नमस्कार दोस्तों क्या आप कंप्यूटर की उपयोगिता – Computer utility in Hindi खोज रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए एकदम सही है. इस पोस्ट के माध्यम से आप कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध तथा कंप्यूटर के बारे में जान सकते हैं
कंप्यूटर इस शब्द से आजकल हर कोई वाकिफ है और भला हो भी क्यों ना क्योंकि कंप्यूटर हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है. बोर्ड परीक्षाओं में कंप्यूटर की उपयोगिता कई बार पूछा जाता है
तो यह पोस्ट विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी है तो आइए अब हम कंप्यूटर पर निबंध की शुरुआत करते हैं और कंप्यूटर की उपयोगिता के बारे में जानते हैं
कंप्यूटर की उपयोगिता – Computer utility in Hindi
प्रस्तावना
नई सदी में कम्प्यूटर क्षेत्र में आई क्रान्ति के कारण सूचनाओं की प्राप्ति और उनके विश्लेषण में तेजी आई है. आज के कम्प्यूटर कृत्रिम बुद्धिवाले कम्प्यूटर हैं विज्ञान के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का आयाम जुड़ने से हुई प्रगति ने हमें अनेक प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की हैं
इनमें मोबाइल फोन, कम्प्यूटर तथा इंटरनेट का विशेष स्थान है. कम्प्यूटर से जहाँ कार्य करने में समय कम लगता है वहीं इसके प्रयोग से मानव-श्रम में भी कमी आई है. यही कारण है कि दिन-प्रतिदिन इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. पहले ये कुछ सरकारी संस्थानों तक ही सीमित थे लेकिन आज इनका प्रसार घर-घर में हो रहा है
कम्प्यूटर का विकास
प्रारम्भ में आदिमानव उँगलियों की सहायता से गणना करता था. विकास के अनुक्रम में फिर उसने कंकड़ों द्वारा, रस्सी में गाँठ बाँधकर तथा छड़ी पर निशान लगाकर गणना करना आरम्भ किया
लगभग दस हजार वर्ष पहले अबेकस नामक साधारण से गणना उपकरण का आविष्कार हुआ इसका प्रयोग गिनती करने तथा संक्रियाएँ हल करने के लिए किया जाता था
आज गणना के लिए मुख्य रूप से आमजन द्वारा कैल्कुलेटर का प्रयोग किया जाता है इस कैल्कुलेटर का उद्गम दो गणितज्ञों ब्लेज पास्कल और गॉट फ्राइड विलहेम के कार्यों में खोजा जा सकता है
चार्ल्स बेवेज ने जॉन नेपियर द्वारा खोजे गए लघु गणक अंकों को समाहित कर सकने वाली ‘ऑल परपज कैल्कुलेटिंग मशीन’ बनाने का विचार किया था. आधुनिक कम्प्यूटर क्रान्ति 20वीं सदी के चौथे दशक में आरम्भ हुई
सन् 1904 ई० में खोजे गए थर्मीयोनिक को वैज्ञानिक विन विलयम्स ने सन् 1931 ई० में गणक-यन्त्र के रूप में उपयोगी पाया था. हावर्ड एकेन द्वारा निर्मित ‘हावर्ड मार्क‘ नामक कम्प्यूटर विश्व का पहला डिजिटल कम्प्यूटर था इसमें इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिकल यन्त्रों का प्रयोग किया गया था
इस कम्प्यूटर को सन् 1944 ई० में ‘इण्टरनेशनल बिजनेस मशीन’ (IBM) नामक “फर्म और हावर्ड विश्वविद्यालय” ने मिलकर विकसित किया था. सन् 1946 ई० में विश्व का पहला पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर बना
इसमें दस अंकों वाली बीस संख्याओं को संचित किया जा सकता था इसकी कार्य करने की गति बहुत तेज थी चार्ल्स बेवेज को कम्प्यूटर का आविष्कर्त्ता माना जाता है
