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जनसंख्या वृद्धि पर निबंध

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

नमस्कार दोस्तों क्या आप जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (Essay on population growth in Hindi) खोज रहे हैं. तो आपने एक सही पोस्ट को चुना है. इस पोस्ट में आपको भारत में बढ़ती जनसंख्या या जनसंख्या विस्फोट पर निबंध बताया गया है. तो आइए बिना देरी करे हुए जनसंख्या वृद्धि पर निबंध जानते हैं

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जनसंख्या वृद्धि पर निबंध – Population growth essay in Hindi
प्रस्तावना
जनसंख्या वृद्धि के कारण
जनसंख्या में वृद्धि से हानि
जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण
उपसंहार

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध – Population growth essay in Hindi

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (Essay on population growth in Hindi), भारत में बढ़ती जनसंख्या या जनसंख्या विस्फोट पर निबंध

प्रस्तावना

भारत की जनसंख्या विश्व की कुल 18 प्रतिशत है. आजादी के समय यह 33 करोड़ थी लेकिन सन 2011 में संपन्न जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 121 करोड़ है

भारत के लिए आबादी का इस तीव्र गति से बढ़ना विशेष रूप से चिंता का कारण है क्योंकि भारत की आबादी तो विश्व की कुल 18 प्रतिशत है लेकिन रहने के लिए जमीन विश्व का कुल 2 प्रतिशत ही है

इस प्रकार भारत में जनसंख्या घनत्व बहुत बढ़ गया है. सारी जनसंख्या के लिए प्राकृतिक संसाधनों की पूर्ति हो जाए ऐसा संभव नहीं है. सही मायने में देखा जाए तो संसाधनों और सुविधाओं की तुलना में उपभोक्ताओं की संख्या तेज रफ्तार से बढ़ रही है

अगर यह कह दिया जाए कि एक अनार सौ बीमार की स्थिति है तो गलत नहीं होगा. प्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या हमारी निरंतर चिंता का कारण बन गई है

जनसंख्या वृद्धि के कारण

कोरोना वायरस के दौर में जनसंख्या वृद्धि खासकर सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. मृत्यु दर में कमी भारत में जनसंख्या वृद्धि का सबसे अहम कारण है. सरकारी कार्यक्रमों में अभी तक जन्म दर को कम करने का कोई भी उत्साहजनक परिणाम सामने नहीं आया है और अगर देखा जाए तो जनसंख्या वृद्धि का दूसरा कारण जन्म दर में वृद्धि होना है

गरीब, अनपढ़ और अंधविश्वासी लोग जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों को नहीं जानते है. जनसंख्या घटने का महत्व वह समझते ही नहीं है और अगर देखा जाए तो जिन लोगों के पास रहने को घर नहीं है, खाने को रोटी नहीं है और शिक्षा का अभाव है उनमें ही सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि देखने को मिलती है

जनसंख्या वृद्धि के चलते बेरोजगारी, भूखमरी, कुपोषण, बीमारी, गंदगी तथा अनेक प्रकार की अन्य समस्याएं भी देश में उत्पन्न हो गई है तथा बड़े बड़े शहरों का रूप जनसंख्या वृद्धि के चलते और भी भयानक हो गया है

जनसंख्या वृद्धि का एक मूल कारण यह भी देखा गया है कि पुत्र प्राप्ति की कामना और बहु विवाह की प्रथा में भी जनसंख्या वृद्धि होती जा रही है. मध्यम वर्गीय समाज से लेकर उच्च वर्गीय समाज तक के लोगों में इस प्रथा का प्रचलन है इस प्रथा के चलते जनसंख्या विस्फोट हो रहा है

यही कारण है कि शहर तो शहर, बल्कि अब कस्बों में भी प्रदूषण की समस्या भयंकर रूप लेने लगी है. कितनी खराब बात है कि भारत के कुछ शहर विश्व के सबसे गंदे शहरों में गिने जाते हैं. लेकिन इसका मूल कारण जनसंख्या वृद्धि पर अभी तक भारत द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं

