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गांधी जयंती पर भाषण

Gandhi Jayanti Speech in Hindi : देश की स्वतंत्रता में महात्मा गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान है. पूरा देश महात्मा गांधी जी को राष्ट्रपिता के नाम से जानता है. प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है जिसमें कि गांधीजी के आदर्शों पर चलने की सलाह दी जाती है

क्या आप गांधी जयंती पर भाषण खोज रहे हैं तो आप एकदम सही जगह पर उपलब्ध हुए हैं. आपका स्वागत है MDS BLOG में, आज मैंने आपको गांधी जयंती पर भाषण बताए हैं जोकि स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए काफी अच्छे साबित होंगे. तो आइए जानते हैं

नाममहात्मा गांधी
प्रसिद्ध नामराष्ट्रपिता और बापू
जन्म तिथि2 अक्टूबर 1869
जन्मस्थानपोरबंदर, गुजरात
माता का नामपुतलीबाई
पिता का नामकरमचंद गांधी
मृत्यु30 जनवरी 1948

गांधी जयंती पर भाषण 300 शब्दों में

Gandhi Jayanti Speech in Hindi

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी टीचर्स और मेरे प्यारे दोस्तों…. आज मैं आप सभी के समक्ष गांधी जयंती के इस शुभ अवसर पर कुछ शब्द व्यक्त करने जा रहा हूँ

“लाठी, डंडा, धोती थी जिनकी पहचान,
सत्य-अहिंसा के पुजारी थे हमारे बापू महान “

जैसा कि आप सभी जानते ही हैं, कि आज हम सभी देश के राष्ट्रपिता पूज्य महात्मा गांधी जी के जन्मदिवस को मनाने के लिए उपस्थित हुए हैं

हमेशा सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले हमारे प्यारे बापू का जन्म 2 अक्टूबर सन 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. पिता करमचंद गांधी और माँ पुतलीबाई के धार्मिक विचारों और संस्कारों के साथ पले-बढ़े गाँधीजी बचपन से ही बड़े सीधे-सादे थे

मात्र 13 वर्ष की आयु में इनका विवाह कस्तूरबा से हो गया था. अपनी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर और माध्यमिक शिक्षा राजकोट से करने के बाद गांधी जी वकालत करने हेतु इंग्लैंड रवाना हो गए

4 वर्षों के बाद भारत लौटकर उन्होंने राजकोट में ही वकालत प्रारम्भ कर दी. एक बार गाँधीजी किसी मुकदमे के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका गए जहाँ उन्हें रंगभेद का सामना करना पड़ा. गांधीजी ने इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई

सन 1913 में गांधी जी ने भारत लौटकर अंग्रेजों के अत्याचारों का कड़ा विरोध किया और चंपारण, सविनय अवज्ञा, असहयोग और भारत छोड़ो जैसे आन्दोलन किए

पूरा देश उन्हें बापू कहता था. उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देशवासियों को एकजुट किया. आखिरकार 15 अगस्त 1947 को देश ने आजादी प्राप्त की

इस प्रकार देश को आजादी दिलाने वालों में गांधीजी का नाम अग्रिम पंक्ति में सुनहरे अक्षरों से अंकित हुआ. देशवासियों ने उन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि देकर उन्हें सम्मानित किया

गांधीजी ने सारी उम्र अहिंसा का गुणगान किया. किंतु उनका अंत बड़े ही हिंसक तरीके से हुआ. 30 जनवरी सन 1948 के दिन नाथूराम गोडसे नामक एक व्यक्ति ने गोली मारकर गांधीजी की हत्या कर दी

गांधीजी हमारे बीच से चले गए लेकिन उनके विचार आज भी हमारे बीच हैं. हम सभी भारतवासी उनके विचारों से शिक्षा लेकर अपने जीवन को अधिक मूल्यवान बना सकते हैं

हम सभी भारतवासियों के दिलों में हमारे प्यारे बापू हमेशा ही जीवंत रूप में रहेंगे. आज उनकी जयंती के अवसर पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ

धन्यवाद!

गांधी जयंती पर भाषण 400 शब्दों में

आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार, मेरा नाम……..है. मैं कक्षा…..में पढ़ता हूँ. महात्मा गाँधी जी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर के इस शुभ अवसर को मनाने के लिये हम सब यहाँ इकट्ठे हुए हैं

इस दिन भारत के राष्ट्रपिता का जन्म 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है. हालाँकि ये राष्ट्रपिता, गाँधी जी और बापू के नाम से भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं

गाँधी जयंती के रुप में देश में बापू के जन्म दिवस को मनाया जाता है. जबकि पूरे विश्व में इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में मनाया जाता है

बापू का जन्म देश के बहुत छोटे शहर में हुआ था लेकिन उनके कार्य बहुत महान थे. जिसको पूरे विश्व में फैलने से कोई नहीं रोक सका

वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो ब्रिटिश शासन से अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने में भरोसा रखते थे. वह अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे

उनके अनुसार ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्त करने का यही एकमात्र असरदार तरीका है. बापू एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे. जिन्होंने भारत की आजादी के संघर्ष में अपना पूरा जीवन दे दिया

भारतीयों के असली दर्द को महसूस करने के बाद उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले के साथ कई सारे आंदोलनों में भाग लेना शुरु कर दिया. असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन वे अभियान है जो उन्होंने भारत की आजादी के लिये चलाये थे

वह कई बार जेल गये. लेकिन कभी अपना धैर्य नहीं खोया और शांतिपूर्वक अपनी लड़ाई को जारी रखा. बापू का पूरा जीवन वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिये देशभक्ति, समर्पण, अहिंसा, सादगी और दृढ़ता का आदर्श उदाहरण है

भारतीय लोगों द्वारा हर साल ढ़ेर सारी तैयारियों के साथ गाँधी जयंती मनायी जाती है. इस उत्सव को मनाने का उद्देश्य बापू को श्रद्धाजलि देने के साथ ही ब्रिटिश शासन से आजादी पाने में बापू द्वारा किये गये संघर्ष के बारे में भावी पीढ़ी को बताना है

यह उत्सव हमें अपनी मातृभूमि के लिये हर समय खुली आँखों से सचेत रहने के लिये सिखाता है. मैं आप सबसे महात्मा गाँधी द्वारा कहा गया एक कथन बाँटना चाहूँगा – “मेरा जीवन मेरा संदेश है और दुनिया में जो बदलाव तुम देखना चाहते हो वह तुम्हें खुद में लाना पड़ेगा”

आइए शपथ लेते हैं कि इस गांधी जयंती पर हम गांधी जी के आदर्शों पर चलेंगे और भारत को एक महान राष्ट्र बनाने पर काम करेंगे. इसी के साथ में अपने शब्दों को विराम देता हूं

जय हिन्द, जय भारत, धन्यवाद !

Conclusion

उम्मीद है कि आपको गाँधी जयंती पर भाषण – Gandhi Jayanti Speech in Hindi को पढ़ने पर गांधी जयंती के भाषण मिल गए होंगे. आप इन बातों का उल्लेख अपने स्कूल और कॉलेजों में कर सकते हैं और छात्रों को महात्मा गांधी जी का इतिहास बता सकते हैं.

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