दोस्त क्या आप महिला सशक्तिकरण पर निबंध – Essay on Women Empowerment in Hindi ढूंढ रहे हैं तो आपके लिए यह पोस्ट एकदम सही है
इस पोस्ट के माध्यम से आज आपको नारी सशक्तिकरण पर निबंध किस प्रकार से लिखा जाता है बताया गया है. तो आइए जानते हैं
महिला सशक्तिकरण पर निबंध 500 शब्दों में

प्रस्तावना
भारतीय पुरुष प्रधान समाज में लैंगिक भेदभाव में कमी लाने हेतु महिला सशक्तिकरण पर बल दिया जा रहा है
आधुनिक युग में महिलाओं का सशक्त होना अति आवश्यक है जिससे महिलाएँ परिवार और समाज के सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने निर्णयों की निर्माता खुद हो
महिला सशक्तिकरण से आशय
महिला सशक्तिकरण से आशय महिलाओं की तरक्की और पुरुष प्रधान समाज में उन्हें बराबरी का स्थान दिलाने से है
आज महिलाओं और पुरुषो की आबादी समान होते हुए भी उन्हें बराबर का सम्मान नही मिल पाता है. महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत महिलाओं के प्रति शोषण के विरुद्ध आवाज उठाना और सामाजिक सम्मान जैसे प्रमुख मुद्दे आते है, जिन पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है
नारी सशक्तिकरण का उद्देश्य
महिला सशक्तिकरण की नीति का उद्देश्य महिलाओं की उन्नति, विकास तथा सशक्तीकरण को मूर्त रूप देना है. नारियों के लिए एक ऐसा माहौल तैयार हो, जिससे वे अपनी क्षमताओं को समझ सकें
सामाजिक, राजनैतिक तथा आर्थिक जीवन में महिलाओं द्वारा भागीदारी और निर्णय क्षमता का समान अवसर हो
स्वास्थ्य देखभाल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, करियर तथा रोजगार, समान वेतन, सामाजिक सुरक्षा तथा सरकारी गाड नौकरी आदि में समान अवसर की उपलब्धता नारियों को प्राप्त हो
महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यूँ
पंडित जवाहर लाल नेहरु ने कहा था – “लोगों को जगाने के लिये, महिलाओं का जागृत होना जरुरी है”
हमारे देश भारत में बहुत से ऐसे इलाके हैं जहां समाज में महिलाओं को उचित अधिकार व सम्मान नहीं दिया जाता
उन्हें प्रत्येक दृष्टि से पुरुषों से कम ही आंका जाता है इसीलिए हमें महिला सशक्तिकरण की अति आवश्यकता है
महिला के प्रति होने वाले अन्याय, शोषण और असमानता को दूर करने हेतु नारियों को सशक्त करना समाज की प्रथम आवश्यकता है. इसके अंतर्गत महिलाओं को जरूरी कानूनी सुरक्षा भी प्रदान की जाती है
“नारी जब सशक्त बनेगी
विकास की लहर चलेगी”
महिला सशक्तिकरण से होने वाले लाभ
महिला सशक्तिकरण के द्वारा महिलाओं के साथ-साथ परिवार के हर सदस्य का भी विकास सम्भव है. एक महिला परिवार के लिए रीढ़ की हड्डी के समान होती है जिस घर की महिला सशक्त होगी वो परिवार अपने आप सशक्त हो जाएगा
जहाँ के परिवार सशक्त होंगे वहां पूरा समाज अपने आप सशक्त हो जायेगा. साथ ही जब महिलाएं शक्तिशाली बनती है. वह अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में सम्मान के साथ रह सकती है
नारी सशक्तिकरण में सरकार के प्रयास
नारी जाति को सशक्त बनाने हेतु सरकार द्वारा बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ व उज्ज्वला योजना, महिला शक्ति केंद्र, हेल्पलाइन सुविधा, पंचायत में आरक्षण जैसे अनेकों कार्य किए जा रहे हैं
नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने हेतु हर वर्ष 8 मार्च को विश्व भर में महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है
उपसंहार
नारी के साथ भेद-भाव कर उसकी शक्ति को कमतर आंकना बिल्कुल गलत है. समाज मे लैंगिक असमानता को दूर करने हेतु नारी जाति को सशक्त बनना जरूरी है इसके लिए उन्हें स्वतंत्र वातावरण, शिक्षा तथा विकास के पूर्ण अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए
महिला शक्ति को सम्मान देने की शुरुआत घरों से ही होनी चाहिए. घर में बेटी के जन्म को भी उतना ही महत्व देना चाहिए, जितना कि एक बेटे के जन्म को दिया जाता है. बालिकाओं को भी शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए जिससे वे भी अपने सपने साकार कर सकें
“सशक्त नारी सुखी परिवार
नारी को भी दें समानता का अधिकार”
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प्रस्तावना
“लोगों को जगाने के लिये महिलाओं का जागृत होना जरुरी है” पंडित जवाहर लाल नेहरु द्वारा कहा गया यह कथन एकदम सही है. किसी भी व्यक्ति को सक्षम और पूर्णतया योग्य बनाना जिससे वो अपने जीवन से जुड़े सभी निर्णय स्वयं ले सके सशक्तिकरण कहलाता है
भारतीय पुरुष प्रधान समाज मे बात अगर महिलाओं की हो तो आज भी भारत के बहुत से इलाको में महिलाएं पिछड़ती जा रही है. पुरुष और महिला को बराबरी पर लाने के लिये महिला सशक्तिकरण में तेजी लाने की आवश्यकता है. लैंगिग असमानता कई समस्याओं को जन्म देती है जो राष्ट्र के विकास में बड़ी बाधा के रुप में सामने आ सकती है
क्या होता है महिला सशक्तिकरण ?
