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क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Internet

नमस्कार दोस्तों क्या आप क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानना चाहते हैं कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है – What is Cryptocurrency in Hindi और क्रिप्टोकरेंसी के लाभ क्या है? तो दोस्तों आज मैं आपको क्रिप्टोकरेंसी से रूबरू कराने वाला हूं. क्या आपके लिए यह सही है या नहीं इस पर भी मैं अपना मत जारी करूंगा तो आइए शुरुआत करते हैं –

दोस्तों वर्तमान युग तकनीकी एवं नवाचार का युग है. विश्व में आज प्रत्येक क्षेत्र में तकनीकी परिवर्तन हो रहा है. तकनीकी विकास के कारण प्रत्येक क्षेत्र डिजिटल होता जा रहा है. ऐसा ही एक नवाचार आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) के रूप में मुद्रा के क्षेत्र में हुआ है

दोस्तों यह सही है कि प्रत्येक सिक्के के दो पहलू होते हैं. जिस कारण इसके जितने लाभ हैं, उतनी ही इस सन्दर्भ में चुनौतियाँ भी हैं. अत: इसे अपनाने से पहले इसे सुरक्षात्मक व कानूनी रूप से मजबूत करने पर बल देने की जरूरत है. जिससे इसका लाभ उठाते हुए अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की जा सके

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क्रिप्टोकरेंसी क्या है – What is Cryptocurrency in Hindi
क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता के कारण
क्रिप्टोकरेंसी की वैश्विक स्थिति
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर विचार
क्रिप्टोकरेंसी की चुनौतियाँ
क्रिप्टोकरेंसी के लिए मेरे अंतिम शब्द

क्रिप्टोकरेंसी क्या है – What is Cryptocurrency in Hindi

क्रिप्टोकरेंसी क्या है - What is Cryptocurrency in Hindi 

यह एक डिजिटल मुद्रा है, जिसे न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं और न ही सामान्य मुद्रा की भाँति जेब में रख सकते हैं. क्योंकि यह मुद्रित रूप में उपलब्ध नहीं होती है इसका भौतिक रूप में कोई स्वरूप न होने के कारण इसे आभासी मुद्रा (Virtual Currency) भी कहा जाता है

यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे कम्प्यूटर एल्गोरिथ्म के आधार पर बनाया गया है. इसे केवल कम्प्यूटर पर देखा तथा गिना जा सकता है एवं भुगतान किया जा सकता है. यह एक स्वतन्त्र मुद्रा है जिसका संचालन व नियमन किसी संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता है. इसे विकेन्द्रीकृत मुद्रा भी कहा जाता है

दोस्तों विश्व में सबसे पहले बिटकॉइन नामक क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई थी, जिसे जापान के संतोषी नाकमोतो ने बनाया था. वर्तमान में 1500 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी बाजार में उपलब्ध हैं, जो पियर-टू-पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में काम करती हैं

क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता के कारण

दोस्तों यह प्रश्न सभी के मन में उठता है कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी इतनी लोकप्रिय कैसे हो सकती है इसके निम्नलिखित कारण है –

यह निजता बनाए रखने में सहायक होती है. इसके माध्यम से लेन-देन में छद्म नाम एवं पहचान बताई जाती हैं. ऐसे में अपनी निजता को लेकर अत्यधिक संवेदनशील व्यक्तियों को यह बहुत ही उपयुक्त लगती है

इसके लेन-देन में लागत काफी कम लगती है. घरेलू या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी लेन-देन पर लागत एकसमान होती है. इसके माध्यम से होने वाल लेन-देन में थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है. इस प्रकार इसमें धन एवं समय दोनों की बचत होती है

सामान्य बैंक में खाता खोलने व लेन-देन के लिए कई प्रकार के प्रमाण-पत्रों की आवश्यकता होती है, जबकि इसमें इस प्रकार की आवश्यकता नहीं होती है

बैंकिंग प्रणालियों व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले लेन-देन पर सरकार का सख्त नियन्त्रण होता है. जबकि यह राष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम के प्रत्यक्ष नियन्त्रण के बाहर धन के आदान-प्रदान का एक विश्वसनीय और सुरक्षित माध्यम प्रदान करता है

अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी ओपन सोर्स पद्धति पर आधारित होती हैं. इन प्लेटफॉर्म के सॉफ्टवेयर कोड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहते हैं इसका प्रभाव यह होता है कि क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म पर लगातार सुधार की सम्भावनाएँ बनी रहती है

सरकार के पास बैंक खाते को जब्त करने का अधिकार होता है. जबकि क्रिप्टोकरेंसी के मामले में वे ऐसा नहीं कर सकती है. अत: सरकार से बचाव के एक प्रभावकारी विकल्प के रूप में इस मुद्रा का प्रयोग किया जाता है. साथ ही नोटबन्दी और मुद्रा के अवमूल्यन का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है

