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हनुमान चालीसा हिंदी में

Jai Hanuman Chalisa lyrics in Hindi : दोस्त कैसे हो आप उम्मीद है आप अच्छे होंगे. क्या आप भी हनुमान चालीसा लिरिक्स हिंदी में – Hanuman Chalisa lyrics in Hindi जानना चाहते हैं तो आपके लिए यह पोस्ट एकदम सही है

नमस्कार दोस्तों मैं सचिन आप सभी का MDS BLOG में हार्दिक स्वागत करता हूं. रामायण में हनुमान जी पात्र हम सभी के मन और मस्तिष्क में बैठा है. यदि आपने रामायण पढ़ी है तो रामायण में आपने हनुमान जी की विभिन्न लीलाओं का भी अध्ययन जरूर किया होगा

हमें हनुमान जी से कई सारी अच्छी बातें सीखने को मिलती है. इसी संदर्भ में नीचे हनुमान चालीसा हिंदी में प्रस्तुत की गई है जोकि हनुमान जी के गुणों का गायन करती है. तो आइए Hanuman Chalisa lyrics in Hindi जानते हैं

श्री हनुमान चालीसा हिंदी में – Hanuman Chalisa lyrics in Hindi

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⇦ दोहा ⇨

श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार

⇓ चौपाई ⇓

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर

रामदूत अतुलित बल धामा
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा

महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी

कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुंचित केसा

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै
काँधे मूँज जनेऊ साजे

संकर सुवन केसरीनंदन
तेज प्रताप महा जग बन्दन

विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा

भीम रूप धरि असुर संहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे

लाय सजीवन लखन जियाये
श्री रघुबीर हरषि उर लाये

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा

जम कुबेर दिगपाल जहां ते
कवि कोबिद कहि सके कहाँ ते

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
लंकेश्वर भए सब जग जाना

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते

राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे

सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डरना

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तै कापै

भूत पिसाच निकट नहिं आवै
महाबीर जब नाम सुनावै

नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा

संकट ते हनुमान छुड़ावै
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै

सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा

और मनोरथ जो कोई लावै
सोइ अमित जीवन फल पावै

चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा

साधु-संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता

राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम-जनम के दुख बिसरावै

अंतकाल रघुबर पुर जाई
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई

और देवता चित्त न धरई
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई

संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा

जै जै जै हनुमान गोसाई
कृपा करहु गुरुदेव की नाई

जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई

जै जै जै हनुमान गोसाई
कृपा करहु गुरुदेव की नाई

जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा

तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा

⇦ दोहा ⇨

पवन तनय संकट हरन , मंगल मूरति रूप
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप

https://www.youtube.com/watch?v=uwY2mlqaLYk

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