क्या आप खादी महोत्सव पर निबंध (Khadi Mahotsav Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर आ चुके हैं. आज मैंने आपको खादी महोत्सव पर शानदार निबंधों का कलेक्शन दिया है. तो आइए बिना समय गवाएं पढ़ते हैं
1) खादी महोत्सव पर निबंध – Khadi Mahotsav Essay in Hindi
“खादी को अपनाना है
देश को आत्मनिर्भर बनाना है”
‘खादी’ भारत में हाथ से बनने वाले वस्त्रों को कहते हैं. खादी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. खादी को बढ़ावा देने के लिये केंद्रिय मंत्री नारायण राणे जी ने ‘खादी महोत्सव’ 2023 की घोषणा की है
यह महोत्सव “वोकल फॉर लोकल” पहल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सोचे गए ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ का समर्थन करने को समर्पित है
महात्मा गांधी की 154वीं जयंती मनाते हुए केंन्द्रिय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने मुंबई में खादी यात्रा को हरी झंडी दिखाई और 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2023 तक होने वाले ‘खादी महोत्सव” को प्रारंभ किया. इस महोत्सव का उद्देश्य बुनकरों और कुटीर उद्योग में लगे श्रमिकों को रोजगार अवसर प्रदान करना है
2) खादी महोत्सव पर निबंध – Khadi Mahotsav Essay in Hindi

“खादी मात्र एक वस्त्र नहीं देश का विचार है
देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने को तैयार है”
प्रस्तावना
हमारे देश भारत के लिए खादी मात्र एक वस्त्र नहीं बल्कि एक विचार है. देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने भी देश की बेरोजगार और ग्रामीण जनता को रोजगार प्रदान करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए खादी की अवधारणा विकसित की थी
खादी महोत्सव खादी के महत्व व उपयोग करने के लिए जागरूकता फैलाने के प्रयास में भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक महोत्सव है. यह देशभर में 2 से 31 अक्टूबर 2023 तक मनाया जा रहा है
महोत्सव की शुरुआत एवं उद्देश्य
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती के अवसर पर वर्तमान भारतीय सरकार ने खादी, हस्तशिल्प, हथकरघा, ग्रामीण उद्योग और अन्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफलता की ओर बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 2 अक्टूबर 2023 से 31 अक्टूबर 2023 तक खादी महोत्सव की शुरुआत की है
खादी की विशेषता
खादी से बनाए गए कपड़े हम गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसम में आसानी से पहन सकते हैं. यह हर मौसम के लिए अनुकूल होते हैं. गर्मियों में खादी पसीने को आसानी से सोख लेती है, साथ ही मजबूत खादी हमें सर्दियों के मौसम में ठंड से भी बचाती हैं
खादी के कपड़े धोने के बाद और भी अधिक निखर जाते हैं. धुलाई के बाद इनका लुक और भी बेहतर हो जाता है. यह मजबूत कपड़ा होता है और सालों साल तक चलता है, जिस कारण यह किफायती भी होता है
खादी महोत्सव का महत्व
खादी महोत्सव देश की जनता को खादी के वस्त्रों और खादी से बने उत्पादों के उपयोग के प्रति जागरूक करेगा. इस महोत्सव के माध्यम से खादी की उपयोगिता को बल मिलेगा. साथ ही लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और भारत देश आत्मनिर्भर देश बनने की ओर तेजी के साथ अपने कदम बढ़ाएगा
वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के खादी वस्त्रों एवं खादी उत्पादों के प्रति जागरुक होने से ग्रामीण शिल्पकारों की आय में भी वृद्धि हुई है, जिससे देश में बेरोजगारी की समस्या से भी कुछ हद तक राहत मिलेगी
स्वतंत्रता संग्राम में खादी
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी खादी का विशेष महत्व रहा है. यह संग्राम का एक अहम हिस्सा माना जाता है. गांधी जी ने 1920 के दशक में भारतीय गावों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु खादी के प्रचार-प्रसार पर बहुत जोर दिया
वर्तमान में हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन’ का मंत्र दिया है और खादी को अब एक फैशन स्टेटमेंट का रूप दिया जा रहा है. अब इसका उपयोग डेनिम, जैकेट, शर्ट, ड्रेस सामग्री, स्टोल, घरेलू सामान और हैंडबैग जैसी चीजों में भी किया जाता है
निष्कर्ष
खादी महोत्सव देश को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सरकार की एक अच्छी पहल है. यह महोत्सव वोकल फॉर लोकल को भी प्रोत्साहित करने वाला है
हम सभी को इस महोत्सव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए और खादी को अपनाकर देश के विकास में अपनी भागीदारी अवश्य देना चाहिए
“खादी को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत बनाएं
देश के विकास में भागीदारी अपनी निभाएं”
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