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Detox क्या है इसकी पूरी जानकारी

दोस्तों क्या आप भी जानना चाहते हैं डिटॉक्स क्या है – Detox meaning in Hindi या डिटॉक्सिफिकेशन किसे कहते हैं? तो यह पोस्ट आपके लिए काफी लाभकारी होने वाली है

जिसमें कि शराब पीने से क्या होता है? और डिटॉक्सिफिकेशन में लिवर का महत्व क्या है सभी जानकारी आज आपको यहां दी गई है आइए जानते हैं –

डिटॉक्स क्या है – Detox Meaning in Hindi

डिटॉक्स क्या है - Detox meaning in Hindiहमारे शरीर में विषैले पदार्थों को बाहर निकालने (डिटॉक्सिफिकेशन) की एक प्राकृतिक प्रणाली डिटॉक्स कहलाती है. हमारे शरीर के विभिन्न अंग आंतरिक सिस्टम की सफाई के लिए मिलकर काम करते हैं

मैं आपको बताना चाहता हूं लिवर और किडनी (गुर्दे) वे मुख्य अंग है जो एक केमिकल फैक्ट्री व फिल्टर की तरह कार्य करते हैं और जिनकी हमारे शरीर में खून के शुद्धिकरण में मुख्य भूमिका होती है. लेकिन शरीर के लंबे समय तक विषैला रहने पर इन अंगों के सामान्य कार्य बाधित होते हैं जिसके फलस्वरूप हमारा इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है

डिटॉक्सिफिकेशन क्या है – Detoxification Meaning in Hindi

डिटॉक्सिफिकेशन शरीर से अशुद्धियों, अपशिष्ट तथा विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और रक्त के शुद्धिकरण की एक प्रक्रिया है. जो रोगों से बचाव और पूर्णता स्वस्थ रहने में मदद कर सकती है

एक डिटॉक्स कार्यक्रम, शरीर से विषैले पदार्थों को हटाने के लिए लिवर की सक्रियता बढ़ा कर, किडनीयों द्वारा इनके निष्कासन को बढ़ाकर और रक्त के परिसंचरण में सुधार से शरीर की प्राकृतिक सफाई में मदद करता है

डिटॉक्सिफिकेशन आहार और जीवन शैली में परिवर्तन द्वारा विषैले पदार्थों के सेवन को घटाता है और निष्कासन को बढ़ाता है. रिफाइंड खाद्य पदार्थों, परिष्कृत शक्कर, सफेद आटा, शराब, तंबाकू, कीटनाशक युक्त सब्जियों, रसायनों और कई दवाओं का सेवन न करने से विषैले पदार्थों का संचय घटता है

पाचक एंजाइमों का सेवन पाचन में मदद करता है और पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ाकर हमें स्वस्थ रखता है. इसीलिए कहा जाता है कि प्राकृतिक बायोग्रीन, पाचक एंजाइम व प्रोबायोटिक्स जैसे लीवर रक्षक तत्वों से समृद्ध सप्लीमेंट का सेवन लीवर को स्वस्थ, कार्यशील व सुरक्षित रखने में बहुत सहायक होता है

जिस तरह से व्यायाम और अच्छे खाने की आदतें शारीरिक रूप से फिट और स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण है. उसी तरह शरीर से सभी हानिकारक विषैले अपशिष्ट पदार्थों को हटाने के लिए तथा स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन हमारे शरीर को डिटॉक्स करना अति आवश्यक है

डिटॉक्सिफिकेशन में लिवर का महत्व

लिवर हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग होता है और 500 से भी अधिक कार्य यह करता है. लिवर हमारे शरीर का डिटॉक्सीफाइंग केंद्र भी है और शरीर में उत्पन्न होने वाले टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकाल कर उनके हानिकारक प्रभावों से हमें बचाता है

मैं आपको बताना चाहता हूं लिवर सभी विषैले और अपशिष्ट तत्वों को ऐसे घुलनशील या निष्क्रिय पदार्थों में परिवर्तित करता है जिन्हें गुर्दे द्वारा बाहर निकाला जाता है

अपनी आंतरिक क्रियाओं के पूर्ण होने पर लिवर शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व, जिनका अवशोषण जरूरी है और हानिकारक या अनावश्यक पदार्थ, जिनको किडनी के द्वारा रक्त से बाहर निकालना जरूरी है, को अलग-अलग करता है

लेकिन जब लिवर में विषैले पदार्थों का अत्यधिक दबाव होता है तब वह विभिन्न पोषक तत्वों व हमारे द्वारा लिए गए अन्य रसायनों के परिवर्तन व उनके उचित उपयोग का कार्य प्रभावी ढंग से नहीं कर पाता है. इसलिए विषैले पदार्थों को गुर्दो द्वारा बाहर निकालने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है

शराब पीने से क्या होता है?

आइए आप जानते हैं कि शराब का लिवर पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है? दोस्तों शराब पीने से वैसे तो कई सारे नुकसान है लेकिन कई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च ने यह सिद्ध किया है कि शराब के सेवन का लिवर पर बहुत बुरा असर पड़ता है और यह लिवर को धीरे-धीरे नष्ट कर देता है

लिवर में शराब की मेटाबॉलिज्म के दौरान कुछ अत्यंत हानिकारक तत्व उत्पन्न होते हैं जो लिवर की कोशिकाओं को गंभीर क्षति पहुंचाते हैं. शराब के सेवन से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा घटती है जिससे फ्री रेडिकल्स द्वारा होने वाली क्षति बढ़ जाती है और लिवर पर दुष्प्रभाव पड़ता है

शराब का सेवन लिवर की कार्यशील को घटा देता है और धीरे-धीरे लिवर में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं जो बीमारियों का कारण बन जाते हैं

क्योंकि लिवर में पुनर्निर्माण की क्षमता होती है इसलिए लिवर की क्षति के लक्षण शुरू में पता नहीं चलने पर शराब पीते रहने से वक्त के साथ-साथ लिवर की कार्य क्षमता घटती रहती है और लिवर में फैट का जमाव बढ़ जाता है. यही फैटी लिवर शराब का सेवन करने वालों में पाई जाने वाली प्रमुख बीमारी है

शराब पीते रहने वाले 70% लोगों को एल्कोहलिक हेपेटाइटिस यानी लीवर में सूजन हो जाती है, कोशिकाओं को क्षति पहुंचती है और बुखार, पीलिया व पेट दर्द जैसे लक्षण पैदा होने लगते हैं

अगर लिवर की क्षति को समय रहते ठीक न किया जाए या इसकी रोकथाम न की जाए, तो लीवर सिरोसिस नामक गंभीर बीमारी हो सकती है जिसमें लिवर की संरचना ही बदलने लगती है. इससे दिमाग व किडनी की कार्यक्षमता भी घट जाती है. अंततः स्वास्थ्य संबंधी कई जटिलताएं हो जाती है और प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है

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संक्षेप में

दोस्तों उम्मीद है आपने इस पोस्ट को पूरा पढ़ा होगा और जाना होगा कि डिटॉक्स क्या है – What is Detox in Hindi अगर आपको यह जानकारी कुछ काम की लगी है तो इसे अपने दोस्तों के साथ तथा सोशल मीडिया पर जरूर शेयर कीजिएगा

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