नमस्कार दोस्तों क्या आप एड्स पर निबंध – Essay on AIDS in Hindi खोज रहे हैं. तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी है इस पोस्ट के माध्यम से आप एड्स पर निबंध कैसे लिखा जाए तथा एड्स से बचाव के उपाय क्या-क्या है जान सकते हैं
यह पोस्ट खासकर विद्यार्थी वर्गों के लिए काफी उपयोगी है. इस पोस्ट का उद्देश्य समाज को एचआईवी यानी कि एड्स के लिए जागरूक कराना है. आइए एड्स पर निबंध जानते हैं
एड्स पर निबंध – Essay on AIDS in Hindi
प्रस्तावना
एड्स रोग संपूर्ण विश्व में महामारी का रूप धारण कर चुका है. आए दिन समाचार पत्रों में इस रोग से होने वाली मृत्यु के समाचार छपते रहते हैं तमाम रोकथाम के बाद भी इस रोग के रोगियों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. लोगों में इस रोग को लेकर अनेक तरह की भ्रांतियां और भय व्याप्त है
भारत में एड्स की स्थिति
भारत में एड्स का रोगी सर्वप्रथम सन 1986 में पहचान में आया था सन 1987 में सरकार द्वारा एड्स नियंत्रण का कार्यक्रम प्रारंभ किया गया राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेसहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सूचना के आधार पर वर्ष 2006 में तैयार संशोधित अनुमानों के अनुसार भारत में एचआईवी (HIV) से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 20 से 30 लाख थी
एड्स रोग की वास्तविकता और भ्रांतियां
एड्स (AIDS) का पूरा नाम “Acquired Immuno Deficiency Syndrome” है. यह HIV (Human Immunodeficiency Virus) के संक्रमण से फैलता है. असुरक्षित यौन संबंध, एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति से रक्त चढ़वाने पर अथवा एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति पर प्रयोग किया गया इंजेक्शन दूसरे व्यक्ति पर भी प्रयोग करने से एड्स रोग फैलता है
संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने, काम करने, उसे छूने, हाथ मिलाने, गले मिलने तथा साथ बैठकर खाना खाने और उसके बर्तन प्रयोग करने आदि से एड्स वायरस के संक्रमण का कोई खतरा नहीं होता है. एड्स वायरस खांसी, थूक, मक्खी, मच्छर आदि कीटों के जरिए भी नहीं फैलता है
एड्स के लक्षण
एड्स के लक्षण अन्य कई रोगों से मेल खाते हैं इसीलिए हमें इसके लिए जागरूक होना होगा एड्स के निम्नलिखित लक्षण है
- एड्स वायरस संक्रमित व्यक्ति की भूख कम हो जाती है
- वजन का लगातार घटना
- बार-बार दस्त आने की शिकायत हो सकती है
- रात को पसीना आता है
- थकान, सिरदर्द का बार बार महसूस होना
- गर्दन दर्द तथा बुखार आना
यह लक्षण जो अन्य कई रोगों के लक्षणों से मिलते हैं इसीलिए रोगी की एचआईवी से संक्रमित होने की ओर ध्यान नहीं जाता है. यह वायरस अधिकतर शरीर के अंदर चुपचाप बैठ जाता है यह चुप्पी काफी लंबी हो सकती है. लेकिन इसी बीच यदि उस व्यक्ति के खून की जांच हो जाए तो उसके शरीर में इस वायरस की मौजूदगी का पता चल सकता है
उपचार तथा बचाव के उपाय
अब तक एड्स से बचाव का ना तो कोई टीका उपलब्ध है और ना ही कोई प्रभावी दवा उपलब्ध है. हालांकि एंटीबायोटिक दवाइयां बाजार में उपलब्ध है यह दवा रक्त में मौजूद एचआईवी की संख्या को बढ़ने से रोकती है
यदि कोई महिला एचआईवी से संक्रमित है तो उससे उत्पन्न होने वाली संतान की एचआईवी से संक्रमित होने की संभावना 50% तक रहती है एड्स से बचाव के उपाय निम्नलिखित है
- एड्स से पीड़ित साथी के साथ यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए
- खून को अच्छी तरह जांच करा कर चढ़ाना चाहिए
- उपयोग किए गए इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए
- एड्स से जुड़ी हुई भ्रांतियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए
एचआईवी के अधिकांश मामले असुरक्षित यौन संबंधों के कारण फैलते हैं एड्स पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार को यौन शिक्षा लागू करनी चाहिए. सन 1982 से सरकार ने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम पूरे देश में लागू कर दिया है इस कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है
- एचआईवी या एड्स नियंत्रण के लिए प्रबंधन क्षमता को मजबूती देना
- जनता में जागरूकता और सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देना
- रक्त सुरक्षा और सीमित प्रयुक्तता को बढ़ावा देना
- यौन रोगों के संचार पर नियंत्रण
उपसंहार
एड्स की रोकथाम अथवा बचाओ का जहां तक प्रश्न है तो अभी तक इसका कोई भी उपचार उपलब्ध नहीं है बचाव के उपाय ही इसका सबसे बड़ा उपचार और इसको फैलने से रोकने का एकमात्र उपाय है इसीलिए हम सब लोगों को जागरूक बनना होगा तथा समाज में जागरूकता फैलाने होगी
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संक्षेप में
दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको एड्स पर निबंध – Essay on AIDS in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध पसंद आया है तो इसे जरूर शेयर कीजिएगा ताकि लोगों को भी एड्स के बारे में जागरूकता मिल सके
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