हमारी आजादी के नायक पर निबंध
क्या आप हमारी आजादी के नायक पर निबंध (Hamari Azadi ke Nayak Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है
आज मैं आपको बताऊंगा कि हमारी आजादी के नायक पर किस प्रकार आप निबंध लिख सकते हैं. विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी यह पोस्ट है. तो आइए बिना समय गवाएं पढ़ते हैं
हमारी आजादी के नायक पर निबंध
प्रस्तावना
हमारी आजादी अर्थात भारत की आजादी को कई वर्ष बीत गए हैं परंतु आज भी जब हम आजादी के समय की बातें करते हैं तब आजादी के नायकों को याद कर हमारी आंखें अवश्य नम हो जाती है
उनकी कुर्बानी याद करके हम आज भी भावुक हो जाते हैं. वैसे तो हमारी आजादी के लिए कई हजारों या लाखों लोगों ने बिना अपनी परवाह किये अपनी जान की बाजी लगा दी
वे सभी हमारी आजादी के नायक है. परंतु उनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश के नाम कर दी थी
हमारी आजादी के नायक
सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत देश को आजाद करने के लिए बहुत से महापुरुषो ने आपने योगदान और बलिदान दिया है जिसमें से कुछ निम्नलिखित है :-
(1) महात्मा गांधी जी
महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था. गांधी जी को राष्ट्रपिता और बापू जी के नाम से जाना जाता है
महात्मा गांधी जी को भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक माना जाता है. गांधी जी के तीन सिद्धांत थे सच्चाई, राष्ट्रवाद और अहिंसा
गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन का नेतृत्व किया, हिंसा के खिलाफ आंदोलन किये जिसने अंततः भारत की आजादी की नींव रखी
वे अपने जीवन के अंत तक देश की जनता के लिए लड़ते रहे. उनकी मृत्यु 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में नाथूराम गोडसे के द्वारा हुई
(2) सुभाष चंद्र बोस
सुभाष चंद्र बोस जी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक, उड़ीसा में हुआ था. उनको नेताजी के नाम से भी जाना जाता है. यह एक भारतीय राष्ट्रवादी थे जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी
वे 1920 के अंत तक राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के बड़े नेता माने जाने लगे. सन 1938 तथा 1939 को वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने. उन्होंने फारवर्ड ब्लाक नामक पार्टी की स्थापना भी की
उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ जापान की सहायता से भारतीय राष्ट्रीय सेना ‘आजाद हिंद फौज’ का निर्माण किया. 18 अगस्त 1945 को टोक्यो, जापान जाते समय ताइवान के पास नेताजी का एक हवाई दुर्घटना में निधन हुआ, ऐसा बताया जाता है
(3) वीर भगत सिंह
वीर भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था. भगत सिंह जी पंजाब के रहने वाले थे. भगत सिंह जी स्वतंत्रता सेनानियों में सबसे कम उम्र के ऐसे सेनानी थे जो सिर्फ 23 वर्ष के थे, जब उन्होंने अपने देश के लिए फांसी को गले लगाया था
लाला लाजपत राय जी की मौत ने उन्हें अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने के लिए उत्तेजित किया था. उन्होंने इसका बदला ब्रिटिश अधिकारी जॉन सांडर्स की हत्या करके लिया था
उन्होंने बटुकेश्वर दत्त के साथ केंद्रीय विधान सभा या असेंबली में बम फेंकते हुए क्रांतिकारी नारे लगाए थे. इन पर ‘लाहौर षड्यंत्र’ का मुकदमा चला और 23 मार्च 1931 को रात भगत सिंह को फांसी पर लटका दिया गया
उपसंहार
हमारे देश को आजाद कराने में बहुत से महानायकों ने योगदान दिया है. कुछ स्वतंत्रता सेनानियों का नाम हमारे समक्ष उपलब्ध है लेकिन बहुत से ऐसे हैं जिनका नाम इतिहास के पन्नों में शायद ही मिलता हो
इसीलिए हमारे देश को स्वतंत्र कराने में जिन महापुरुषों ने अपना त्याग कर दिया उनके लिए हमें सदा आभारी रहना चाहिए और उनके जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि देनी चाहिए ताकि आजादी के संघर्ष का आने वाली पीढ़ी को अनुभव हो सके
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संक्षेप में
हमारी आजादी के नायक पर निबंध आपके लिए कितना उपयोगी था कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं. यदि आपको लगता है कि इस निबंध में और अधिक सुधार किया जा सकता है तो अपना सुझाव हमें जरूर दें