Holi Essay in Hindi : रंगों का त्योहार होली पूरे भारतवर्ष में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. होली का त्यौहार हमें जीवन में धर्म और सत्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है
क्या आप होली पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को खोला है. आज मैं आपको बताऊंगा कि होली के बारे में निबंध किस प्रकार आप लिख सकते हैं. तो आइए पढ़ते हैं
1) होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi for Child
होली का त्योहार मेरा सबसे प्रिय त्योहार है. होली रंगों और गुलाल के साथ-साथ प्रेम और भाईचारे का त्योहार है. यह त्योहार प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है
यह त्योहार दो दिनों का होता है. होली के एक दिन पूर्व होलिका दहन होता है और उसके दूसरे दिन होली होती है. होलिका दहन में सूखी लकड़ियों और गोबर के कंडे का शंक्वाकार ढेर बनाया जाता है और फिर उस ढेर को जलाकर होलिका दहन करते हैं
ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की असुर राजा हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका से रक्षा की थी. इसके दूसरे दिन सभी लोग होली का त्योहार मनाते हैं और एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं
ऐसा माना जाता है कि इस दिन लोग एक दूसरे के सारे गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर गले मिलते हैं और होली की बधाई देते हैं. इस त्योहार की ये खास बात मुझे बहुत पसंद है
होली के दिन सभी के घरों में गुझिया, मठरी, लड्डु, मिठाई जैसे कई तरह के पकवान बनते हैं जिसको खाने में बहुत आनंद आता है. इस दिन मुझे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के यहाँ जाकर होली मिलने में भी बहुत खुशी होती है. मैं सभी को होली की बधाई और मुबारकबाद देता हूँ और खुशियाँ मनाता हूँ
होली खुशियों और उमंगों का त्योहार है. यह त्योहार हमें प्रेम, सौहार्द, भाईचारा और एकता का संदेश देता है. मैं हर साल इस त्योहार का बेराब्री से इंतजार करता हूँ क्योंकि यह मेरा प्रिय त्योहार है
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2) होली पर निबंध – Holi Festival Essay in Hindi

“जीवन में भर दे रंगों की बहार
ऐसा है होली का त्यौहार”
होली एक रंगबिरंगा त्योहार है. यह त्यौहार प्रमुख रूप से हिन्दू धर्म का त्यौहार है परंतु इसे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं
इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं. बच्चे और बड़े सभी पूरे जोश के साथ होली खेलते हैं
होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं. होली मनाने के एक रात पहले होली को जलाया जाता है इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है
भक्त प्रह्लाद के पिता हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे. वह विष्णु भगवान के विरोधी थे जबकि प्रह्लाद विष्णु भक्त थे उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका से मदद मांगी
होलिका के पास एक ऐसा वस्त्र था जिसे ओढ़ने पर आग उसका कुछ नही बिगाड़ सकती थी. होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए प्रहलाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु विष्णु भगवान की कृपा से वह वस्त्र उड़कर प्रहलाद पर आ गया
परिणाम स्वरूप प्रहलाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई. इस तरह यह त्योहार बुराई को त्याग कर अच्छाई और धर्म की राह पर चलने का भी संदेश देता है
“आओ इस बार मिलकर बुराई की होली जलाएं
भक्त प्रहलाद को याद करें हम अवगुण दूर भगाएं”
आज भी पूर्णिमा को होली जलाते हैं और अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालते हैं. बच्चे इस दिन रंगों से भरी पिचकारी चलाते हैं और खूब मस्ती करते हैं
इस दिन लोग अनेक प्रकार के व्यंज्जन बनाते हैं और मित्रों व रिश्तेदारों को खिलाते हैं. यह त्योहार रंगों का त्योहार है. प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोल कर भाई-चारे का संदेश देता है
इस प्यार भरे पर्व पर कुछ लोग नशा और गाली गलौच करते हैं. दूसरों पर गंदा पानी डालते हैं. इतने हर्षोल्लास के पर्व पर इस तरह की हरकतें नहीं करनी चाहिए. हम सभी को आपसी बैर भुलाकर प्रेमपूर्वक रहने का संकल्प लेना चाहिए
“भेदभाव को भूल जाएं
प्रेमपूर्वक होली मनाएं”
संक्षेप में
होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) आपके लिए कितना उपयोगिता था कॉमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं. यदि आपको लगता है कि इस निबंध में और सुधार किया जा सकता है तो अपने सुझाव हमें जरूर दें