हेलो दोस्त कैसे हो? उम्मीद है आप अच्छे होंगे. तो क्या आप मानव हृदय की क्रियाविधि खोज रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए ही है. यह प्रश्न अक्सर 10th बोर्ड परीक्षा में पूछा जाता है इस प्रश्न का एक Satisfied Answer कैसे लिखा जाए आइए जानते हैं

हृदय का मुख्य कार्य शरीर के विभिन्न भागों से रुधिर को एकत्र करके शरीर के विभिन्न भागों में इसका वितरण करना है. हृदय निरन्तर सिकुड़ता और शिथिल होता रहता है इस क्रिया को हृदय स्पन्दन (heart beat) कहते हैं. हृदय स्पन्दन के लिए हृदय में विशिष्ट हृद पेशियों से बना संवहनी तन्त्र होता है. यह तन्त्र हृदय स्पन्दन की प्रेरणा को पूरे हृदय में पहुँचता है जिसके कारण हृदय रुधिर को पम्प करने का कार्य करता है
दाएँ अलिन्द की भित्ति में अग्र महाशिरा के छिद्र के पास शिरा-अलिन्द घुण्डी स्थित होती है. हृदय स्पंदन का प्रारम्भ तथा नियन्त्रण शिरा-अलिन्द घुण्डी द्वारा होता है. अतः इसी कारण शिरा-अलिन्द घुण्डी को गति नियामक भी कहते हैं
अलिन्द-निलय घुण्डी, अन्तराअलिन्द पट में स्थित होती हैं. अलिन्द-निलय घुण्डी में संवहनी तन्तु का गुच्छा निकलता है जिसे हिस का बण्डल कहते हैं. इससे निकलने वाले तन्तु निलय की भित्ति में फैले रहते हैं इन तन्तुओं को पुरकिंजे के तन्तु कहते हैं
हृदय स्पंदन शिरा अलिन्द घुण्डी से प्रारम्भ होकर अलिन्द-निलय घुण्डी तक पहुँचता है. वहाँ से हिस के बण्डल तथा पुरकिंजे तन्तुओं द्वारा निलय की भित्ति में फैल जाता है. हृदय के सिकुड़ने को प्रकुंचन तथा शिथिल होने को अनुशिथिलन कहते हैं
अलिन्दों के शिथिल होने से रुधिर महाशिराओं से आकर अलिन्दों में, जबकि निलयों के शिथिल होने से निलयों में एकत्र हो जाता है. जब हृदय के इन भागों में प्रकुंचन होता है तो रक्त अलिन्दों से निलय में तथा निलयों से महाधमनियों में धकेल दिया जाता है. अलिन्दों तथा निलयों में ये क्रियाएँ क्रमश: तथा एक के बाद एक होती हैं
निलयों में जब रुधिर आकर एकत्रित होता है तो इसे अनुशिथिलन कहते हैं. इसी प्रकार निलयों के सिकुड़ने को प्रकुंचन कहते हैं इस समय रुधिर निलयों से महाधमनियों में धकेल दिया जाता है. मनुष्य का हृदय एक मिनट में 72 से 75 बार स्पन्दित होता है. यह हृदय स्पन्दन की दर कहलाती है
FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मनुष्य का हृदय 1 मिनट में कितनी बार धड़कता है?
मनुष्य का हृदय 1 मिनट में 72 से 75 बार धड़कता है
हृदय का क्या कार्य है?
हृदय का मुख्य कार्य शरीर के विभिन्न भागों से रक्त को एकत्र करके, स्पन्दन क्रिया के माध्यम से शरीर के विभिन्न भागों में रक्त का वितरण करना है
Read More Question
- D.N.A और R.N.A में अंतर
- पारितंत्र क्या है इसकी परिभाषा और घटक
- श्वसन और दहन में अंतर
- रुधिर और लसीका में अंतर
संक्षेप में
दोस्त उम्मीद है आपको हृदय की कार्य विधि का अंदाजा हो गया होगा और आपको पता लग गया होगा कि मानव हृदय की क्रियाविधि प्रश्न का उत्तर आपको बोर्ड परीक्षा में किस प्रकार लिखना है. यदि आप शिक्षा संबंधी जानकारियों में रुचि रखते हैं तो MDS BLOG आपको हर दिन कुछ न कुछ नया जरूर सिखाता है इसीलिए आते रहिएगा MDS BLOG पर और कुछ न कुछ नया जरूर सीखएगा