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Home Educational Hindi Essay

कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध

Sumit Baurai by Sumit Baurai
in Hindi Essay

दोस्तों क्या आप भी जन्माष्टमी पर निबंध – Essay on Janmashtami in Hindi जानना चाहते हैं. तो इस पोस्ट में आज आपको मैं जन्माष्टमी पर एक अच्छा सा निबंध कैसे लिखा जाता है इसके बारे में बताऊंगा. यह पोस्ट खासकर विद्यार्थी वर्ग के लिए तैयार की गई है. तो आइए कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध जानते हैं

पाठ्यक्रम show
जन्माष्टमी पर निबंध – Essay on Janmashtami in Hindi
प्रस्तावना
जन्माष्टमी क्यों और कब मनाई जाती है
जन्माष्टमी का महत्व
जन्माष्टमी कैसे मनायी जाती है
उपसंहार
जन्माष्टमी पर 10 वाक्य हिंदी निबंध

जन्माष्टमी पर निबंध – Essay on Janmashtami in Hindi

कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंधप्रस्तावना

श्री कृष्ण भगवान के जन्मदिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को त्यौहार के रूप में सम्पूर्ण भारत मे मनाया जाता है. साथ ही कई सारे अन्य देशों में भी इसे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन सारा जगत कृष्ण भक्ति में डूब जाता है

जन्माष्टमी क्यों और कब मनाई जाती है

जन्माष्टमी को कृष्ण भगवान के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. शास्त्रों और पुराणों के अनुसार श्री कृष्ण भगवान का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन हुआ था और इसी दिन को हम आज कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं

मथुरा में कंस के बढ़ते अत्याचार से वहां लोग बहुत परेशान और दुखी थे. कंस के अत्याचार से लोगों को बचाने के लिए और पुनः धरती पर धर्म की स्थापना हेतु श्री कृष्ण ने जन्म लिया था

यह भविष्यवाणी हुई थी कि कंस का वध उसके भांजे यानी उसकी बहन देवकी के 8 वे पुत्र द्वारा होगा. कंस को यह भविष्यवाणी पता थी इसलिए उसने देवकी और उनके पति वासुदेव को बंदी बना लिया और उनकी 7 संतानों का वध कर दिया

जब श्री कृष्ण का जन्म हुआ तो किसी प्रकार से उनके पिता वासुदेव उन्हें गोकुल में नंद बाबा और यशोदा के घर में पहुंचा आये ताकि श्री कृष्ण वहां सुरक्षित रह सकें

इसके पश्चात श्री कृष्ण का पालन-पोषण गोकुल में यशोदा माँ और नंद बाबा द्वारा हुआ और आगे चल कर श्री कृष्ण ने भविष्यवाणी को सच किया और कंस का वध कर लोगों को उसके अत्याचारों से मुक्त कर दिया

इसी कारण से लोग श्री कृष्ण के जन्म की खुशी को और उनके प्रति आस्था और प्रेम को प्रतिवर्ष जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है

जन्माष्टमी का महत्व

भगवद गीता में श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि दुनिया में जब भी अधर्म, पाप और बुराइयां बढ़ेंगी और धर्म का पतन होगा तब-तब धर्म ही रक्षा और पुनर्स्थापना के लिए मैं जन्म लूँगा. जन्माष्टमी, श्री कृष्ण द्वारा कहे इन शब्दों को प्रमाणित करने वाला एक अवसर है

ऐसा माना जाता है कि जन्माष्टमी के दिन ही श्री कृष्ण ने कंस का वध करने के लिए धरती पर जन्म लिया था और उनके जन्मदिवस को ही जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. श्री कृष्ण के जन्म से पूर्व समाज बहुत ही बुरी स्थिति में था, हर ओर दुराचार, पाप, अन्याय और अधर्म बढ़ता ही जा रहा था और हर ओर बस अंधकार व्याप्त हो रहा था

ऐसे में जब श्री कृष्ण ने जन्म लिया तो सम्पूर्ण जगत में एक उम्मीद जगी और अंधकार को मिटाने वाले प्रकाश के रूप में श्री कृष्ण अवतरित हुए. इससे लोगों को ईश्वर पे फिर से विश्वास हुआ साथ ही यह भी पता चला कि अधर्म चाहे कितना ही बड़ा हो और अंधकार चाहे कितना भी गहरा क्यों न हो, उसे मिटाने के लिए प्रकाश की एक किरण ही काफी है

इस प्रकार यह त्यौहार हमें यह स्मरण कराता है कि बुराई चाहे कितनी भी बढ़ जाये, अच्छाई से कभी नहीं जीत सकती है. यह हमें अच्छे मार्ग पर चलने और अच्छाई की ओर प्रेरित करता है और धर्म की शक्ति का एहसास दिलाता है

