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मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

दोस्तों क्या आप मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध खोज रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए काफी लाभकारी है. इस पोस्ट में आप मनोरंजन के साधन तथा मनोरंजन के आधुनिक साधनों पर निबंध कैसे लिखें इसके बारे में जान सकते हैं

व्यक्ति के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए मनोरंजन आवश्यक है. आधुनिक युग में मनोरंजन के कई सारे साधन उपलब्ध है जिनमें की रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल फोन, इंटरनेट आदि प्रमुख है. मनोरंजन से व्यक्ति का विकास तो होता ही है साथ ही मन में स्फूर्ति और नई चेतना का भी विकास होता है जिससे कि किसी भी कार्य में मन लगता है

पाठ्यक्रम show
मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध
प्रस्तावना
मनोरंजन की आवश्यकता और महत्व
मनोरंजन के साधनों का बदलता स्वरूप
मनोरंजन के साधन
उपसंहार

मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध

मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध तथा मनोरंजन के साधन

प्रस्तावना

जीवन में मानव को अनेक प्रकार की चिंताओं एवं कठिनाइयों से जूझना पड़ता है. संपूर्ण मानव जीवन संघर्षों की कहानी कहता प्रतीत होता है. संघर्षों और चिंताओं के बीच रहकर भी मनुष्य अपने जीवन के कुछ क्षण इन्हें बुलाकर बिताना चाहता है

मन की प्रसन्नता और कार्य क्षमता की विधि के लिए मनोरंजन अत्यंत आवश्यक भी है. वास्तव में मनोरंजन थके हुए मन मस्तिक को नई स्फूर्ति प्रदान करता है. जीवन में बोझिल क्षणों के बाद मनोरंजन उनकी यादों को मन से हटाने में सहायता करता है

मनोरंजन की आवश्यकता और महत्व

जब से मनुष्य ने होश संभाला है तब से उसने मनोरंजन की आवश्यकता अनुभव की है. जब जीवन के संघर्ष से मन ऊब जाता है तब मानव को ऐसे साधनों की आवश्यकता होती है जिनसे उसके तन और मन दोनों की थकान दूर हो सके और वह स्फूर्ति से भर कर जोश से अपने कार्य में लग सके

वास्तव में मनोरंजन के बिना जीवन निरंग सा लगता है. मनोरंजन के बिना व्यक्ति ना तो कोई काम कर पाता है और ना ही जीवन में प्रगति कर सकता है. अतः सत्य यह है कि मनोरंजन जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है और मनोरंजन जीवन की सफलता का महत्वपूर्ण मूलाधार है

मनोरंजन के साधनों का बदलता स्वरूप

मनोरंजन की आवश्यकता का अनुभव मानव प्राचीन काल से ही करता रहा है. मनोरंजन के उपलब्ध साधनों से वह कभी संतुष्ट नहीं हुआ वह निरंतर मनोरंजन के नए-नए साधनों का विकास करता रहा है

प्राचीन काल में मनोरंजन के ये साधन सीमित थे. आधुनिक विज्ञान मनोरंजन के क्षणों को अधिक आकर्षक बना दिया है. जहां मनुष्य केवल शिकार खेलकर, कुश्ती लड़कर या नाटक अथवा नौटंकी देखकर मनोरंजन करता था

वही आधुनिक वैज्ञानिक युग में उसके मनोरंजन के साधनों में सिनेमा, रेडियो, टेलीविजन और फोटोग्राफी और अनेक साधन सम्मिलित हो गए हैं एक और यह साधन मनुष्य का मनोरंजन करते हैं और दूसरी और उसकी मानसिक योग्यताओं का विकास भी करते हैं

मनोरंजन के साधन

मनोरंजन के प्राचीन तथा आधुनिक साधनों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है

  • नाटक एवं सॉन्ग मनोरंजन का साधन
  • खेल तमाशे मनोरंजन का साधन
  • सिनेमा मनोरंजन का साधन
  • सर्कस मनोरंजन का साधन
  • रेडियो मनोरंजन का साधन
  • म्यूजिक प्लेयर मनोरंजन का साधन
  • टेलीविजन मनोरंजन का साधन
  • मोबाइल और इंटरनेट मनोरंजन का साधन
  • खेलकूद मनोरंजन का साधन

नाटक एवं सॉन्ग

नाटक में कहानी को अभिनय द्वारा वास्तविक रूप दिया जाता है. सॉन्ग में  नृत्य एवं गीतों की प्रधानता होती है. पात्र मंच पर आकर नाच-गाकर किसी कहानी को प्रस्तुत करते हैं और दर्शक मंच के चारों और बैठकर उस का आनंद लेते हैं

खेल तमाशे

पहले नट लोग अपनी शारीरिक कला का प्रदर्शन करके लोगों का मनोरंजन करते थे. बाजीगर, वानर के तमाशे भी मनोरंजन के साधन थे इसके अतिरिक्त कठपुतली का खेल, शतरंज का खेल, चित्रकला, गाना बजाना आदि भी मनोरंजन के साधन थे जिनका प्रचलन आज भी है

सिनेमा

मनोरंजन के आधुनिक साधन में सिनेमा एक उत्तम और लोकप्रिय साधन है क्योंकि सिनेमा से प्रत्येक आयु वर्ग एवं प्रत्येक प्रकार की रुचि वाले व्यक्तियों को मनोरंजन का अवसर प्राप्त होता है इसकी घटनाएं वास्तविक से प्रतीत होती है