जनसंख्या में वृद्धि से हानि

भारत में जनसंख्या वृद्धि से बेरोजगारी बढ़ती जा रही है और बेरोजगारी के चलते समाज का विकास रुक जाता है. इसी कारण बेरोजगारी से समाज में अपराध जगत में वृद्धि हो रही है. यदि सरकारी और गैर सरकारी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि खुल रहे हैं फिर भी जनसंख्या में भारी दबाव के कारण सारे प्रयास व्यर्थ जा रहे हैं

शहरों के बाजारों में अधिक भीड़ भाड़ है, मेलों में भीड़ भाड़ है, स्कूलों तथा कॉलेजों में प्रवेश के लिए छात्रों की लंबी कतारें लगी हुई है, हॉस्पिटलों में बुकिंग के पांच दिनों बाद तक आपका नंबर नहीं आता है. इन सब दुष्परिणामों का मूल कारण जनसंख्या में वृद्धि ही है

हरित क्रांति तो हुई लेकिन देश के किसान ही भूख से बेहाल है. जनसंख्या वृद्धि से वाहन निर्माण में लोगों की सुविधाओं को हल करने के लिए अधिक वाहनों का निर्माण हुआ जिसके चलते प्रदूषण और कई प्रकार की सड़क दुर्घटनाएं भी देखने को मिल रही है

रोटी, कपड़ा और मकान मूल आवश्यकताओं पर जनसंख्या वृद्धि का दबाव बढ़ता जा रहा है. लाखों लोगों के पास ना खाने के लिए रोटी है, ना शरीर ढकने के लिए कपड़ा है और ना रहने के लिए मकान है

व्यवसाय के क्षेत्र में वृद्धि हुई है, फिर भी जनसंख्या के भारी बोझ को संभाल पाना मुश्किल होता जा रहा है. आज सोचने का विषय यह है कि इन सभी हानियों को गंभीरता से लिया जाए और इनके निवारण के अच्छे उपाय सोचें जाएं और उन पर अमल किया जाए

जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण

भारत में जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पाना अति आवश्यक है इसके लिए जन-जागरूकता की अति आवश्यकता है. लोगों को परिवार-नियोजन, परिवार-कल्याण जैसे कार्यक्रमों को सफल बनाना होगा तथा शिक्षित समाज से ही जनसंख्या वृद्धि की इस समस्या और चिंता से छुटकारा पाया जा सकता है

सीमित परिवार का महत्व, गर्भ-निरोधक उपायों के प्रति रुचि को जागृत करना, बाल विवाह और बहु विवाह प्रथा को रोकने की कोशिश सरकार और जनता दोनों द्वारा कठिन प्रयास से ही संभव हो सकते हैं. आज के समाज में युवाओं की अधिक सक्रियता ही हमें सुख समृद्धि की और ले जा सकती है

उपसंहार

जनसंख्या वृद्धि में भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है. जनसंख्या वृद्धि से हानि और जनसंख्या वृद्धि के कारण इन पर अमल बहुत कम किया जाता है तथा इसके चलते लोग अधिक बेरोजगार हो रहे हैं

जितने भी विकसित राष्ट्र है जैसे अमेरिका, रसिया, जापान आदि में जनसंख्या वृद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाता है. चीन जो की जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा देश है वहां भी केवल एक बच्चा पैदा करने का नियम लागू कर दिया गया है ताकि वहां की जनसंख्या नियंत्रित हो सके

भारत में भी जनसंख्या वृद्धि के प्रति लोगों में हमें जागरूकता लानी होगी तथा परिवार नियोजन और सीमित परिवार का महत्व समझना होगा. तभी देश का कल्याण हो सकता है इसके लिए एक नारा बहुत प्रसिद्ध है –

हम दो, हमारे दो

Read More –

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  • प्राकृतिक आपदा पर निबंध
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संक्षेप में – 

दोस्तों उम्मीद है आपको जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (Essay on population growth in Hindi) अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा.

अगर आप नई नई जानकारियों को जानना चाहते हैं तो MDS BLOG के साथ जरूर जुड़िए जहां की आपको हर तरह की नई-नई जानकारियां दी जाती है MDS BLOG पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Comments 1

  1. Dileep Kumar Parashar says:
    1 year ago

    जनसँख्या व्रद्धि के ऊपर आपने बहुत अच्छा समझाया है

    Reply

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