जन्माष्टमी का यह पावन पर्व हम सभी को श्री कृष्ण के आदर्शों का स्मरण कराता है, उनके द्वारा बताए गए मार्गों पर चलने की याद दिलाता है. ईश्वर हम सभी में बसते हैं, और जन्माष्टमी के इस शुभ अवसर पर हम अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त करके अपने अंदर अच्छाइयों और अच्छी भावनाओं को जगाने की ओर प्रयास कर सकते हैं

इसके अलावा, जन्माष्टमी का मुख्य महत्व सद्भावना को प्रोत्साहित करना और बुरी भावनाओं को खत्म करना भी है. यह पवित्र अवसर लोगों को एक साथ लाता है और इस प्रकार यह एकता और विश्वास का प्रतीक है

जन्माष्टमी कैसे मनायी जाती है

जन्माष्टमी के दिन रात 12 बजे तक व्रत रखकर इस पर्व को मनाया जाता है. इस दिन श्री कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है और मंदिरों को सजाया जाता है. कई भव्य झांकियां भी सजाई जाती हैं. कई जगह रासलीला का आयोजन भी किया जाता है. इस दिन दही हांडी या मटकी फोड़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है

इस प्रतियोगिता मे छाछ या दही से भरी मटकी को रस्सी की मदद से आसमान में लटकाया जाता है और आस-पास के बाल गोविंद इस मटकी को फोड़ने का प्रयास करते हैं. जो सबसे पहले मटकी फोड़ने में सफल होता है उन्हें इनाम दिया जाता है. इस प्रकार बहुत धूम-धाम और हर्षोल्लास के साथ जन्माष्टमी पर्व को मनाया जाता है

उपसंहार

जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने की यह रीत युगों युगों से चली आ रही है. यह हमारी श्रद्धा और आस्था, भक्ति को व्यक्त करने का एक जरिया है किंतु सिर्फ यही एक जरिया नहीं है

सभी को अपनी सुविधानुसार व्रत रखना चाहिए और इसके नियमों का पालन करना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ नहीं है तो उसे व्रत नहीं लेना चाहिए

श्री कृष्ण अपने भक्तों को यह नहीं कहते कि मेरे लिए कष्ट उठाओ या व्रत रखो. यदि आप पूर्ण श्रद्धा रखते हैं तो ईश्वर इतने में ही आपसे प्रसन्न हैं. आप बिना व्रत रखे भी अपनी आस्था प्रकट कर सकते हैं. अतः मन में श्री कृष्ण को बसाएं उनके दिए संदेशों को अपने जीवन मे उतारें और उनके बताए मार्ग पर चलें

हरे कृष्ण, हरे कृष्ण राधे-राधे

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जन्माष्टमी पर 10 वाक्य हिंदी निबंध 

  1. जन्माष्टमी एक हिन्दू त्यौहार है जो वर्ष में एक बार मनाया जाता है
  2. इसे कृष्ण जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी नामों से भी जाना जाता है
  3. ऐसा माना जाता है कि जन्माष्टमी के दिन ही श्री कृष्ण का जन्म हुआ था तथा श्री कृष्ण के जन्मदिन को ही जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है
  4. ऐसी मान्यता है कि श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन यानी अष्टमी के दिन हुआ था और तबसे इसी तिथि पर जन्माष्टमी मनाई जाती है
  5. इस साल, 2022 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने का शुभ अवसर 18 अगस्त और 19 अगस्त को है
  6. ज्योतिषविदों के अनुसार इस साल जन्माष्टमी मनाने का समय 18 अगस्त रात 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा और 19 अगस्त रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगा
  7. जन्माष्टमी के पावन अवसर पर लोगों द्वारा श्री कृष्ण की पूजा की जाती है
  8. लोगों द्वारा इस दिन व्रत भी रखा जाता है. इसके अलावा इस दिन भजन कीर्तन, रात्रि जागरण आदि भी किया जाता है. इस दिन दही-हांडी भी फोड़ी जाती है
  9. यह त्यौहार हमें भगवान श्री कृष्ण के आदर्शों को याद दिलाने और उन्हें अपने जीवन में लाने का संदेश देता है. यह त्यौहार लोगों में प्रेम, करुणा, एकता जैसी सद्भावनाओं को जगाने का काम भी करता है
  10. जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे देश भर में बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है. भारत के अलावा दुनिया के अन्य कोनों में भी यह पावन पर्व बड़ी ही धूम धाम और श्रद्धा से मनाया जाता है

संक्षेप में 

दोस्तों उम्मीद है आपको कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध – Essay on Krishna Janmashtami in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा

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