सर्कस

सिनेमा की भांति सर्कस भी मनोरंजन का एक साधन है. सर्कस प्राचीन नटो की शारीरिक प्रदर्शन कला का सुधारा हुआ रूप है. इसमें स्त्री-पुरुषों की शारीरिक कला के करतब प्रस्तुत किए जाते हैं. इसके अतिरिक्त झूला, साइकिल, मोटरसाइकिल आदि पर विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन संगीतमय वातावरण में किया जाता है

रेडियो

रेडियो द्वारा व्यक्ति घर बैठे ही देश-विदेश के समाचार तथा अन्य मनोरंजक व ज्ञानवर्धक कार्यक्रम सुन सकता है. प्रत्येक रेडियो स्टेशन का एक निश्चित मीटर होता है जिस पर उसके कार्यक्रम सुने जा सकते हैं. रेडियो पर नाटक, गीत, भाषण, समाचार आदि का समय अनुसार प्रसारण किया जाता है

अब रेडियो का स्थान ट्रांजिस्टर ने ले लिया है. ट्रांजिस्टर का प्रचलन आजकल इतना अधिक हो गया है कि घरों में ही नहीं, अपितु सड़कों तथा खेत खलियान में भी लोग उसे सुनते हुए दिखाई देते हैं

म्यूजिक प्लेयर

म्यूजिक प्लेयर पर आप अपने मनचाहे गीत सुन और देख सकते हैं. इसमें गानों के लिए कैसेट्स, डिजिटल वीडियो डिस्क या वर्चुअल कंपैक्ट डिस्क आदि होते हैं. इसमें व्यक्ति को अपनी मनपसंद कहानी, गीत आदि सुनने और देखने को मिलते हैं

इसकी लोकप्रियता और मितव्ययिता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि एक डीवीडी में 150 से अधिक गाने होते हैं और यह सामान्यता बाजार में 20 से 25 रुपये में मिल जाती है

इस आधुनिक साधन के माध्यम से फिल्म आदि भी देखी जा सकती है. एक डीवीडी में छह फिल्में तक होती है पहले इसके स्थान पर ग्रामोफोन का उपयोग किया जाता था जिसमें केवल आवाज होती थी इसके पश्चात टेप रिकॉर्डर प्रचलन में आया. यह दोनों ही साधन आधुनिक म्यूजिक प्लेयर की अपेक्षा महंगे और रखरखाव में सुविधाजनक होते थे

टेलीविजन

रेडियो की भांति टेलीविजन का प्रचलन पर्याप्त बढ़ रहा है इसमें सुनने के साथ-साथ सिनेमा की भांति चित्र भी देखे जा सकते हैं. टेलीविजन ने तो जीवन में क्रांति ही पैदा कर दी है. अब समाचारों को सुनने के साथ ही घटनाओं के संजीव दृश्य भी देखे जा सकते हैं

मोबाइल और इंटरनेट

मोबाइल और इंटरनेट जनसंचार के सर्वाधिक प्रचलित साधन है. आज ये मनोरंजन के प्रमुख और सर्वसुलभ साधन बन गए हैं. आज हम इन दोनों माध्यमों के द्वारा गीत, संगीत, फिल्म, समाचार, खेलों का सीधा प्रसारण जब चाहे तब देख और सुन सकते हैं. इन दोनों साधनों के द्वारा संसार के सभी खेल हम इन पर भी खेल सकते हैं

खेलकूद

मन को स्वस्थ रखने के लिए खेलकूद भी मनोरंजन का साधन है. खिलाड़ी खेलकर तथा श्रोता या दर्शक अपने प्रिय खेल के खिलाड़ी को खेलते देखकर मनोरंजन का अवसर प्राप्त करते हैं. खेलकूद से शरीर तो स्वस्थ रहता ही है मन में भी नई चेतना और स्फूर्ति का संचार होता है

उपसंहार

बहुत से व्यक्ति मनोरंजन के नाम पर व्यसन भी पाल लेते हैं. वह शराब पीकर, जुआ खेलकर धन के अपव्यय को ही मनोरंजन मानते हैं आलसी और कमजोर व्यक्ति बिना आवश्यकता के ही मनोरंजन के ऐसे साधनों का प्रयोग करते हैं

ऐसे मनोरंजन लाभ के स्थान पर हानि ही पहुंचाते हैं. मनोरंजन मन और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है. यदि इसका प्रयोग अनुप्रयुक्त ढंग से किया जाए तो मनोरंजन भी रोग बन जाता है. जिस प्रकार तन के लिए उत्तम और संतुलित भोजन आवश्यक है उसी प्रकार मन के लिए श्रेष्ठ एवं सीमित मनोरंजन होना आवश्यक है

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संक्षिप्त में

दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध तथा मनोरंजन के साधन पता चल गए होंगे. अगर आपको यह निबंध पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए

अगर आप ऐसी ही जानकारियों में रुचि रखते हैं तो MDS BLOG के साथ जरूर जुड़िए जहां की आपको कई तरह की अच्छी-अच्छी जानकारियां दी जाती है. इसी तरह अपना प्यार MDS के साथ बनाए रखिए. MDS Blog पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !

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