंगो. आजादी एक दिन में नहीं मिली शताब्दियां लग गयीं, इन बातों को भी समझने में वक्त लगेगा
भ्रष्टाचार, गरीबी, लाचारी को देश से दूर होगा भगाना,
देशवासियों…आजादी के महत्व को भूल ना जाना
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संक्षेप में
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