आज कम्प्यूटर में अनेक तरह के बदलाव आए है कम्प्यूटर के कार्य करने की गति इतनी तीव्र हो गई है कि वह किसी भी गणना को करने में सेकण्ड का दस-खरबवाँ भाग जितना समय लेता है. इसके अलावा इससे अन्य कई तरह के कार्य भी लिए जा सकते हैं
कम्प्यूटर की उपयोगिता
भारत में प्रारम्भ में कम्प्यूटरों का उपयोग काफी सीमित था. वर्तमान में बैंक, अस्पताल, प्रयोगशाला, अनुसन्धान केन्द्र, विद्यालयसहित ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहाँ कम्प्यूटर का प्रयोग न किया जाता हो
आज कम्प्यूटर संचार का का एक महत्त्वपूर्ण साधन बन गया है. कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से देश के प्रमुख स्थानों को एक-दूसरे के साथ जोड़ दिया गया है. भवनों, मोटर गाड़ियों, हवाई जहाजों आदि के डिजाइन तैयार करने में ने कम्प्यूटर का व्यापक प्रयोग हो रहा है
अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में तो कम्प्यूटर ने कमाल कर दिखाया है इसके माध्यम से करोड़ों मील दूर अन्तरिक्ष में स्थित ग्रह-नक्षत्रों, उल्काओ, धूमकेतुओं और आकाशगंगाओं के चित्र लिए जा रहे हैं इन चित्रों का विश्लेषण भी कम्प्यूटर द्वारा ही किया जा रहा है
इण्टरनेट ने तो संचार के क्षेत्र में क्रान्ति ही ला दी है. आज संसार के किसी भी क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान, विकसित नवीन ज्ञान की जानकारी पलक झपकते ही इंटरनेट के माध्यम से अपने कक्ष में बैठे-बैठे ही अपनी कम्प्यूटर स्क्रीन पर प्राप्त कर सकते हैं
कम्प्यूटर रोबोट के द्वारा आज औद्योगिक क्षेत्रों आदि में अत्यधिक जान-जोखिम वाले कार्यों को बिना कोई जोखिम उठाए सफलतापूर्वक किया जाने लगा है. सामरिक क्षेत्र में तो कम्प्यूटर का कोई जवाब ही नहीं है आज की मिसाइलें, मानवरहित विमान आदि सब कम्प्यूटर के ही तो परिणाम हैं
उपसंहार
कम्प्यूटर चाहे कम समय में मानव से अधिक कार्य कर ले और वह भी बिना किसी त्रुटि के लेकिन उसे मानव-मस्तिष्क से तेज नहीं माना जा सकता क्योंकि कम्प्यूटर का आविष्कार करने वाला मानव ही है इसलिए मानव कम्प्यूटर से श्रेष्ठ है
कम्प्यूटर उपयोगी होते हुए भी है तो मशीन ही, मशीन मानव के समान संवेदनशील नहीं हो सकती मानव को कम्प्यूटर को एक सीमा तक ही प्रयोग में लाना चाहिए क्योंकि इससे मनुष्य की आत्मनिर्भरता समाप्त हो रही है वह आलसी और निकम्मा हो रहा है
अत्यधिक कम्प्यूटर के प्रयोग से मानव-श्रम की अनदेखी हो रही है जिसके परिणामस्वरूप बेरोजगारी में वृद्धि हो रही है. बेरोजगारी में वृद्धि के कारण समाज में अशान्ति और अपराध जन्म लेते हैं जो किसी भी देश और समाज के लिए घातक हैं
इसलिए कम्प्यूटर का प्रयोग सोच-समझकर ही किया जाना चाहिए. इसका प्रयोग इस प्रकार किया जाना चाहिए कि मनुष्य स्वयं निष्क्रिय न बने, बल्कि वह स्वयं को सक्रिय तथा अपनी कार्य एवं विचार क्षमता को सुरक्षित रखे
Read More –
संक्षेप में
मुझे उम्मीद है आपको कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध अच्छे से समझ आ गई होगी दोस्तों अगर आपको यह निबंध पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिएगा जोकि उनके लिए भी उपयोगी हो
अगर इसी तरह की जानकारियों में रुचि रखते हैं तो MDS Blog के साथ जरूर जुड़िए जहां की आपको हर तरह की शिक्षा संबंधी जानकारियां दी जाती है. MDS BLOG पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!