Jal Hi Jeevan Hai Essay in Hindi : क्या आप भी खोज रहे हैं कि जल ही जीवन है पर निबंध शानदार तरीके से किस प्रकार लिखा जाए तो यह पोस्ट आपके लिए काफी उपयोगी है
दोस्त इस पोस्ट में आपको जल ही जीवन है पर एक आसान और सरल निबंध बताया गया है जो कि प्रत्येक विद्यार्थी वर्ग के लिए उपयोगी है. तो आइए जानते हैं
जल ही जीवन है – Jal Hi Jeevan Hai

“जल ही होता है स्वस्थ जीवन का आधार,
बिन जल के धरती पर जीना है दुश्वार”
जल एक प्राकृतिक संसाधन है. जल मानव जीवन हेतु बेहद महत्वपूर्ण होता है. जल के बिना हम एक दिन भी नहीं रह सकते है
जल मनुष्य के साथ-साथ पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों के लिए भी आवश्यक होता है. नदियां, तालाब, वर्षा आदि इस्तेमाल करने योग्य जल के प्रमुख स्रोत होते हैं
पृथ्वी पर अधिकांश जल समुंद्री है, जो कि इस्तेमाल करने योग्य नहीं होता अतः जितना जल इस्तेमाल करने योग्य है हमें उसका सीमित और आवश्यकतानुसार ही प्रयोग करना चाहिए
जल पीने के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है. जल खाना बनाने, कपड़े धोने, नहाने और रोजमर्रा के अनेक कामों में नियमित रूप से आवश्यक होता है
मानव जीवन हेतु अत्यावश्यक पेड़-पौधों को भी हरा-भरा रहने के लिए पानी की ही आवश्यकता होती है
हमें फसलों को उगाने हेतु भी पानी की अत्यंत आवश्यकता होती है. पशु-पक्षियों सभी के लिए पानी जरूरी होता है. आजकल विभिन्न मानवीय गतिविधियों के फलस्वरूप भूमिगत जल में काफी गिरावट आयी है जिसके कारण सभी को पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है
आजकल वनों की बढ़ती कटाई और तापमान में वृद्धि होने से कई क्षेत्रों में अनावृष्टि के कारण पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं होता है. बरसात की मात्रा में पहले की तुलना में काफी गिरावट आयी है जिससे जल स्रोत जैसे नदी, तालाब इत्यादि सभी सूख रहे है
यदि धरती पर जल ही सूख गया तो हम सभी किस प्रकार जीवित रह पाएंगे. औद्योगिकरण और शहरीकरण के कारण जल स्त्रोत प्रदूषित होते जा रहे हैं, फलस्वरूप लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है
साथ ही प्रदूषित जल के कारण कई प्रकार की बीमारियां फैल रही हैं. प्रदूषित जल पीने के कारण जीव जंतु बीमार हो रहे हैं. प्रदूषित जल से सिंचाई करने के कारण फसलें रोगग्रस्त हो रही हैं. ऐसी फसलों को खाकर लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं
सरकार द्वारा इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं परन्तु अभी भी सार्थक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. साथ ही जन-जन को जागरूक किया जाना भी जरूरी है जिससे व्यक्तिगत स्तर पर सुधार आए
जितना आवश्यक हो उतने ही जल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. वाहनों के धुलाई में जल को यूं ही व्यर्थ नहीं करना चाहिए. वर्षा जल का संग्रह करना चाहिए
जल को बचाने के लिए लोगों द्वारा पेड़-पौधे लगाए जाने चाहिए. नदियों नालों में घरेलू कचरा अथवा गन्दा जल नहीं बहाना चाहिए
प्रदूषण फैलाते उद्योगों और फैक्टरियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए. प्लास्टिक जैसी वस्तुओं से भी जल प्रदूषित होता है अतः इसका प्रयोग बंद कर देना चाहिए
आज के समय में अधिकतर इंसान जागरूक हैं और पानी के महत्व को भली प्रकार से समझते हैं. फिर भी लोग ना जाने क्यूं पानी को गन्दा कर रहे हैं. ऐसे सभी लोगों को अपनी आदतें और सोच बदलनी होगी
जल का सही उपयोग और जल बचाओ जैसी मुहीम को घर-घर तक पहुंचाना बहुत जरूरी है. लोगों में जल को बचाने हेतु जागरूकता लाने के लिए प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस भी मनाया जाता है
जल समस्त प्राणिजगत हेतु किसी अमृत से कम नहीं होता. हमारे पास अभी भी समय है कि हम जल को प्रदूषित होने से बचा लें
सरकार के साथ-साथ हम सब को भी जल संरक्षण में सहयोग करना ही होगा. तभी हम भविष्य हेतु स्वच्छ जल को बचा पाएंगे. हम सभी का यह दायित्व और कर्तव्य है कि हम जल की अहमियत को समझें और जल को व्यर्थ ना बहाएं. इसी में मानव जीवन और समस्त प्राणिजगत का भला होगा
“जल ही जीवन है सबको ये समझाएं,
सीमित ही करें प्रयोग यूं व्यर्थ ना बहाएं”
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संक्षेप में
दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको जल ही जीवन है पर निबंध – Jal Hi Jeevan Hai Essay in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा
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