क्रिप्टोकरेंसी की वैश्विक स्थिति

वर्तमान में 21 मिलियन बिटकॉइन इण्टरनेट के नेटवर्क में छिपे हुए हैं तथा नए बिटकॉइन का भी आगमन हो रहा है. आज प्रत्येक बिटकॉइन का मूल्य 40 लाख से अधिक है, जोकि इसे दुनिया की सबसे महँगी करेंसी है. कुछ विशेषज्ञों ने इसे गोल्डरश नाम से भी सम्बोधित किया है

वर्ष 2014 से माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी सेवाओं के लिए बिटकॉइन के रूप में भुगतान लेना शुरू कर दिया है. साइप्रस के निकोसिया विश्वविद्यालय ने सर्वप्रथम विद्यार्थियों के प्रवेश शुल्क के रूप में बिटकॉइन को स्वीकार किया है

वर्ष 2018 में प्रशान्त महासागर में स्थित मार्शल द्वीप क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेण्डर के रूप में मान्यता देने वाला पहला देश बन चुका है. कई देशों में इसे आर्थिक संकट से उबारने के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. फेसबुक ने जून, 2019 में डिजिटल कॉइन ‘लिब्रा’ लॉन्च किया है, जिसे लिब्रा एसोसिएशन और कैलिब्रा वॉलेट द्वारा नियन्त्रित किया गया

विश्व के कई देश इसकी पारदर्शिता व विधि ग्राह्यता सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं. फिर भी कई देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है अर्थात इसे मान्यता प्रदान नहीं की है

Read this – इंटरनेट क्या है और कैसे काम करता है, इसके फायदे

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

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इण्टरनेट के माध्यम से लेन-देन के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य तन्त्रों की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी बहुत तीव्र और तुलनात्मक रूप से बहुत कम विनिमय शुल्क पर विनिमय की सुविधा प्रदान करती है. जोकि इसका सबसे अच्छा फायदा है

क्रिप्टोकरेंसी अथवा आभासी मुद्रा को किसी केन्द्रीय तन्त्र द्वारा प्रशासित न किए जा सकने के कारण यह लेन-देन आभासी मुद्रा की सम्भावनाएँ प्रक्रिया को काफी आसान व विकेन्द्रित बनाती है

क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल करेंसी है, जिसमें धोखाधड़ी की सम्भावना बहुत कम होती है. अधिक पैसा होने पर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना लाभप्रद है, क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है. अतः यह निवेश के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म है

क्रिप्टोकरेंसी धारक को प्रदान किए गए एक डिजिटल वॉलेट में सुरक्षित रहती है. जिस पर उसका पूर्ण स्वामित्व होता है अर्थात् इस प्रक्रिया में किसी तीसरे पक्ष पर विश्वास करने जैसी कोई आवश्यकता नहीं रहती है

क्रिप्टोकरेंसी अथवा आभासी मुद्रा के राष्ट्रीय सीमाओं में न बँधे होने के कारण वैश्विक स्तर पर सरलतापूर्वक इसका विनिमय करना सम्भव है. फिर इस पूरी प्रक्रिया में किसी केन्द्रीय बैंक की अनुपस्थिति इसे और सुगम बना देती है

कई देश ऐसे हैं, जहाँ कैपिटल कण्ट्रोल नहीं है अर्थात् यह बात तय ही नहीं है कि देश से बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है और कितना मँगवाया जा सकता है. अतः क्रिप्टोकरेंसी खरीदकर उसे देश के बाहर आसानी से भेजा जा सकता है और फिर उसे पैसे में रूपान्तरित किया जा सकता है

यह पूरी तरह से सुरक्षित है इसके लिए केवल ऑर्थोटिकेशन रखने की आवश्यकता होती है. क्योंकि ऐसी करेंसी ब्लॉकचेन पर आधारित होती है

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर विचार

क्रिप्टोकरेंसी में उच्च स्तर की अनिश्चितता एवं जोखिम के कारण भारत सरकार का दृष्टिकोण प्रतिबन्धात्मक और हतोत्साहित करने वाला ही रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली बार दिसम्बर, 2013 में इस सन्दर्भ में चेतावनी जारी की थी. पुनः वर्ष 2017 में रिजर्व बैंक ने इस सन्दर्भ में जनता को आगाह किया

RBI के अनुसार बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का किसी भी मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा नियमन नहीं होता है और न ही इसका कोई कानूनी आधार है. इसके मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण इसके निवेश में हानि की अधिक सम्भावना है

RBI के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी के संचालन में आर्थिक, वित्तीय परिचालानात्मक, कानून, ग्राहक संरक्षण और सुरक्षा सम्बन्धी जोखिम मौजूद हैं. रिजर्व बैंक ने किसी भी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता प्राधिकार या लाइसेंस नही दिया है. कहने का तात्पर्य है कि भारत में यह लीगल टेण्डर (विधि ग्राह्य) नहीं है

फरवरी, 2018 के अपने बजट भाषण में तत्कालीन वित्तमन्त्री अरुण जेटली ने क्रिप्टोकरेंसी के प्रयोग को रोकने की बात कही थी. क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों की 10 वर्ष की जेल की सजा होगी.

