हेलो दोस्तों, क्या आप हिंदी दिवस पर भाषण (Hindi Diwas Speech in Hindi) की तलाश कर रहे हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए है
हम सभी जानते हैं कि प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हमारे देश भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है जोकि हमें हिंदी भाषा के महत्व और हिंदी भाषा को अधिकता देने के लिए प्रेरित करता है
हम भारतवासी पश्चिमी संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अपनी संस्कृति और भाषाओं को भूलते जा रहे हैं. अपनी मातृभाषा और संस्कृति को बनाए रखने के लिए हिंदी भाषा के संदर्भ में प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है
इस पोस्ट के माध्यम से आज आपको हिंदी दिवस पर तीन भाषण बताए गए हैं. जो भी भाषण आपको ठीक लगे आप उसे अपने स्कूल और कॉलेज में बोल सकते हैं. आइए जानते हैं
1) हिंदी दिवस पर भाषण – Hindi Diwas par Speech (2023)
यहां उपस्थित आदरणीय मुख्य अतिथिगण, माननीय प्रधानाचार्य जी, सभी अध्यापक गण और मेरे प्यारे दोस्तों, सभी छोटे एंव बड़ों को मेरा सादर नमस्कार ! आप सभी को मेरी तरफ से हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !
“हम सबकी पहचान है हिन्दी
मातृभूमि की शान है हिन्दी”
आज का दिन बहुत ही खास एवं महत्वपूर्ण है. आज 14 सितम्बर को हमारे देश भारत में हिन्दी दिवस मनाया जाता है. 14 सितम्बर 1949 को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अथक प्रयासों के परिणाम स्वरूप भारत देश में हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया और 26 जनवरी 1950 को संविधान के अनुच्छेद-343 में हिन्दी भाषा को अधिकारक भाषा घोषित किया गया. हिन्दी भाषा सबसे सरल, सहल और मृदु (मीठी) भाषा है. यह भाषा अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त करने का सबसे आसान माध्यम है
“हिन्द देश के हम, हिन्दी ही हमारी बोली है
सहज सरल आसान, हिन्दी ही सबसे भोली है”
14 सितम्बर 1953 से प्रतिवर्ष हमारे देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है. हिन्दी दिवस मनाने का सबसे मुख्य कारण यह है कि हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार बढ़ता रहे और यही कारण है कि आज हिन्दी भाषा बोलने वालों का प्रतिशत 41% से बढ़कर 45% हो गया है
लेकिन आज की आधुनिकता को तेजी से बढ़ता हुआ देखकर इस बात का एहसास होता है कि आज हिन्दी दिवस को और अधिक जोश और हर्षोल्लास के साथ मनाने की आवश्यकता है. क्योंकि कहीं न कहीं लोगों की सोच में कुछ परिवर्तन आ रहा है
लोग अपने बच्चों को हिन्दी मीडियम के बजाय अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ाने पर अधिक जोर दे रहे हैं और वो ऐसा इसलिए भी कर रहे हैं कि आज की आधुनिकता और डिजिटलाइजेशन के दौर में उन्हें यह लगता है कि उनका बच्चा कहीं पीछे न रह जाये
“अन्य भाषाओं का कड़वा पथ है
सबसे कलात्मक हिन्दी का रथ है”
हिन्दी हमारी मातृभाषा, हिन्दी हमारे दिल की भाषा है जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, संसद से लेकर सड़कों तक और साहित्य से लेकर सिनेमा तक हर जगह संवाद के बड़े माध्यम के रूप में सामने आती है
आज भी हिन्दी भाषा पूरे विश्व में बोली जाने वाली सभी भाषाओं में से तीसरी भाषा है. 14 सितम्बर को हमारे स्कूल की तरह ही सभी भारतीय स्कूलों और कॉलेजो में भी इस दिन को सम्मानपूर्वक मनाया जाता है
इस दिन स्कूलों में कविता, निबंध, कहानी तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है. न केवल स्कूलों में बल्कि कई संस्थानों और कार्यालयों में भी हिन्दी दिवस को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है
लेकिन यह भी सच है कि आज की टेक्नोलॉजी से जुड़ने के लिए अंग्रेजी भाषा सीखना भी जरूरी है. परन्तु अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी को नही भूलना चाहिए और सभी भाषाओं में अपनी राष्ट्रभाषा को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए
इसी के साथ मैं आप सभी को आप धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे अपने विचार आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करने का सुअवसर दिया. इसी के साथ एक बार फिर से आप सभी को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
जय हिन्द ! जय भारत ! जय हिंदी !
