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Home Educational Hindi Essay

भ्रष्टाचार पर निबंध

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

नमस्कार MDS BLOG में आपका स्वागत है क्या आप भ्रष्टाचार पर निबंध (Essay on corruption in Hindi) खोज रहे हैं तो आपने एक सही पोस्ट का चुनाव किया है आज की इस पोस्ट में हम आपको भ्रष्टाचार पर निबंध कैसे लिखा जाए और भ्रष्टाचार पर निबंध के साथ किन हेडिंग का प्रयोग किया जाए और एक अच्छा निबंध कैसे तैयार किया जाए इसके बारे में बताएंगे तो आइए भ्रष्टाचार पर निबंध की शुरुआत करते हैं-

पाठ्यक्रम show
भ्रष्टाचार पर निबंध – Essay on corruption in Hindi
प्रस्तावना
भ्रष्टाचार के कारण
भ्रष्टाचार को समाप्त करने के उपाय
उपसंहार

भ्रष्टाचार पर निबंध – Essay on corruption in Hindi

भ्रष्टाचार पर निबंध (Essay on corruption in Hindi)

प्रस्तावना

भ्रष्ट और आचार दो शब्दों के योग से भ्रष्टाचार शब्द बना है जिसका अर्थ है- बिगड़ा हुआ आचरण, भ्रष्टाचार सदाचार शब्द का विलोम कहा जाता है. नीति, न्याय, सत्य, निष्ठा, ईमानदारी और नैतिक स्वार्थी कृतियों के विपरीत स्वार्थ, असत्य और बेईमानी से संबंधित सभी कार्य को भ्रष्टाचार के अंतर्गत रखा जा सकता है अतः इन्हें भ्रष्टाचार कहा जाता है

भ्रष्टाचार के कारण

  • धन लिप्सा
  • भ्रष्टाचार का व्यापक प्रसार
  • राजनीतिक भ्रष्टाचार
  • आर्थिक जीवन में भ्रष्टाचार
  • सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार

मनुष्य को भ्रष्टाचार कब अपनाना पड़ता है और क्यों वह भ्रष्टाचारी बन जाता है? इसके अनेक कारण हो सकते हैं मनुष्य की असफलताएं अनंत है किंतु पूर्ति के लिए वह सदैव से ही प्रयत्न करता आया है

यदि किसी आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए उचित माध्यम सफल नहीं होता तो वह अनुचित माध्यम से उसकी पूर्ति का सफल-असफल प्रयोग करता पाया जाता है

अपने प्रियजनों को लाभ पहुंचाने की इच्छा ने भी उचित अनुचित साधनों का खुलकर प्रयोग करने को मनुष्य को विवश कर दिया है आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भ्रष्टाचार उत्पन्न होता जा रहा है

भ्रष्टाचार का सबसे मुख्य कारण एक दूसरे के प्रति द्वेष रखना है अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए तो एक दूसरे के प्रति खराब सोच रखना भ्रष्टाचार का एक अहम कारण है

धन लिप्सा

धन लिप्सा की विधि ने आज आर्थिक क्षेत्र में कालाबाजारी, मुनाफाखोरी, रिश्तेखोरी आदि को बढ़ावा दिया है. अनुचित तरीकों से धन संग्रहण किया जा रहा है नौकरी-पेशा व्यक्ति अपने सेवाकाल में इतना धन अर्जित कर लेना चाहता है जिससे अवकाश प्राप्ति के बाद जीवन सुखमय व्यतीत हो सके

व्यापारी वर्ग यह सोचता है कि ना जाने कब अकाल या हानि की स्थिति आ जाए, सरकार की नीति में कौन सा परिवर्तन आ जाए, इसलिए व्यक्ति अपनी तिजोरी भरने में लगा रहता है कभी-कभी जीवन जीने के पर्याप्त साधन न होने के कारण भी मनुष्य विवश होकर भ्रष्टाचार का प्रोत्साहन करने लगता है

भ्रष्टाचार का व्यापक प्रसार

आज जीवन का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र मिले जिसमें भ्रष्टाचार ना हो आजकल भ्रष्टाचार की चर्चाएं हर जगह सुनाई देती है. अनेक देशों में मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उत्तरदायित्व सरकार ने लिया है

अनेक देशों में लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना की गई है तथा मनुष्य को भ्रष्टाचारी बनाने के सभी कारणों को नष्ट करने का प्रयत्न किया जा रहा है किंतु वहां भी भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो पाया है. अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भी भ्रष्टाचार के अनेकों उदाहरण देखने को मिलते हैं

