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मजदूर दिवस पर निबंध

Essay on Labour day in Hindi : क्या आप मजदूर दिवस पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है. आज मैं आपको मजदूर दिवस पर एक शानदार निबंध किस प्रकार लिखा जाए इसके बारे में जानकारी दूंगा

दोस्तों यह निबंध सभी विद्यार्थी वर्ग के लिए काफी उपयोगी है. तो आइए बिना समय गवाएं 1 मई मजदूर दिवस पर निबंध जानते हैं

मजदूर दिवस पर निबंध – Essay on Labour day in Hindi

Essay on Labour day in Hindi

एक सिक्के के दो पहलू जरूर हैं
मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटते
वहीं मजदूर है

प्रस्तावना

1 मई को दुनिया के लगभग कई देशों में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है. इस दुनिया के करोड़ों मेहनतदारों के लिए 1 मई का दिन त्योहार से कम नहीं है

मजदूर दिवस को श्रमिक दिवस भी कहा जाता है. आज ही के दिन मजदूरों ने शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष किया था. इसलिए इस दिन को मजदूर दिवस के रूप में 1 मई को मनाया जाता है

मजदूर दिवस की शुरुआत

पहले के दिनों में मजदूरों की हालत बहुत खराब थी उन्हें कड़ी मेहनत के साथ दिन के 15 घंटे तक काम करना पड़ता था. काम के समय उन्हें चोटों का भी सामना करना पड़ता था और उनके कार्यस्थल पर अन्य भयानक समस्याएं भी उत्पन्न होती थी जिसका उन्हें सामना करना पड़ता था

मजदूर को प्रतिदिन कड़ी मेहनत कर कम भुगतान दिया जाता था. लंबे समय तक काम करने के घंटों और अच्छे स्रोतों की कमी के चलते इन लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं में बढ़ती हुई संख्या ने इस समस्या को ठीक करने के लिए श्रमिक यूनियनों ने इस प्रणाली के खिलाफ आवाज उठाई

उत्तेजित मजदूरों के संघों का गठन हुआ जोकि कुछ समय के लिए अपने अधिकारों के लिए लड़े. इसके बाद मजदूरों और श्रमिक वर्ग के लोगों के लिए 8 घंटे तक काम करने की सीमा तय की गई थी. इसे 8 घंटो के आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है

इसके अनुसार एक श्रमिक व्यक्ति को केवल 8 घंटों के लिए काम करना होगा. उसे मनोरंजन के लिए 8 घंटे और आराम के लिए 8 घंटे मिलने चाहिए. इस आंदोलन से श्रम दिवस का उद्गम हुआ इसकी शुरुआत सर्वप्रथम 1 मई 1886 को अमेरिका में एक आंदोलन की सहायता से हुई

भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत

भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले मद्रास में 1 मई 1923 को हुई थी इसकी शुरुआत भारतीय मजदूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरा ने की थी

भारत में मद्रास हाईकोर्ट के सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया गया और एक संकल्प पास करके यह सहमति बनाई गई कि इस दिवस को भारत में भी मजदूर दिवस के तौर पर मनाया जाए और इस दिन छुट्टी का ऐलान किया जाए

भारत समेत दुनिया के करीब 80 देशों में मजदूर दिवस के दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है. भारत में मजदूरों की जंग लड़ने के लिए कई नेता सामने आए जिनमें दत्तात्रेय नारायण सामंत और जॉर्ज फर्नांडिस प्रमुख थे

दुनिया भर में मजदूर संगठित होकर अपने साथ हो रहे अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. यही वह समय था जब पहली बार लाल रंग का झंडा मजदूर दिवस के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया गया था

इसी के साथ भारत के तमाम राज्यों में मजदूरों को 8 घंटे तक का काम करने के कानून को लागू किया गया और भारत में मजदूर दिवस यानी श्रम दिवस की शुरुआत हुई

उपसंहार

मजदूर दिवस उन लोगों के नाम समर्पित है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से देश और दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

किसी भी देश समाज, संस्था और उद्योग में मजदूरों, श्रमिकों और मेहनतकारों का योगदान अमूल्य है. ऐसे में हमें मजदूर दिवस के दिन इन मेहनतकार लोगों का कोटि-कोटि धन्यवाद करना चाहिए

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संक्षेप में

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