2) हिंदी दिवस पर भाषण – Speech on Hindi Diwas in Hindi

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी अध्यापक और मेरे प्यारे दोस्तों, आज मैं आप सभी के समक्ष हिंदी भाषा बारे में अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूं
“हम सब का अभिमान है हिंदी
भारत देश की शान है हिंदी”
जिस प्रकार संस्कृत को सभी भाषाओ की जननी कहा जाता है. ठीक उसी प्रकार हिंदी भाषा को भी भारत की जननी कहते हैं क्योंकि इसके माध्यम से विचारों को प्रकट करने की एक अद्भुत क्षमता विकसित होती है. भारतीय संस्कृति में हिंदी को मातृभाषा का दर्जा दिया गया है
हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं है बल्कि ये पूरे भारत को अखंडता और एकता के सूत्र में जोड़ती है. हिंदी पूरे देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी जगह बोली जाती है और ये भारत में विभिन्न धर्मों के लोगों को एक साथ जोड़ने का काम करती है
जिस प्रकार विदेशों में सर्वप्रथम अपनी भाषाओं को मान्यता दी जाती है और पूरे देश में अपनी मातृभाषा को प्राथमिकता दी जाती है ठीक उसी प्रकार हमें भी अपने देश में हिंदी को प्राथमिकता देनी चाहिए और राष्ट्रभाषा हिंदी का सम्मान करना चाहिए. लेकिन अफसोस की बात यह है कि अभी तक हम हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा भी नहीं दिला पाए हैं
साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो देश के सामने एक राजभाषा के चुनाव को लेकर सबसे बड़ा सवाल था. क्योंकि भारत में हजारों भाषाएं और सैकड़ो बोलियां बोली जाती हैं. इसे ध्यान में रखते हुए 14 सितंबर 1949 को हिंदी और इंग्लिश को राजभाषा के रूप में चुना गया. हालांकि इस पर जमकर विरोध हुआ
इस विरोध के फलस्वरुप 14 सितंबर 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया जोकि प्रचार समिति के अनुरोध पर संभव हुआ. इसके बाद अभी तक प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है
इसका उद्देश्य लोगों को हिंदी के महत्व व इतिहास के बारे में बताना है और अपनी मातृभाषा के प्रति जागृत करना है तथा हिंदी को ना केवल देश के हर क्षेत्र में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रसारित करना है
पूरे विश्व में हिंदी ने हमें एक अलग ही पहचान दिलाई है और भारत की शान का झंडा पूरी दुनिया में लहरा है. यह संपूर्ण विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है. हिंदी विश्व की सबसे प्राचीन, सरल और समृद्ध भाषाओं में से एक है
हम सभी भारतीय हिंदी को अपनी राष्ट्रभाषा मानते हैं लेकिन संवैधानिक तौर पर अभी हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है. हिंदी भाषा विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे स्थान पर आती है. इसे भारतीय संस्कार और संस्कारों की परिचायक माना जाता है
लेकिन राष्ट्र को आज भी इस सवाल का जवाब पूछा जाता है कि हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार क्यों नहीं किया जा रहा? और क्यों भारत की जननी हिंदी को एक दिवस के रूप में मनाने की आवश्यकता पड़ रही है? लगभग हर क्षेत्र में क्यों अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है इन सभी बातों पर हम सभी भारतीयों को विचार करने की अति आवश्यकता है? अंत में बस इतना ही कहना चाहूंगा
“देश की ऊंची शान करें
हम हिंदी में हर काम करें”
3) हिंदी दिवस पर भाषण – Hindi Diwas Speech in Hindi

यहां उपस्थित सभी को मेरा नमस्कार! आज हिंदी दिवस के इस शुभ अवसर पर आप सभी के समक्ष अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रति अपने भावनात्मक विचार लेकर मै उपस्थित हुआ हूँ. सबसे पहले दो पंक्तियां हिंदी भाषा के सम्मान में बोलना चाहूंगा…
“हिन्द देश की शान है हिंदी,
भारत का अभिमान है हिन्दी”
जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि हम सभी यहां पर हिंदी दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं. हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर के दिन मनाया जाता है. विभिन्न परम्पराओं और संस्कृतियों वाले हमारे देश भारत में तरह-तरह की भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं
उन सभी भाषाओं में सबसे प्रमुख है – हिंदी, हिंदी हमारे हिंदुस्तान की पहचान है. देश की राजभाषा हिंदी विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है
यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची परिचायक है. बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ ही हमारी हिंदी सभी भाषाओं में सबसे वैज्ञानिक है
हिंदी को दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद है. यह विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है जो हमारे पारम्परिक ज्ञान, प्राचीन सभ्यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है
14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा बनाया गया. आजादी मिलने के बाद, देश मे अंग्रेजी के बढ़ते उपयोग और हिंदी के प्रयोग में आती कमी को देखते हुए हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया
पहली बार 14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस मनाया गया और तब से यह प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है. हिन्दी दिवस के दौरान कई कार्यक्रम होते हैं. इस दिन छात्र-छात्राओं को हिन्दी के प्रति सम्मान और दैनिक व्यवहार में हिन्दी के उपयोग करने आदि की शिक्षा दी जाती है
जिसमें निबन्ध लेखन, वाद-विवाद, हिन्दी टंकण आदि प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं. इस तरह हम हिंदी दिवस मनाते हैं. तो आइए हम सभी इस शुभ अवसर पर मिलकर यह संकल्प लें कि
“आज से प्रण लें हम, हिंदी में सब व्यवहार हो,
बोलचाल का हम सबके हिंदी ही आधार हो”
जय हिंद ! जय हिंदी ! जय भारत !
धन्यवाद !
हिंदी दिवस कब मनाया जाता है ?
प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है
हिंदी दिवस मनाने का कारण बताओ ?
हिंदी भाषा का महत्व, जागरूपता और वैश्विक स्तर पर हिंदी के प्रचार के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है
पहली बार हिंदी दिवस कब मनाया गया था ?
14 सितंबर 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया था
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संक्षेप में
आशा है आपने हिंदी दिवस पर भाषण (Hindi Diwas Bhashan in Hindi) को पूरा पढ़ा और आपको यह कलेक्शन अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह भाषण अच्छा लगा तो इस भाषण को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिएगा ताकि उन्हें भी हिंदी दिवस पर भाषण बोलना और सकें