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Home Educational Hindi Essay

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध

Sumit Baurai by Sumit Baurai
in Hindi Essay

Essay on Beti bachao Beti padhao in Hindi : क्या आप भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर एक शानदार निबंध लिखना चाहते हैं तो आपके लिए दोस्त यह पोस्ट एकदम सही है

यह निबंध सभी विद्यार्थी वर्ग के लिए उपयोगी है. कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 सभी के लिए यह निबंध फायदेमंद है. तो आइए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध जानते हैं

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध – Beti bachao Beti padhao par Nibandh
प्रस्तावना
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का लक्ष्य
बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना शुरू करने के कारण
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के प्राथमिक उद्देश्य
योजना को लागू करने में आने वाली मुश्किलें
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम के प्रभाव
उपसंहार

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध – Beti bachao Beti padhao par Nibandh

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध, beti bachao beti padhao yojana, Essay on Beti bachao Beti padhao in Hindiप्रस्तावना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 2015 में बेटियों को बचाने और उन्हें शिक्षित करने के लिए “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” नामक योजना का उद्घाटन किया गया यह योजना पूरे देश की बालिकाओं को बचाने और बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए शुरू की गई है

इस योजना की घोषणा 22 जनवरी, 2015 को पानीपत में की गयी थी. यह योजना सबसे पहले विशेष रूप से हरियाणा में शुरू की गई थी क्योंकि इस राज्य में पूरे देश में बहुत कम महिला लिंगानुपात (775/1000) है. इसे देश भर के सौ जिलों में प्रभावी ढंग से लागू किया गया है. इसका उद्देश्य देश में लड़कियों की स्थिति में सुधार करना है

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का लक्ष्य

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना का लक्ष्य बालिका लिंगानुपात में हो रही गिरावट को रोकना है. इसलिए, यह देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए महिला सशक्तीकरण को प्रोत्साहित करने का काम करता है. यह निम्नलिखित मंत्रालयों द्वारा सामूहिक रूप से शुरू और संचालित की गयी पहल है

  • महिला व बाल विकास मंत्रालय
  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना शुरू करने के कारण

इस योजना को शुरू करने के दो मुख्य कारण हैं जो निम्नलिखित हैं

गिरता बाल-लिंग अनुपात

2001 में की गई जनगणना के अनुसार 0 से 6 वर्ष के बच्चों में बाल-लिंग अनुपात (CSR) 933/1000 था. यानी प्रत्येक 1000 लड़कों पर 933 लड़कियां थी किंतु 2011 में की जनगणना के आंकड़ों में इस लिंगानुपात में और गिरावट देखने को मिली और प्रत्येक 1000 लड़कों पर केवल 918 ही लड़कियां थी

2012 में UNICEF ने यह बताया कि भारत बाल लिंगानुपात के मामले में 195 देशों में से 41वें स्थान पर है. इस घटते बाल-लिंगानुपात के चलते और बेटियों की संख्या में होती कमी को रोकने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई

महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध और कन्या भ्रूण हत्या

कई व्यक्ति बेटियों को खुद पर बोझ मानते थे और इसी कारण वे Ultrasonic Testing कराकर पहले से पता कर लेते थे कि गर्भ में पल रहा शिशु बालक है कि बालिका, कई ऐसे मामले सामने आए जहां लोगों ने गर्भ में पल रही बालिकाओं को गर्भ में ही मार दिया जिसके चलते देश मे महिलाओं की जनसंख्या में भारी गिरावट देखने को मिली

इसके साथ ही, महिलाओं के साथ अपराध और यौन शोषण इत्यादि घटनाएं भी लगातार होती रही थी. इस प्रकार बालिकाओं के प्रति इस प्रकार के भेदभाव और अन्याय को रोकने के लिए भी इस योजना का आरम्भ किया गया

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के प्राथमिक उद्देश्य

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ भारत सरकार की एक सहयोगी पहल है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस योजना की शुरुआत की इसमें सभी भारतीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं

इस योजना के तीन प्राथमिक उद्देश्य हैं

  1. कन्या भ्रूण हत्या को रोकना
  2. नई योजनाएं विकसित करना और यह सुनिश्चित करने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करना कि प्रत्येक बालिका सुरक्षित और संरक्षित है
  3. यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक बालिका को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले

योजना को लागू करने में आने वाली मुश्किलें

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की इस मुहिम को सुचारु रूप से चलाना इतना आसान नहीं रहा है. इसके सुचारु संचालन में कई बाधाएं आती रही हैं जो निम्नलिखित हैं –

कन्या भ्रूण हत्या, सती प्रथा, बाल विवाह और घरेलू शोषण जैसे सामाजिक शोषण आदि कुरीतियां इस योजना के उचित ढंग से लागू होने में बाधा डालते हैं

लोगों में जागरूकता फैलाने वाले कई अभियानों के बावजूद भी कई लोगों की मानसिकता में बदलाव नहीं होता है. जो इस अभियान के लिए एक मुश्किल बनी हुई है

इस योजना के उद्देश्यों की सफलता तभी सम्भव है जब देश के सभी नागरिक अपना योगदान दें. दहेज प्रथा आज भी कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में चलती आ रही है. जो इस योजना के लिए सबसे बड़ी बाधाओं में से एक बनी हुई है

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम के प्रभाव

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना एक बहुत ही अच्छी पहल है. यह देश में महिलाओं को स्थिति को सुधारने और उन्हें सशक्त करने के लिए की गई एक बहुत बढ़िया पहल है. इसके कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं –

लिंगानुपात संतुलन ⇒ इस मुहिम ने देश में लड़कियों के घटते लिंगानुपात को रोकने का कार्य प्रभावी रूप से किया है

कन्या भ्रूण हत्या पर रोक ⇒ इस मुहिम के चलते कन्या भ्रूण हत्या पर भी रोक लगी है

जन जागरूकता ⇒ इस मुहिम ने लोगों को जागरूक कर उन्हें यह अहसास दिलाया है कि लड़कियां बोझ नहीं हैं ना ही वे किसी से कम हैं

लड़कियों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा ⇒ इस मुहिम ने लड़कियों को बचाने के साथ उन्हें अच्छी शिक्षा देकर उन्हें शिक्षित करने की पहल भी की है

उपसंहार

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना भारत में बालिकाओं से सम्बंधित समस्याओं को सम्बोधित करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है. लोगों में जागरूकता का स्तर बढ़ने के साथ ही योजना के कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलने लगे हैं

इस योजना के चलते लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है. जिसके चलते लोगों पर अब समाज में बालिका उत्थान के लिए काम करने का गंभीर प्रभाव है. इस योजना की सफलता से देश के आर्थिक विकास में तेज़ी आएगी

इस योजना ने लोगों को यह अहसास दिलाया है कि लड़कियां भी लड़कों के जितनी ही क्षमतावान और योग्य हैं. वे किसी के ऊपर बोझ नहीं हैं और लड़कियाँ भी देश के विकास में योगदान देने में पूर्ण रूप से सक्षम हैं

Read More –

  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • लैंगिक भेदभाव पर निबंध
  • नारी शक्ति पर निबंध
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध

संक्षेप में – 

दोस्तों उम्मीद है आपको बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध – Essay on Beti bachao Beti padhao in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा

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