जलवायु परिवर्तन पर निबंध हिंदी में (Essay on Climate Change in Hindi) :- जलवायु परिवर्तन मनुष्य सभ्यता के साथ-साथ सभी जीव-जंतुओं के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है जिसके परिणाम स्वरूप कई सारे जीवों का अस्तित्व खतरे में आ चुका है
जलवायु परिवर्तन के कारण ठंड के मौसम में गर्मी हो रही है और गर्मी के मौसम में बर्फ पड़ रही है सब कुछ उल्टा पुल्टा हो रहा है. खैर, आज मैं आपको जलवायु परिवर्तन पर निबंध बताऊंगा जोकि आपके लिए बहुत मददगार होगा. तो आइए आसान भाषा में पढ़ते हैं
1) जलवायु परिवर्तन पर निबंध – Essay on Climate Change in Hindi

जलवायु परिवर्तन अर्थात पृथ्वी पर जल वायु में होने वाला परिवर्तन, वैसे तो वातावरण में परिवर्तन होते रहते है लेकिन जब यह परिवर्तन वर्षों या कई दशको तक रहता है, तो इसे ही जलवायु परिवर्तन कहते है. जलवायु परिवर्तन आज के वक्त की बहुत बड़ी समस्या है
सुनामी, ग्लेशियरों का पिघलना, अतिवृष्टि, सूखा पड़ना आदि जलवायु परिवर्तन का ही परिणाम है. यदि देखा जाए तो जलवायु परिवर्तन इस पीढ़ी के लिए पर्यावरणीय चुनौती है. भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर मौसम का प्रभाव देखने को मिलता है जैसे – सर्दी, बरसात व गर्मी
जलवायु में परिवर्तन का कोई निश्चित कारण नहीं है. इसके कुछ प्राकृतिक कारण जो प्राकृतिक निर्मित होते है, दूसरे मानवीय कारण. प्राकृतिक कारणों की अपेक्षा मानव जनित कारणों से जलवायु पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है
अमेरिकी बिजनेसमैन सारनॉफ का कथन है कि “मनुष्य अभी भी इस दुनिया का सबसे बड़ा चमत्कार है और इस धरती की सबसे बड़ी समस्या भी” जब से विकास हुआ है, मनुष्य अपने लाभ के लिए प्रकृति का लगातार उपयोग कर रहा है
इसके परिणामस्वरूप इनमें से कुछ है – पर्यावरण में भारी कार्बन डाइऑक्साइड सामग्री और वातावरण तथा पानी में अन्य हानिकारक सामग्री, जीवाश्म ईंधन के नियमित उपयोग ने धरती को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है
जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी के वातावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है. पेड़ों की प्रजातियां विलुप्त होती जा रही है, हमारे उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव जलवायु को नियंत्रण करने के लिए महत्वपूर्ण होते है लेकिन बदलते जलवायु नियंत्रण के कारण इन पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है
वर्षा की स्थिति में भी बुरे प्रभाव के कारण बहुत जगहों पर सूखा और बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. बहुत से लोगों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. देखा जाए तो बहुत सी जगहों पर लोगों का घर पानी में डूबा हुआ है तो कहीं पानी पीने के लिए भी लाले लगे पड़े हैं
अत: अब समय आ गया है कि सम्पूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन की चुनौती के लिए एकजुट हो जाए. अन्यथा एक दिन शायद हम अपनी पृथ्वी को गंवा दे और आने वाली पीढ़ि उसमें समा जाये
एक मशहर लोक कहावत भी है कि :- “जैसा बोओगे, वैसा काटोगे” इसलिए, हमें आज से ही जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है अन्यथा हमारे पास पछताने के अलावा कुछ नही बचेगा
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2) जलवायु परिवर्तन पर निबंध – Jalvayu Parivartan par Nibandh
प्रस्तावना
जलवायु परिवर्तन अर्थात ‘पृथ्वी पर जलवायु में होने वाला परिवर्तन’ जलवायु परिवर्तन कहलाता है. जलवायु परिवर्तन का सीधा अर्थ हैं मौसम में परिवर्तन हो जाना, आज के समय में प्रतिदिन यह एक गंभीर समस्या बनता ही जा रहा है जिसका समय रहते समाधान ढूंढना अति आवश्यक है
जलवायु परिवर्तन के कारण
जलवायु परिवर्तन के कई कारण होते हैं और यह परिवर्तन विभिन्न तरीकों से पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करता हैं. सूर्य से उत्सर्जित जो उर्जा पृथ्वी तक पहुँचती हैं तथा फिर हवाओं और महासागरों द्वारा विश्व के विभिन्न भागों में आगे बढ़ती हैं, वह जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख कारण है
ज्वालामुखी विस्फोट पृथ्वी पर अक्सर होते रहते हैं और यह जलवायु में परिवर्तन लाने वाला एक और महत्वपूर्ण कारण हैं. पृथ्वी पर ज्वालामुखी विस्फोट का प्रभाव कुछ वर्षों तक रहता हैं. इसके अलावा मानवीय गतिविधियाँ भी जलवायु परिवर्तन का कारण बनती हैं
जीवाश्म ईंधनों के दहन की वजह से उत्पन्न C02, वाहनों का प्रदूषण, वनों की कटाई, पशु, कृषि और भूमि का उपयोग आदि कुछ ऐसी मानवीय गतिविधियाँ हैं जो जलवायु में परिवर्तन ला रही हैं
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हैं :-
1) वनों पर प्रभाव
वन पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे कार्बन डाईऑक्साइड को अवशोषित कर लेते हैं
वातावरण के लगातार बदलते माहौल के कारण पेड़ों की कई प्रजातियाँ तो विलप्त ही हो गई हैं. वृक्षों और पौधों के बड़े पैमाने पर विलुप्त होने के कारण जैव विविधता के स्तर में कमी आई है जो पर्यावरण के लिए बुरा संकेत हैं
2) जल पर पड़ने वाले प्रभाव
जलवायु परिवर्तन के फलस्वरुप बदलते मौसम की स्थिति के कारण वर्षा के स्वरूप में पूरे विश्व में परिवर्तन हो रहा हैं और इस वजह से धरती के विभिन्न भागों में बाढ़ या सुखे की परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं
तापमान में वृद्धि के कारण हिमनदों का पिघलना एक प्रमुख समस्या बन गई हैं. इसके साथ ही ध्रुवीय क्षेत्रों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है
उपसंहार
जलवायु में होने वाले बदलावों के कारण पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, पिछले कुछ दशकों के दौरान मानवीय गतिविधियों ने इस बदलाव में तेजी लाने में महत्वपुर्ण भूमिका निभाई हैं
जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने और धरती पर स्वस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए धरती पर मानवीय गतिविधियों द्वारा होने वाले प्रभावों को नियंत्रित किए जाने की आवश्कता है. तभी धरती पर जीवन को बचाया जा सकता है
संक्षेप में
जलवायु परिवर्तन पर निबंध (Climate Change Essay in Hindi) को आपने पूरा पढ़ा होगा और मुझे उम्मीद है आपको यह अच्छा लगा होगा. आपके लिए यह निबंध कितना उपयोगी था कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं