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Home Educational Hindi Essay

गंगा नदी पर निबंध हिंदी में

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

Essay on Ganga River in Hindi : प्राचीन काल से ही गंगा नदी हमारे धार्मिक महत्व को प्रदर्शित करती रही है. गंगा को भारत की सबसे पवित्र नदी माना जाता है और इसे मां का दर्जा दिया गया है

क्या आप गंगा नदी पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आप ने एकदम सही पोस्ट को चुना है. आज मैं आपको बताऊंगा कि गंगा सफाई अभियान पर हिंदी निबंध किस प्रकार आप लिख सकते हैं. विद्यार्थियों के लिए यह पोस्ट काफी उपयोगी है. तो आइए जानते हैं

पाठ्यक्रम show
गंगा नदी पर निबंध – Essay on Ganga River in Hindi
प्रस्तावना
गंगा का उद्गम
गंगा का धार्मिक महत्व
गंगा नदी पर बने बांध
गंगाजल की शुद्धता
गंगा और प्रदूषण
गंगा सफाई अभियान
उपसंहार
गंगा नदी कहां से निकलती है ?
गंगा नदी की कुल लंबाई कितनी है ?
गंगा नदी के किनारे बसे 5 शहरों के नाम बताओ ?

गंगा नदी पर निबंध – Essay on Ganga River in Hindi

गंगा नदी पर निबंध

“सब नदियों में गंगा ही सबसे पवित्र कहलाए
चाहे वैज्ञानिक चाहे धर्म की दृष्टि से देखी जाए”

प्रस्तावना

गंगा भारत की सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र नदी है. यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर 2525 किलोमीटर की दूरी तय करती हुई, उत्तराखंड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है

गंगा नदी देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है. 2071 किलोमीटर तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ 10 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है

गंगा का उद्गम

गंगा नदी की प्रधान शाखा भागीरथी है जो उत्तराखंड गढ़वाल में हिमालय के गोमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद से निकलती है. गंगा के इस उद्गम स्थल की ऊंचाई 3140 मीटर है. यहां गंगा जी को समर्पित एक मंदिर है

गंगोत्री तीर्थ से 19 किलोमीटर उत्तर की ओर 3892 मीटर की ऊंचाई पर इस हिमनद का मुख है, जिसे गोमुख कहा जाता है. गंगा के आकार लेने में अनेक छोटी धाराओं का योगदान है, लेकिन छह बड़ी और उनकी सहायक पांच छोटी धाराओं का भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व अधिक है

गंगा का धार्मिक महत्व

100 फीट की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र नदी भी मानी जाती है तथा इसकी उपासना देवी के रूप में की जाती है

बहुत से पवित्र तीर्थ स्थल गंगा नदी के किनारे पर बसे हुए हैं जिनमें वाराणसी, हरिद्वार और प्रयागराज तथा उत्तरकाशी प्रमुख हैं

यह मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान करने से मनुष्य के सारे पापों का नाश हो जाता है. मरने के बाद लोग गंगा में राख विसर्जित करना मोक्ष प्राप्ति के लिए आवश्यक समझते हैं

यहां तक कि कुछ लोग गंगा के किनारे ही प्राण विसर्जित करना या अंतिम संस्कार की इच्छा भी रखते हैं. इसके घाटों पर लोग पूजा अर्चना करते हैं और ध्यान लगाते हैं

गंगाजल को पवित्र समझा जाता है तथा समस्त संस्कारों में उसका होना आवश्यक है. पंचामृत में भी गंगाजल को एक अमृत माना गया है

अनेक पर्व और उत्सवों का गंगा से सीधा संबंध है. उदाहरण के लिए मकर सक्रांति, कुंभ और दशहरा के समय गंगा में नहाना या केवल दर्शन ही कर लेना बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है

इसके तटों पर अनेक प्रसिद्ध मेलों का आयोजन किया जाता है और अनेक प्रसिद्ध मंदिर गंगा के तट पर ही बने हुए हैं

गंगा नदी पर बने बांध

गंगा नदी पर निर्मित अनेक बांध भारतीय जनजीवन तथा अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग है. इनमें प्रमुख हैं फरक्का बांध, टिहरी बांध तथा भीमगोडा बांध, फरक्का बांध भारत के पश्चिम बंगाल प्रांत में स्थित गंगा नदी पर बनाया गया है

