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Home Educational Hindi Essay

देश प्रेम पर निबंध हिंदी में

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

क्या आप देश प्रेम पर निबंध (Desh Prem Par Nibandh) लिखना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए एकदम सही है. इस पोस्ट में मैंने आपको देश प्रेम पर हिंदी निबंध बताया है जोकि विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी है. तो आइए बिना समय गवाएं पढ़ते हैं

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देश प्रेम पर निबंध – Desh Prem Essay in Hindi
प्रस्तावना
देश के प्रति समर्पण की भावना
देश प्रेम का महत्व
देश प्रेम एक उच्च भावना
उपसंहार

देश प्रेम पर निबंध – Desh Prem Essay in Hindi

देश प्रेम पर निबंध

प्रस्तावना

जिस देश में हम जन्म लेते हैं, जहां की हवा से सांस लेकर हम जीवित रहते हैं, जिसका अंन-जल हम खाते पीते हैं, जिस धरती पर हम जीवन के कितने सुखमय पल व्यतीत करते हैं. उस भूमि के प्रति हृदय में जो स्वाभाविक प्रेम या लगाव उत्पन्न हो जाता है उसे ही देश प्रेम की संज्ञा दी जाती है

दूसरे रूप में कहें तो देशप्रेम का अर्थ है अपने देश के विकास, उसकी गरिमा को बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभाना एंव आवश्यकता पड़े तो अपने देश के लिए मर मिटने के लिए तैयार रहना. बहुत से लोग मानते हैं कि अपने वतन की रक्षा की खातिर मर मिटने वाला ही देश प्रेमी है जबकि ऐसा नहीं है देश के प्रति अपना प्रेम प्रकट करने के अलग-अलग रूप हो सकते हैं

देश के प्रति समर्पण की भावना

देश के प्रति समर्पण की भावना रखना हर देशवासी का कर्तव्य होता है. निसंदेह देश की सीमाओं की रखवाली करने वाले हमारे सैनिक देशप्रेम से लबरेज होते ही हैं लेकिन देश में बसने वाला आम नागरिक, छात्र, व्यापारी, शिक्षक, राजनेता और अभिनेता भी देश प्रेमी होते हैं. जो हमेशा अप्रत्यक्ष रूप से ही देश के विकास में अपना योगदान देने का प्रयत्न करते हैं

देश प्रेम का महत्व

रामायण में श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा था कि – लक्ष्मण सोने की लंका भी मुझे अच्छी नहीं लगती क्योंकि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान है. जिस प्रकार माता बच्चे के जन्म से पूर्व और पश्चात बच्चे का भरण पोषण और लालन पालन करती है उसी प्रकार जन्मभूमि भी अपने कण-कण से व्यक्ति को स्नेह से पालती है इसीलिए जन्मभूमि को माता की उपमा दी जाती है

जन्मदात्री माता के समान ही हमारे मातृभूमि के प्रति भी कुछ कर्तव्य होते हैं जिनका पालन प्रत्येक देशप्रेमी सहर्ष करता है. स्वदेश के बिना व्यक्ति के अस्तित्व पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाता है. हम कहीं भी जाएं हमारी पहचान हमारे देश के अनुसार भारतीय, अमेरिकी अथवा रूसिया के रूप में ही होती है इससे स्पष्ट होता है कि व्यक्ति के लिए स्वदेश का महत्व क्या है?

देश प्रेम एक उच्च भावना

देश प्रेम एक धरती के टुकड़े मात्र से प्रेम नहीं है वरन यह एक ऐसी उच्च भावना है जो संसार के सभी लोगों के हृदय को गौरवान्वित करती है. देश प्रेम की भावना से परिचालित होकर देश प्रेमी सर्वस्व न्योछावर कर देते हैं. वे प्राणों की तनिक भी परवाह नहीं करते हैं

हमारे देश में ऐसे देश भक्तों की कमी नहीं है. महाराणा प्रताप, शिवाजी, रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह और भी न जाने कितने उदाहरण देशभक्तों के है. राणा प्रताप को महान देश प्रेमी यूं ही नहीं कहा जाता क्या नहीं था उनके पास धन, वैभव, राज्य शासन सब कुछ था

अपने भाई शक्ति सिंह और मानसिंह की भांति यदि वे भी अकबर से समझौता कर लेते तो उन्हें बरसो जंगल में घास की रोटियां ना खानी पड़ती और ना भूख से व्याकुल उनकी बेटी के प्राण जाते. यह उनके हृदय में अपनी जन्म भूमि की रक्षा की तड़प और प्रेम ही था जिसके बल पर अपने जीते जी उन्होंने हार नहीं मानी और जीवन भर मुगलों का डटकर सामना किया

स्वतंत्रता संग्राम में तो अंग्रेजों द्वारा दी गई भीषण यातनाओं के आगे भी मादरे-वतन के दीवाने झुके नहीं उन्होंने कोड़े खाए, जेल में कई कई दिन भूखे प्यासे रहकर भी चक्की पीसी, लाठियों और कोड़ों की मार खाई और हंसते हंसते फांसी का फंदा अपने गले में डाल लिया परंतु वंदे मातरम का उद्घोष करना बंद नहीं किया

यह देश प्रेम ही था जब प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के आहान पर देश की जनता ने अनाज की समस्या से निपटने के लिए एक समय उपवास रखने का संघर्ष स्वीकार कर लिया था. परंतु अमेरिका के आगे घुटने नहीं टेके इस प्रकार से हजारों उदाहरण भारत के इतिहास में तो है ही, दुनिया के और देशों में भी है

भारत में विभिन्न भाषाओं एवं विभिन्न धर्मों के लोग निवास करते हैं. इसके साथ ही देश में जाति, वर्ग, वर्ण, प्रांत, दल आदि के नाम पर विभाजन कारी शक्तियां बराबर सक्रिय है. राष्ट्रीय एकता के लिए यह आवश्यक है कि हम इस भेदभाव को दूर करें. यह कार्य देश प्रेम की भावना ही कर सकती है

उपसंहार

अपनी सारी विभिन्नताओं के साथ ही हम यह भी याद रखें कि देश है तो हम हैं. देश के बिना हमारा अस्तित्व नहीं. इसीलिए देश प्रेम की भावना की आवश्यकता सदा-सर्वदा बनी रहती है. देश प्रेम की भावना कुछ ऐसी होनी चाहिए –

“यह देश मेरा, यह धरा मेरी, गगन मेरा
इसके लिए बलिदान हो प्रत्येक कण मेरा”

Read More :

  • सहशिक्षा पर निबंध और इसके लाभ
  • अनुशासन पर निबंध कैसे लिखें

संक्षेप में

उम्मीद है देश प्रेम पर निबंध (Desh Prem Essay in Hindi) आपने पूरा पढ़ा होगा और आपको यह निबंध अच्छा लगा होगा. आपके लिए यह निबंध कितना उपयोगी था कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं

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