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बाल दिवस पर निबंध

बाल दिवस पर निबंध : भारत में बच्चों को समर्पित एक खास दिन 14 नवंबर, प्रत्येक वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जिस दिन प्यारे चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि दी जाती है

क्या आप बाल दिवस पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आप ने एक सही पोस्ट को खोला है. आज मैं आपको बताऊंगा कि बाल दिवस पर हिंदी में निबंध किस प्रकार लिखा जाता है

इस पोस्ट में मैंने आपको दो निबंध बताएं हैं आपको जो अच्छा लगे उसे कंपटीशन के लिए आप लिख सकते हैं. विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी ये पोस्ट है. तो चलो पहले कुछ जरूरी पॉइंट को देखें और फिर पढ़ते हैं

दिवस का नामबाल दिवस
मनाया जाता हैहर साल 14 नवंबर को
श्रद्धांजलि अर्पितपंडित जवाहरलाल नेहरू जी को
दिवस की शुरुआत हुई1964 में नेहरू जी की मृत्यु के बाद
पहली बार मनाया गया14 नवंबर 1965 में

बाल दिवस पर निबंध 500 शब्दों में

bal diwas par nibandh

“बच्चों को मिलें पूरे अधिकार
यही बाल दिवस मनाने का आधार”

प्रस्तावना

बाल दिवस बच्चों को समर्पित एक खास दिन है जिसके जरिए बच्चों की शिक्षा, अधिकार और देखभाल की जागरूकता फैलती है. भारत में बाल दिवस पंडित जवाहर लाल नेहरू के बच्चों के प्रति प्रेम को देखते हुए उनके जन्म दिवस यानि 14 नवंबर के दिन मनाया जाता है

बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का राष्ट्रीय त्योहार है. देश की आजादी में नेहरू जी का भी बड़ा योगदान था. प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश का उचित मार्गदर्शन किया था

बाल दिवस की शुरुआत

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन 27 मई 1964 को हुआ था. नेहरू जी बच्चों से बहुत प्यार करते थे और उनका मानना था कि राष्ट्र के विकास का भविष्य बच्चे ही है

बच्चों के प्रति उनके अत्यंत प्यार को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. उनकी मृत्यु के बाद प्रत्येक वर्ष पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है

बाल दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है. पहले भारत में भी बाल दिवस को इसी दिन मनाया जाता था जिसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी

लेकिन भारतीय इतिहास को देखा जाए तो पंडित जवाहरलाल नेहरू एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने कि देश के विकास और बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार किया

इसी प्यार को देखते हुए भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस मानने का प्रस्ताव रखा गया और 14 नवंबर 1964 में नेहरू जी के निधन के बाद, 14 नवंबर 1965 को पहला भारतीय बाल दिवस मनाया गया

आखिर बाल दिवस क्यों मनाया जाता है

बाल दिवस एक ऐसा दिन है जोकि हमें बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और देखभाल के प्रति जागरुक करने का कार्य हर साल करता है. किसी भी सफल राष्ट्र के विकास की कुंजी वहां के बच्चे ही है. नेहरू जी भी बच्चों के साथ अधिक रहना पसंद करते थे

देश की स्वतंत्रता के बाद उन्होंने बच्चों के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए. जब वह प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दी

नेहरू जी का मानना था कि बच्चे देश का उज्जवल भविष्य है उनकी प्रगति के लिए सही शिक्षा का होना अति आवश्यक है इसीलिए नेहरू जी को श्रद्धांजलि देने के उपलक्ष में बाल दिवस मनाया जाता है

बच्चों के लिए एक खास दिन

बाल दिवस बच्चों की खुशियों का एक खास दिन है जिस दिन वे सज-धज कर स्कूल आते हैं. इस दिन स्कूलों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है

इन आयोजनों के माध्यम से सभी बच्चों को अपनी प्रतिभा को निखारने का एक सुंदर अवसर मिलता है. सभी बच्चे चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि देते हैं और इस दिन स्कूल में विभिन्न नाटकों के माध्यम से जीवन में शिक्षा का महत्व बताया जाता है

उपसंहार

बाल दिवस पूरे विश्व में अलग-अलग दिन मनाया जाता है. लेकिन इसको मनाने का उद्देश्य हर जगह एक ही है – बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाना. उन्हें सही शिक्षा, पोषण, संस्कार मिले इस बात का ध्यान रखना

हमारे देश में बाल शोषण और बाल मज़दूरियों को देखते हुए इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. ताकि हम इस दिन ये प्रण ले सके कि बच्चों के प्रति होने वाले प्रत्येक शोषण को खत्म करने का प्रयास करेंगे

“बाल दिवस के अवसर पर हम ये प्रण करेंगे
बाल मजदूरी और शोषण अब हम नही सहेंगे”

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बाल दिवस पर निबंध

प्रस्तावना

भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को प्रयागराज में हुआ था

चाचा नेहरू के नाम से मशहूर जवाहरलाल नेहरू जी को बच्चों से बहुत लगाव था और बच्चों के प्रति उनका प्रेम अपार था

नेहरू जी का हमेशा से ये मानना था कि देश और दुनिया के हर बच्चे को एक अच्छा बचपन और अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए ये हर बच्चे का अधिकार है