इस प्रकार भारत में सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध है अर्थात् उसे मान्यता प्रदान नहीं की गई है. लेकिन फिर भी गैरकानूनी तरीके से लोग इसे खरीद रहे हैं. यद्यपि भारत में इसे इसकी चुनौतियों को देखते हुए मान्यता प्रदान नहीं की गई है

लेकिन यह भारत में कैशलेस अर्थव्यवस्था तथा वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. लेकिन इसके लिए सरकार को आतंक के वित्तपोषण, मनी लॉण्डिंग, कर चोरी, ग्राहक सुरक्षा आदि के सन्दर्भ में कठोर नीति बनानी होगी

क्रिप्टोकरेंसी की चुनौतियाँ

क्रिप्टोकरेंसी की सबसे बड़ी हानि यह होती है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है. क्योंकि इनका मुद्रण नहीं किया जा सकता अर्थात् न तो इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही कोई बैंक अकाउण्ट या पासबुक जारी की जा सकती है

क्रिप्टोकरेंसी को नियन्त्रित करने के लिए कोई ऐसी संस्था नहीं है, जिससे इसकी कीमत में कभी बहुत अधिक उछाल देखने को मिलता है तो कभी बहुत ज्यादा गिरावट जिसकी वजह से इसमें निवेश करना काफी जोखिम भरा हो सकता है

क्रिप्टोकरेंसी का प्रयोग अवैध कार्यों जैसे – हथियारों की खरीद-फरोख्त, मादक पदार्थों का व्यापार, आतंकवादी गतिविधियाँ, मनी लॉण्ड्रिा आदि में किया जा सकता है क्योंकि इसका प्रयोग दो लोगों के बीच ही किया जाता है

कई राष्ट्रों, कम्पनियों व वेबसाइट्स आदि ने इसे कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता प्रदान नहीं की है अर्थात् क्रिप्टोकरेंसी की व्यापक स्वीकृति न होना इस पर प्रश्नचिह्न लगाता है

इसमें विनिमय के रिफण्ड का कोई प्रावधान नहीं है. कहने का तात्पर्य यह है कि भूलवश किसी को भुगतान कर दिया जाए तो धन वापस आने की कोई आशा नहीं होती

क्रिप्टोकरेंसी को नियन्त्रित करने वाली कोई उत्तरदायी स्थिर नियामक संस्था नहीं है. जिस कारण इसकी विश्वसनीयता सदैव सन्देह के घेरे में बनी रहती है तथा ग्राहकों एवं निवेशकों को इसकी तरफ आकर्षित न कर पाने का एक बड़ा कारण बनती है

यदि इससे संबंधित डिजिटल वॉलेट खो जाए तो संपूर्ण धन डूब जाने का खतरा रहता है. जो पुनः इस व्यवस्था की और स्थिरता व विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है

क्रिप्टोकरेंसी की संपूर्ण व्यवस्था ऑनलाइन होने के कारण इसकी सुरक्षा कमजोर रहती है और इसके हैक होने का खतरा बना रहता है

हर बिटकॉइन लेन-देन के लिए लगभग 237 किलोवाट बिजली की खपत होती है और इससे प्रति घंटा लगभग 92 किलो कार्बन का उत्सर्जन होता है कहने का तात्पर्य है कि पर्यावरण की दृष्टि से भी यह प्रतिकूल है

क्रिप्टोकरेंसी के लिए मेरे अंतिम शब्द

दोस्तों इस प्रकार कहा जा सकता है कि किसी भी तकनीकी के लाभ के साथ-साथ उसकी कुछ सीमाएँ एवं कमियाँ होना स्वाभाविक है. क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल व विकेन्द्रीकृत मुद्रा है. अत: इस पर पूर्ण व स्थायी प्रतिबन्ध लगाना सम्भव नहीं है, लेकिन कानूनी रूप से नियन्त्रित करते हुए इसे अपनाया जा सकता है

इसकी आगामी महत्ता को देखते हुए कुछ राष्ट्र व कम्पनी इसे अपने भुगतान तन्त्र में सम्मिलित भी कर सकते हैं. इन मुद्राओं से लाभ कमाने वाले व्यवसायी भी यही चाहते हैं कि इस पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के स्थान पर स्पष्ट कानून बनाकर इसका नियमन किया जाए

वस्तुतः व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए इनका महत्त्व और बढ़ जाता है. अतः भारत सरकार को इस पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए. दोस्तों मेरा मानना है कि सुरक्षात्मक व कानूनी पक्ष को सुदृढ़ बनाकर इसका विनियमन करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इसे प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है

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संक्षेप में – आज की जानकारी क्रिप्टोकरेंसी क्या है

दोस्तों उम्मीद है आपको क्रिप्टोकरेंसी क्या है – What is Cryptocurrency in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह जानकारी कुछ काम की लगी है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा

अगर आप नई नई जानकारियों को जानना चाहते हैं तो MDS BLOG के साथ जरूर जुड़िए जहां की आपको हर तरह की नई-नई जानकारियां दी जाती है MDS BLOG पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!

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