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वृक्षारोपण पर निबंध

Vriksharopan Par Nibandh : नमस्कार दोस्तों क्या आप वृक्षारोपण पर निबंध खोज रहे हैं तो आज की यह पोस्ट आपके लिए काफी लाभकारी साबित होगी

दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से विद्यार्थी भली-भांति वृक्षारोपण का महत्व तथा वृक्षारोपण क्यों जरूरी है इसके बारे में समझ सकते हैं

वृक्षारोपण पर यह निबंध खासकर विद्यार्थी वर्ग के लिए काफी उपयोगी है तो आइए वृक्षारोपण पर निबंध जानते हैं

वृक्षारोपण पर निबंध – Vriksharopan Essay in Hindi

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प्रस्तावना

मानव जीवन का हर एक पल वनों का ऋणी है. जन्म से लेकर मृत्यु तक वन हमारी सहायता तथा रक्षा करते हैं

जन्म के समय यदि पालना-हिंडोला लकड़ी का होता है तो मृत्यु के समय शरीर को ले जाने वाला विमान भी लकड़ी का होता है

वृक्षों की लकड़ी जलावन से लेकर फैक्ट्रियों में विभिन्न रूपों में काम आती है. वनों से वर्षा का जल खेती योग्य भूमि में गिरकर हमारे पेट भरने का अनाज उपजाता है

रोटी, कपड़ा और मकान जीवन की यह तीनों मूलभूत आवश्यकताएं वन ही पूरा करते हैं. मनुष्य यदि जीवित है तो वनों की कृपा पर ही जीवित है

वृक्षारोपण का महत्व

वन हमें दैनिक जीवन में प्रयोग में आने वाली अनेकानेक वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं. रबड़, गोंद, फल-फूल, कागज, पत्र, छाल आदि सभी इन्हीं से प्राप्त होते हैं. वन प्राकृतिक संपदा के भंडार है

वनों का सबसे महत्वपूर्ण कार्य वातावरण को शुद्ध रखना, वर्षा लाना तथा बाढ़ रुकना है. वैज्ञानिक परीक्षण बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में मौसमी अनियमितता आने का कारण केवल वनों का अंधाधुन कट जाना है. देश में 23% भूभाग वन है जबकि 33% भूभाग पर वनों की आवश्यकता है. सूखा और अकाल का कारण भी वनों की कटाई ही है

वृक्षारोपण और वन महोत्सव

जीवन में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बढ़ते जाने से आज फिर मानव को वृक्षों के होने का महत्व समझ में आया है. राज्य में एक विशेष तिथि पर पौधे रोपण या वृक्षारोपण का आयोजन मुख्य अंग है

आज वृक्षारोपण एक अभियान का रूप ले चुका है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर सरकार की ओर से वृक्षारोपण का कार्य संपन्न कराया जा रहा है स्कूल, कॉलेजों तथा कॉलोनियों में भी इस और बड़ा ध्यान दिया जा रहा है हर्ष का विषय है कि लोग इसका महत्व समझने लगे हैं

वायु प्रदूषण और जल संतुलन में वनों की उपयोगिता

वन प्राणवायु और जल के स्रोत है. वृक्ष बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो हमारे सांस लेने तथा जीवित रहने के काम आती है

आज शहरों में वाहनों, फैक्ट्रियों आदि से उत्पन्न धुआ वायु प्रदूषण का कारण बना हुआ है जितना प्रदूषण बढ़ रहा है उतना ही वृक्षारोपण की आवश्यकता बढ़ती जा रही है

जल संतुलन के लिए भी वनों की उपयोगिता कम नहीं है एक और घने वृक्ष जहां वर्षा लाते हैं वहीं दूसरी और मजबूत वृक्ष बाढ़ रोकते हैं

वृक्ष भूमि को मरुस्थल बनाने से रोकते हैं यह नमी सोखकर भूमि की भीतरी परत तक पहुंचते हैं इस तरह भू-गर्भ जल का स्तर भी बढ़ाते हैं जिससे कि भूमि की उर्वरता शक्ति बढ़ाती है

प्राकृतिक स्वरूप के रक्षक

वन हमारी सृष्टि के प्राकृतिक स्वरूप की रक्षा करते हैं वैज्ञानिक प्रगति के नाम पर अनेक वन काटकर मनुष्य ने आज चारों और सुनसान जंगल कर दिया है

वनों के कटते जाने से प्राकृतिक पदार्थ जैसे लकड़ी, कोयला आदि का अभाव होता जा रहा है चारों और अधिक से अधिक इन वस्तुओं को जमा करके लाने की आपाधापी मची हुई है

पशु पक्षियों के घर उजाड़ दिए गए हैं अब यदि वे नगर की ओर भागते हैं तो उन्हें मार डाल दिया जाता है

यदि ऐसा ही चलता रहा तो हम मानव अपनी ही गलतियों से रहने योग्य प्रकृति के हरे भरे सौंदर्य और विभिन्न प्रजातियों के पशु पक्षियों को देखने को तरस जाएंगे. सृष्टि के स्वाभाविक रूप की रक्षा वन ही करते हैं

वन रहेंगे तो हम रहेंगे

यदि हमने जनसंख्या के अनुपात में वनों का रोपण ना किया उन्हें काटकर, जलाकर नष्ट किया तो जिस प्रकार आज कुछ पशु पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त हो गई है उसी प्रकार से मानव का भी यही हाल होगा

इस प्रकार वनों के महत्व और उपयोगिताओं को ध्यान में रखकर जीवन जीना होगा और यह गांठ बांधनी होगी कि वन रहेंगे तो हम रहेंगे

उपसंहार

वृक्षारोपण ही मात्र एक ऐसा उपाय है जो कि भविष्य में हमें प्राकृतिक आपदाओं तथा सुख में जीवन जीने की आस दे सकता है

हमें अपने घरों तथा खाली इलाकों में वृक्षारोपण करना चाहिए जिससे कि पर्यावरण शुद्ध होता ही है इसके साथ साथ हमें जीवित रहने युक्त ऑक्सीजन तथा कई अन्य जीवो को घर गृहस्ती मिल जाती है

कहा जाता है कि एक वृक्ष 10 पुत्रों के बराबर होता है यानी कि यदि आप एक वृक्ष को काटते हैं तो आप अपने 10 पुत्रों को बलिदान कर रहे हैं इसीलिए जनसंख्या को बढ़ावा न देकर वृक्षों को बढ़ावा दें कहने का अभिप्राय है कि हमें वृक्षारोपण करना चाहिए

संक्षेप में

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