बाल दिवस के रूप में 14 नवंबर के पीछे का इतिहास

चाचा नेहरू के बच्चों के प्रति असीम प्रेम के कारण, 1964 में नेहरू जी की मृत्यु के बाद से यह घोषणा की गई कि नेहरू जी की स्मृति में 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा

स्कूल और कॉलेजों में बाल दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन बच्चों के प्रति प्यार प्रदर्शित किया जाता है

बाल दिवस का महत्व

केवल छात्रों ही नहीं बल्कि हर एक व्यक्ति के जीवन में बाल दिवस का विशेष महत्व है. बाल दिवस को कॉलेज, संस्थान तथा विभिन्न स्कूलों में मनाया जाता है

बाल दिवस के दिन बच्चों को प्रेम पूर्ण व्यवहार और उनके भविष्य के लिए जागरूक किया जाता है जिसके जरिए बच्चे अपना सुनहरा भविष्य तय करते हैं

बाल दिवस को मनाने का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि हमारे देश को स्वतंत्र कराने के लिए जितने वीर जवानों ने अपनी जान से हाथ धो बैठा उनका बलिदान हम व्यर्थ ना जायें. जो उन्होंने हमारे देश भारत के लिए सपने देखे थे उस पर हम काम करें

हम एक सुनहरे भविष्य और देश की प्रगति के लिए हर संभव कार्य करें जोकि आने वाली पीढ़ी द्वारा ही संभव है. इसीलिए बाल दिवस खासकर बच्चों के लिए प्रेरणा का एक खास दिन है जोकि देश का भविष्य है

बाल दिवस का स्कूल में जश्न

बच्चे भविष्य के पथ प्रदर्शक होते हैं. इसलिए, हर स्कूल इस दिन को विभिन्न कार्यक्रमों जैसे प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे नृत्य, संगीत और नाटक के साथ मनाता है. इस दिन शिक्षकों द्वारा छात्रों के लिए कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है

चाचा नेहरू हमेशा से ये मानते थे कि बच्चे हमारा आने वाला कल हैं. वे हमारा भविष्य हैं, इसलिए नाटकों के माध्यम से शिक्षक अक्सर इस दिन बच्चों को यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि किस तरह से बच्चे देश का भविष्य हैं और एक बेहतर कल तभी सम्भव है जब बच्चों का आज बेहतर हो

कई स्कूल खेलों का आयोजन करके भी इस दिन को मनाते हैं. स्कूल के शिक्षक अक्सर पास के अनाथालय के बच्चों को स्कूल के छात्रों के साथ भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं जिससे समाज मे एक अच्छा संदेश जाता है और बच्चो में सद्भावना पैदा होती है

इस दिन शिक्षक और माता-पिता भी उपहार, चॉकलेट और खिलौने बांटकर बच्चे के प्रति अपने प्यार और स्नेह को दर्शाते हैं. स्कूल विभिन्न टॉक शो, सेमिनार भी आयोजित करते हैं जहां खेल, शिक्षा, सांस्कृतिक और मनोरंजन क्षेत्र जैसे विभिन्न क्षेत्रों से प्रेरक व्यक्तित्व आते हैं और छात्रों को प्रेरक भाषण देते हैं

स्कूल के अलावा अन्य समारोह

कई गैर सरकारी संगठन इस दिन को गरीब बच्चों की मदद के लिए, हाथ आगे बढ़ाने के अवसर के रूप में लेते हैं. वे गरीब बच्चों के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं

अक्सर लोग बच्चों के बीच किताबें, खाना, चॉकलेट, खिलौने और अन्य जरूरी सामान बांटते हैं. इसके अलावा, वे अनाथालयों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं जहां बच्चे प्रश्नोत्तरी, नृत्य, संगीत, खेल आदि जैसे कार्यक्रमों में भाग लेते हैं

बच्चों को पुरस्कार भी वितरित किए जाते हैं. इसके अलावा इस दिन बच्चों को उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सरकार द्वारा लागू या घोषित विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न जागरूकता सत्र भी आयोजित किए जाते हैं

बाल दिवस के दिन टेलीविजन पर भी कुछ खास कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं. कई समाचार पत्र इस दिन विशेष लेख भी निकालते हैं, जो देश के विभिन्न कोनों के प्रतिभावान बच्चों की प्रतिभा को सारे देश के सामने लाने का कार्य करते हैं

उपसंहार

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था – ‘आज के बच्चे ही कल का भारत बनाएंगे, हम जिस तरह से उनकी परवरिश करेंगे वही देश का भविष्य तय करेगा”

बाल दिवस चाचा नेहरू के प्रसिद्ध विचारों को याद करने और मनाने का एक सुंदर अवसर है. बाल दिवस मनाना बच्चों और वयस्कों दोनों को जागरूक करने का और उन्हें यह बताने कि बच्चे ही देश का असली भविष्य हैं, का एक शानदार तरीका है

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

बाल दिवस कब मनाया जाता है ?

प्रत्येक वर्ष बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है

बाल दिवस के दिन किसे श्रद्धांजलि दी जाती है ?

बाल दिवस के दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को श्रद्धांजलि दी जाती है

पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?

पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था

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संक्षेप में

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