राजनीतिक भ्रष्टाचार

हाल ही के कुछ वर्षों में राजनीतिक भ्रष्टाचार अधिक देखने को मिल रहा है. अनेक आयोग नियुक्त किए गए हैं और कई सारे दोषी भी पाए गए हैं चारा घोटाला, शेयर घोटाला, स्टांप पेपर कांड यह सभी भ्रष्टाचार के बड़े प्रकरण है

भ्रष्टाचार के इन प्रकरणों में कई राजनेता भी शामिल रहे हैं लेकिन उन्हें कभी भी दोषी नहीं माना जाता आखिर क्यों? उनकी प्रतिष्ठा पर कोई आंच नहीं आई है नेता सेवा की भावना से कार्य नहीं करते बल्कि इसके विपरीत सत्ता प्राप्ति के लिए देश सेवा का ढोंग किया करते हैं

सिद्धांतहीनता, राजनीतिक विचारधाराओं में सर्वत्र व्याप्त है. दल-बदल भ्रष्टाचार एक उदाहरण है राजकार्य में धोखा, छल, झूठ, विश्वासघात, आत्मविश्वास, हत्या, भ्रष्टाचार आदि दुर्गुण अनेक रूप में विद्यमान है

आर्थिक जीवन में भ्रष्टाचार

आर्थिक जीवन में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है जीवन उपयोगी आवश्यक वस्तुओं में मिलावट, पैकेट में वस्तु की अनुपस्थिति, लेवल कुछ तो सामान कुछ और ही, मूल्यों में अनुचित वृद्धि, कृत्रिम अभाव उत्पन्न करने पर अधिक लाभ कमाना, स्वार्थ के लिए झूठ बोल देना और विभिन्न रूप में भ्रष्टाचार का नंगा नाच हो रहा है. सरकारी विभाग भ्रष्टाचार के अधीन हो चुकी है कर्मचारी मौका पाते ही अनुचित लाभ उठाने से नहीं चूकते

सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार

सामाजिक जीवन में भी भ्रष्टाचार बढ़-चढ़कर देखने को मिल रहा है रोजाना बलात्कार, चोरी, हत्या, धोखा, अपहरण, अवैध संबंधों की चर्चा, विवाह विच्छेद, नारी अपमान, बच्चों से यौनाचार, बच्चों की हत्या आदि सामाजिक जीवन के भ्रष्टाचार है

संपूर्ण समाज भ्रष्टाचार की पकड़ में है धार्मिक स्थलों की संपत्ति का उपभोग, भगवान को धोखा देना, दान की वस्तु को चोरी करना यह सभी कार्य सामाजिक भ्रष्टाचार की श्रेणी में आते हैं

भ्रष्टाचार को समाप्त करने के उपाय

भ्रष्टाचार को नष्ट नहीं किया जा सकता किंतु कम किया जा सकता है. जीवन मूल्य का प्रयत्न करके अनेक पालन का दृष्ट संकल्प किया जा सकता है. धार्मिक सामाजिक संस्थाओं का सहयोग अवश्य लेना चाहिए, धार्मिक आचरण किया जाना चाहिए, समाज सुधारक इस कार्य में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं, नैतिक शिक्षा का विस्तार किया जाना चाहिए जिससे कि भ्रष्टाचार समाप्त हो सके

उपसंहार

कानून से भी भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है कानून और व्यवस्था इस प्रकार स्थापित की जाए कि इसके शिकंजे से कोई भी बच ना पाए सर्वोत्तम उपाय तो भ्रष्ट लोगों की मनो प्रवृत्ति को बदलना है जिससे कि किसी भी व्यक्ति के मन में दूसरे व्यक्ति के लिए गलत भावनाएं उत्पन्न ना हो और देश विकसित और विकासशील दोनों प्रकार राष्ट्र बन सके!

Read More – 

  • सूचना प्रौद्योगिकी पर निबंध
  • कंप्यूटर का महत्व पर निबंध
  • दूरदर्शन पर निबंध
  • इंटरनेट पर निबंध

संक्षेप में (भ्रष्टाचार पर निबंध)

दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको भ्रष्टाचार पर निबंध (Essay on corruption in Hindi) अच्छा लगा होगा अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा अगर आप नई नई जानकारियों को जानना चाहते हैं तो MDS BLOG के साथ जरूर जुड़िए जहां की आपको नई-नई जानकारियां दी जाती है MDS BLOG पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!

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