दोस्तों क्या आप मानव अधिकार पर निबंध (Manav Adhikar Par Nibandh) जानना चाहते हैं. तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है एकदम सही समय में
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका MDS BLOG में और आज मैं आपको मानव अधिकार पर निबंध कैसे लिखना है इसके बारे में जानकारी दूंगा. यह निबंध सभी विद्यार्थी वर्ग के लिए काफी उपयोगी है. तो आइए जानते हैं

प्रस्तावना
मनुष्य के रूप में प्रत्येक नागरिक के क्या अधिकार हों किसी रूप और विषय में उनकी पूर्ति शासन की ओर से हो इस संबंध में काफी पहले से ही विवाद चला आ रहा है
सामान्यता मानव के मौलिक अधिकारों में समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, जीवन का अधिकार, जीविका का अधिकार आदि पर चर्चा की जाती है. मानव अधिकार एक विशिष्ट अधिकार है
मानव अधिकार की आवश्यकता सर्वप्रथम व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिए होती है और जहां कहीं भी मानव अधिकारों को नकारा गया है. वहीं अन्याय, क्रूरता तथा अत्याचार अधिक देखा गया है
इसमें मानवता बुरी तरह से अपमानित हुई है. जनमानस की दिशा निरंतर बिगड़ती जा रही है इसमें व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकास नहीं कर सकता और ना ही सुखी जीवन व्यतीत कर सकता है
एक तानाशाही के अंतर्गत मूल मानव अधिकार तथा स्वतंत्रता समाप्त हो जाती है
मानव अधिकार का उद्देश्य धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा मानवीय रूप से अंतरराष्ट्रीय समस्या के समाधान तथा जाति, लिंग, भाषा या धर्म में सब प्रकार के भेदभाव दूर करना और स्वतंत्रता का प्रोत्साहन करना है
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक सामाजिक परिषद ने सन 1946 में मानव अधिकार आयोग की स्थापना की थी. विश्व में सभी जगह इस दृष्टि से सभ्यता दिखाई देती है कि संपूर्ण मानवता के लिए अधिकार सुलभ होने चाहिए
लेकिन व्यवहार में स्थिति संतोषजनक नहीं है. आज भी विश्व के कई देशों में मानव अधिकारों का हनन किया जा रहा है और विभिन्न कुप्रथाओं का प्रोत्साहन किया जा रहा है
भारत में प्रत्येक नागरिक को समान रूप से 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं. जोकि निम्नलिखित है
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
- सांस्कृतिक तथा शिक्षा संबंधी अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18)
समानता के अधिकार का उल्लेख अनुच्छेद 14 से 18 में किया गया है. यह अधिकार सबसे महत्वपूर्ण है. यह प्रजातंत्र का अधिकार स्तंभ है
इस अधिकार से तात्पर्य है किसी भी भारतीय नागरिक के साथ किसी भी प्रकार का तथा किसी भी आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा
स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22)
इस अधिकार का संपूर्ण उल्लेख अनुच्छेद 19 से 22 में किया गया है. स्वतंत्रता का अधिकार प्रत्येक नागरिक को सभा करने की स्वतंत्रता, भ्रमण करने की स्वतंत्रता, आवास की स्वतंत्रता, व्यवसाय की स्वतंत्रता एवं अन्य प्रकार की स्वतंत्रता प्रदान करता है
शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24)
इस अधिकार का उल्लेख अनुच्छेद 23 और 24 में किया गया है. शोषण के विरुद्ध अधिकार से यह ज्ञात होता है कि कोई भी अमीर या बलवान व्यक्ति किसी भी कमजोर या असहाय व्यक्ति पर अत्याचार या उनका शोषण नहीं कर सकता
14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखाने या अन्य किसी जोखिम भरे काम पर नियुक्त नहीं किया जा सकता है
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28)
इस अधिकार में प्रत्येक नागरिक को धर्म के संदर्भ में पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की जाती है. इसमें प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छा अनुसार धर्म स्वीकार करने का आचरण तथा प्रचार करने की स्वतंत्रता प्राप्त है
सांस्कृतिक तथा शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 से 30)
प्रत्येक नागरिक को अपनी भाषा लिपि एवं सांस्कृतिक रीति रिवाज की रक्षा तथा उनकी उन्नति करने का अधिकार है परंतु इससे किसी अन्य वर्ग की भाषा, संस्कृति को हानि नहीं पहुँचनी चाहिए
सरकारी या गैर सरकारी विद्यालयों में किसी नागरिक को प्रवेश लेने से जाति, भाषा, धर्म, लिंग के आधार पर रोका नहीं जा सकता है
संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
यह अधिकार अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है क्योंकि इसके अस्तित्व पर ही समस्त अधिकारों का अस्तित्व आधारित है
इस अधिकार द्वारा नागरिक उच्चतम न्यायालय से अपने अधिकारों की सुरक्षा करा सकता है. संवैधानिक उपचारों का अधिकार को संविधान की आत्मा व ह्रदय भी कहा जाता है
किसी भी देश में नागरिकों की स्वतंत्रता, सुरक्षा और समस्त राष्ट्र के विकास के लिए मौलिक अधिकार विशेष महत्व रखते हैं
यदि किसी देश में मौलिक अधिकारों को मान्यता नहीं दी जाती तो निश्चित ही उस देश का विनाश संभव है
मौलिक अधिकार न होने से देश में अत्याचार, भ्रष्टाचार, शोषण आदि समस्याओं में बढ़ोतरी होगी और संपूर्ण राष्ट्र में अराजकता फैल जाएगी जोकि राष्ट्र के लिए काफी भयानक होगा
उपसंहार
हमारा देश भारत हमेशा से मानव अधिकारों के प्रति सजग रहा है. वह विश्व मंच पर मानव अधिकारों का समर्थन करता रहा है
मानव अधिकारों का उल्लंघन विश्व के समक्ष एक गंभीर समस्या बनी हुई है. यदि मानव अधिकारों के उल्लंघन को नहीं रोका गया तो निश्चित ही यह मानवता के विनाश का एक कारण बनेगा
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मानव अधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है
हमारे मौलिक अधिकार कौन-कौन से हैं?
हमारे 6 मौलिक अधिकार निम्नलिखित है
1. समानता का अधिकार
2. स्वतंत्रता का अधिकार
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
5. सांस्कृतिक तथा शिक्षा संबंधी अधिकार
6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार
संक्षेप में
दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको मानव अधिकार पर निबंध – Essay on Human Rights in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध पसंद आया है तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर कीजिएगा ताकि और लोग भी मानव अधिकारों का महत्व समझ सके
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