महिला सशक्तिकरण से अभिप्राय है कि महिलाएं शक्तिशाली बने और अपने जीवन, परिवार तथा समाज के बड़े फैसले स्वयं लेने का अधिकार उन्हें हो. आसान भाषा में कहें तो समाज में महिलाओं को सक्षम बनाना ही महिला सशक्तिकरण है
भारत में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता
भारत में महिला सशक्तिकरण की अत्यधिक आवश्यकता है क्योंकि प्राचीन समय से ही भारत में लैंगिक असमानता और पुरुषप्रधान समाज है. महिलाओं को अक्सर परिवार और समाज द्वारा कई कारणों से दबाया जाता है तथा उनके साथ भेदभाव भी किया जाता है
समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को हमेशा से ही नजरअंदाज किया जाता रहा है. जिस कारण महिलाएं अपनी प्रतिभा का विकास किये बिना ही अपने सपनों को भूलने पर विवश हो जाती हैं
कुछ महिलाएं अशिक्षा के कारण अपने अधिकारों को जान नहीं पाती हैं और विवाह के पश्चात आजीवन अपने पति और ससुराल वालों के शोषण का शिकार बनकर रह जाती हैं
अतः महिलाओं को सशक्त बनाया जाना उनके साथ होने वाले शोषण को भी रोकेगा और देश के विकास का आधार भी बनेगा
महिला सशक्तिकरण के मार्ग में आने वाली बाधाएं
महिलाओं के सशक्तिकरण में दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, वैश्यावृति, मानव तस्करी जैसी ना जाने कितनी ही बाधाएं हैं. समाज में व्याप्त ऐसी हर एक बुराई को जड़ से खत्म किये बिना महिलाओं को सशक्त नहीं बनाया जा सकता
अशिक्षित वर्ग के साथ-साथ शिक्षित वर्ग की महिलाएं भी इससे अछूता नहीं है. बड़ी संख्या में देश की महिलाएं इनमें से किसी ना किसी सामाजिक बुराई से पीड़ित हैं. रूढ़ीवादी विचारधाराओं के कारण भारत के कई क्षेत्रों में महिलाओं को शिक्षा या फिर रोजगार के लिए घर से बाहर जाने की आजादी नही है
पिछले कुछ दशकों में कार्यक्षेत्रों में महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़नों में लगभग 180 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली है. भारत में अभी भी महिलाओं को अपने पुरुष समकक्षों के अपेक्षा कम भुगतान किया जाता है. उन्हें आजादीपूर्वक कार्य करने या परिवार से जुड़े निर्णय लेने की भी आजादी नही होती है
काफी सारी ग्रामीण लड़कियां दसवीं कक्षा भी नही पास कर पाती है. 2020 में यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में अब भी हर वर्ष लगभग 12 लाख लड़कियों की शादी 18 वर्ष से पहले ही कर दी जाती है जिस कारण वह शारीरिक तथा मानसिक रुप से व्यस्क नही हो पाती है
भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु सरकार के प्रयास
भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. महिला एंव बाल विकास कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा महिलाओं के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही है
इन्हीं में से कुछ मुख्य योजनाएं जैसे कि बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना, महिला हेल्पलाइन योजना, उज्जवला योजना, सपोर्ट टू ट्रेनिंग एंड एम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम फॉर वूमेन, महिला शक्ति केंद्र, पंचायाती राज योजनाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण आदि हैं. इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है
उपसंहार
समाज में महिला सशक्तिकरण हेतु महिलाओं के खिलाफ बुरी प्रथाओं को हटाकर लोगों की सोच को बदलने की आवश्यकता है. साथ ही देश की आधी आबादी यानि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर सख्त से सख्त कानून बनाए जाएं
देश के पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वहाँ की महिलाओं को सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक जाए जिससे उनका भविष्य बेहतर हो सके
संक्षेप में
दोस्तों उम्मीद है आपको महिला सशक्तिकरण पर निबंध – Women Empowerment Essay in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपके यह निबंध अच्छा लगा तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिएगा
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