Draupadi Murmu Biography in Hindi : क्या आप द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय खोज रहे हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है. आज आपको हमारी आगामी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का जीवन परिचय बताया गया है. तो आइए बिना समय गवाएं जानते हैं
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय {Draupadi Murmu Biography in Hindi}

पूरा नाम | द्रौपदी मुर्मू |
पिता का नाम | बिरांची नारायण टुडू |
पेशा | राजनेत्री |
पार्टी | भाजपा |
पति का नाम | श्यामचरण मुर्मू |
जन्म तिथि | 20 जून 1958 |
धर्म | हिंदू |
जन्म स्थान | मयूरभंज, उड़ीसा, भारत |
जाति | अनुसूचित आदिवासी जनजाति |
पुरस्कार | नीलकंठ पुरस्कार |
परिचय
द्रौपदी मुर्मू एक भारतीय महिला नेता हैं जो आदिवासी समुदाय से हैं. सन 2015 से 2021 तक वे झारखण्ड राज्य की राज्यपाल थीं. वर्तमान में इन्हें 21 जुलाई 2022 को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है. द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी
जन्म तथा परिवार
द्रौपदी मुर्मू का जन्म भारत के ओड़िशा राज्य के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल आदिवासी परिवार में हुआ था. द्रौपदी के पिताजी का नाम बिरंचि नारायण टुडु था. द्रौपदी मुर्मू के पिताजी और दादाजी दोनों ही उनके गाँव के प्रधान रहे थे
शिक्षा
द्रौपदी मुर्मू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पास ही के एक विद्यालय में ग्रहण की, स्नातक की पढ़ाई उन्होंने भुवनेश्वर के रामा देवी महिला कॉलेज से की उसके पश्चात ओडिशा गवर्नमेंट में बिजली डिपार्टमेंट में जूनियर असिस्टेंट के तौर पर इन्होने नौकरी की, यह नौकरी इन्होंने 1979 से वर्ष 1983 तक की. सन 1994 से 1997 तक द्रौपदी ने रायरंगपुर में मौजूद अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में अध्यापिका के तौर पर काम किया
व्यक्तिगत जीवन
द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू नामक व्यक्ति के साथ हुआ उनके तीन बच्चे हुए – दो बेटे और एक बेटी, किंतु दुर्भाग्यवश उनके पति और दोनों बेटों की अलग-अलग कारणों से मृत्यु हो गई. उनकी पुत्री विवाह उपरांत भुवनेश्वर में रहती हैं. द्रौपदी मुर्मू पहले एक अध्यापिका थीं बाद में वे धीरे-धीरे राजनीति में आ गईं
राजनीतिक जीवन
द्रौपदी मुर्मू ने सर्वप्रथम वर्ष 1997 में रंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में भाग लिया था और वे पार्षद के रूप में चुनी भी गईं थीं. यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी. द्रौपदी मुर्मू भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. द्रौपदी मुर्मू ओडिशा राज्य के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से सन 2000 और 2009 में चुनाव जीतकर दो बार विधायक बनीं
सन 2000 और 2004 के बीच ओडिशा में नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन की सरकार के दौरान इन्हें वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री बनाया गया था. द्रौपदी मुर्मू मई 2015 में झारखंड राज्य की 9वीं राज्यपाल बनीं थीं. वे झारखंड राज्य की प्रथम महिला राज्यपाल थीं और भारत के किसी भी राज्य के राज्यपाल के रूप में प्रथम आदिवासी महिला थीं
द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति के रूप में
द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून 2022 में अपना नामांक किया, उनके नामांकन में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक बने थे. 21 जुलाई 2022 के दिन द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी हैं. साथ ही राष्ट्रपति के पद पर विराजमान होने वाली दूसरी महिला बन चुकी हैं. इनसे पहले प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति के रूप में देश की प्रथम महिला थीं
पुरस्कार
द्रौपदी मुर्मू को सन 2007 में ओडिशा विधानसभा की ओर से सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार मिला था
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संक्षेप में
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