नमस्कार दोस्तों क्या आप जल प्रदूषण के कारण (Jal Pradushan ke karan) खोज रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती है. इस पोस्ट में आपको जल प्रदूषण के कारण इसके बारे में बताया गया है
जल एक प्रकृति प्रदत्त उपहार है. जल आर्थिक, सांस्कृतिक और जैविक दृष्टि से पृथ्वी का उपयोगी संसाधन है. यह एकमात्र ऐसा प्राकृतिक संसाधन है जिस पर मानव सभ्यता पूरी तरह आश्रित है. जल ही जीवन है और जब तक जल है सिर्फ तब तक ही जीवन की कल्पना संभव है
इसीलिए अगर जल का संकट हो तो जीवन पर भी संकट छा जाएगा. यही कारण है कि कहा गया है – यदि जल के स्रोत और परिस्थितियों का सही तरीके से प्रबंधन नहीं किया गया तो वर्ष 2050 तक विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या को जल की भीषण कमी का सामना करना होगा
इसी समस्या को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जल दिवस 22 मार्च, 2002 को प्रारंभ किया इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जल का महत्व समझाना है. तो आइए जल प्रदूषण के कारण जानते है
जल प्रदूषण क्या है – Jal Pradushan Kya Hai
स्वच्छ जल में संतुलित सीमा से अधिक मात्रा में अवांछित तत्वों के समावेश के कारण उसका वास्तविक रूप परिवर्तित हो जाता है. ऐसे जल को प्रदूषित जल कहते हैं
मतलब यदि किसी बाहरी तत्व की उपस्थिति से, जब जल की भौतिक व रासायनिक गुणों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन होता है तो वह जल प्रदूषण कहलाता है. आजकल विभिन्न कारणों से जल प्रदूषण हमें अधिक देखने को मिल रहा है आइए इनके बारे में जानते हैं
जल प्रदूषण के कारण – Jal Pradushan ke karan
जल प्रदूषण के कारण सामान्यता निम्नलिखित देखे जा सकते हैं
- साबुन एवं डिटर्जेंट पदार्थों का जल स्रोतों से मिलना जल प्रदूषण बढ़ा रहा है
- चिकनाई युक्त पदार्थ, तेल एवं पेट्रोलियम पदार्थों का जल स्रोतों में मिलना
- फैक्ट्री एवं उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ, रासायनिक विषैले तत्व आदि का जल स्रोतों में मिश्रण होना
- उर्वरक एवं कीटनाशक पदार्थों का जल स्रोत में मिलना
- आणविक ऊर्जा एवं पावर हाउस से निकला ऊष्म जल तथा आण्विक अवशिष्ट पदार्थों का जल स्रोतों में मिलना
- मानव व पशु, मल मूत्र आदि का जल स्रोतों में मिलना
- सड़े-गले आहार, फल, सब्जी, पेड़-पौधों तथा अन्य कार्बनिक, अकार्बनिक पदार्थों का जल स्रोतों में मिलना
- जल भंडारण स्थलों की गंदगी एवं नियमित स्वच्छता का अभाव होना
- अपद्रव्य पदार्थों का जल स्रोतों में मिलना
- जल स्रोतों का सार्वजनिक स्नान तथा आमोद-प्रमोद इत्यादि हेतु प्रयोग होना जल प्रदूषण का मूल कारण है
संक्षेप में
दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको जल प्रदूषण के कारण (Jal Pradushan ke karan) पर यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिएगा ताकि उन्हें भी जल का महत्व समझ में आ सके
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