गंगाजल की शुद्धता

गंगा नदी विश्व भर में अपनी शुद्धिकरण की क्षमता के कारण जानी जाती है. लंबे समय से प्रचलित इसकी शुद्धिकरण की मान्यता का वैज्ञानिक आधार भी है

वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणु व अन्य सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं. नदी के जल के अंदर प्राणवायु यानी कि ऑक्सीजन की मात्रा को बनाए रखने की असाधारण क्षमता है, इसका कारण अभी तक अज्ञात है

गंगा और प्रदूषण

गंगा तट पर घने बसे औद्योगिक नगरों के नालों की गंदगी सीधे गंगा नदी में मिलने से प्रदूषण पिछले कई सालों से भारत सरकार और जनता की चिंता का विषय बना हुआ है

औद्योगिक कचरे के साथ प्लास्टिक कचरे की बहुतायत ने गंगा जल को प्रदूषित किया है. वैज्ञानिक जांच के अनुसार गंगा का बायोलॉजिकल ऑक्सीजन स्तर 3 डिग्री जोकि सामान्य है उस से बढ़कर 6 डिग्री हो चुका है. गंगा में 2 करोड़ 90 लाख लीटर प्रदूषित कचरा प्रतिदिन गिर रहा है

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की 12% बीमारियों की वजह प्रदूषित गंगाजल है. यह घोर चिंतनीय है कि गंगाजल ना तो स्नान के योग्य रहा है ना ही पीने के योग्य रहा है और ना ही सिंचाई के योग्य

गंगा सफाई अभियान

गंगा में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए घड़ियालों की मदद ली जा रही है. शहर की गंदगी को साफ करने के लिए संयंत्रों को लगाया जा रहा है और उद्योगों के कचरे को इसमें गिरने से रोकने के लिए कानून बने हैं

इसी क्रम में गंगा को राष्ट्रीय धरोहर भी घोषित किया गया है और गंगा एक्शन प्लान और राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना भी लागू की गई है. नमामि गंगे जैसे प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, हालांकि इसकी सफलता पर प्रश्नचिन्ह भी लगाए जाते रहे हैं

जनता भी इस विषय में जागृत हुई है. इसके साथ ही धार्मिक भावनाएं आहत ना हो इसके लिए प्रयत्न किए जा रहे हैं. इतना सब कुछ होने के बावजूद गंगा के अस्तित्व पर संकट के बादल छाए हुए हैं

2007 की एक संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार हिमालय पर स्थित गंगा की जल आपूर्ति करने वाले हिमनद की 2030 तक समाप्त होने की संभावना है. इसके बाद नदी का बहाव वर्षा ऋतु पर आश्रित होकर मौसमी ही रह जाएगा

उपसंहार

यदि गंगा ना होती तो हमारे देश का एक महत्वपूर्ण भाग बंजर या रेगिस्तान होता इसीलिए गंगा उत्तर भारत की सबसे पवित्र व महत्वपूर्ण नदी है. गंगा नदी भारतीय संस्कृति का भी अभिन्न अंग है

भारत के प्राचीन ग्रंथों जैसे वेद पुराण, महाभारत आदि में गंगा की पवित्रता का वर्णन है. हम सभी को व्यक्तिगत स्तर पर मां गंगा को स्वच्छ और साफ रखने का संकल्प अवश्य ही लेना चाहिए

“अत्यंत महिमा माई है गंगा नदी
अशुद्ध ना इसको करना कभी”

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

गंगा नदी कहां से निकलती है ?

गंगा नदी हिमालय के गोमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद से निकलती है

गंगा नदी की कुल लंबाई कितनी है ?

गंगा नदी की कुल लंबाई 2,525 कि.मी. है

गंगा नदी के किनारे बसे 5 शहरों के नाम बताओ ?

गंगा नदी के किनारे बसे 5 शहर – प्रयागराज, हरिद्वार, कानपुर, वाराणसी और कन्नौज है

Read More :

  • नदी की आत्मकथा पर निबंध
  • जल बचाओ पर निबंध
  • कर्म में करुणा ही दयालुता है पर निबंध

संक्षेप में

उम्मीद है आप ने गंगा नदी पर निबंध (Essay on Ganga River in Hindi) पूरा पढ़ा होगा और आपको यह निबंध अच्छा लगा होगा

इस निबंध को अपने दोस्तों को भी शेयर करें ताकि उन्हें भी गंगा का धार्मिक महत्व अच्छे से समझ आ सके. गंगा सफाई अभियान के बारे में आप क्या विचार रखते हैं कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

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