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Home Hindi Essay

मेला पर निबंध

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

नमस्कार मेरे दोस्त कैसे हो? उम्मीद है आप अच्छे होंगे. तो क्या आप भी मेला पर निबंध – Mela Essay in Hindi खोज रहे हैं. तो यह पोस्ट मैंने खासकर आपके लिए लिखी है. इस पोस्ट में आपको मेला पर निबंध कैसे लिखा जाता है इसके बारे में बताया गया है. यह निबंध विद्यार्थी वर्ग के लिए काफी उपयोगी है. तो आइए निबंध जानते हैं

पाठ्यक्रम show
मेला पर निबंध – Essay on Mela in Hindi
प्रस्तावना
हमारे नगर में मेला
मेले का धार्मिक तथा आर्थिक महत्व
उपसंहार

मेला पर निबंध – Essay on Mela in Hindi

मेला पर निबंध - Mela Essay in Hindiप्रस्तावना

प्रत्येक देश में मेले अति प्राचीन काल से लगते आ रहे हैं. प्राचीन काल में मनुष्यों ने आपस में मिलने-जुलने और प्रसन्न होने के लिए मेलों की योजना बनाई थी. मेलों में दूर-दूर से मनुष्य आते हैं कोई तमाशा देखने आता है, तो कोई सामान खरीदने आता है

कोई पैसा कमाने आता है तो कोई खर्च करने आता है. प्रायः प्रत्येक मेले में खूब भीड़ इकट्ठी हो जाती है. भारतीय समाज में मेले का एक अपना विशेष महत्व है. हमारे नगरों में भी प्रतिवर्ष एक विशाल प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है

हमारे नगर में मेला

मेला इस प्रदर्शनी का आयोजन नगर के सभी बड़े अधिकारी मिलकर करते हैं. इस प्रदर्शनी में चौबीसों घंटे बड़ी चहल-पहल रहती है. सायंकाल तो इसकी शोभा बहुत ही बढ़ जाती है

जब हम प्रदर्शनी देखने पहुँचे तो देखा कि मेले के मुख्य द्वार से पहले ही काफ़ी दूर तक दुकानें सजी हुई थीं. सड़क के किनारे-किनारे खिलौनेवाले तथा खेल तमाशेवाले बैठे हुए थे

छोटे-छोटे बच्चे बाहर इधर-से-उधर आ-जा रहे थे. कोई खिलौने खरीद रहा था तो कोई पकौड़ियाँ ले रहा था. धीरे-धीरे हम भी आगे बढ़े जैसे-जैसे हम मेले की ओर बढ़ते जाते थे वैसे-ही-वैसे भीड़ भी बढ़ती जा रही थी

धीरे-धीरे हम लोग प्रदर्शनी के मुख्य द्वार पर पहुँच गए. मुख्य द्वार को हज़ारों बल्बों से सजाया गया था. भीड़ के कारण बड़ी कठिनाई से हम लोग मुख्य द्वार के अंदर प्रवेश कर मेले के मुख्य बाज़ार में पहुँचे. वहाँ पर भी अपार भीड़ थी

दोनों ओर खिलौनेवाले तथा अनेक छोटे बड़े दुकानदार अपनी दुकानें सजाये बैठे थे. थोड़ी दूर आगे चलकर यह मुख्य बाजार चार भागों में विभाजित हो गया. यहाँ आकर भीड़ भी कुछ कम हो गई थी

अतः यहाँ हमने भली प्रकार दुकानें देखीं एक बाज़ार में चूड़ियों की बड़ी-बड़ी दुकानें थीं जिनमें विद्युत के बड़े-बड़े बल्ब चकाचौंध पैदा कर रहे थे. दूसरे बाजार सन्दूक व लोहे के सामान बिक रहे थे. तो तीसरे बाजार में कपड़े के व्यापारी थे

इन चारों बाज़ारों को मिलाकर एक विशाल मुख्य बाज़ार बनाया गया था. जो सारी प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण केन्द्र था. इस बाज़ार की शोभा का तो कहना ही क्या? इसमें असंख्य बल्ब जगमगाते दिखाई दे रहे थे. सारे बाजार में बीच-बीच में चौक सजे थे जिनमें फव्वारे और त्रिमूर्ति आदि बने हुए थे

इस प्रकार घूमते हुए हम लोग प्रदर्शनी के मुख्य पंडाल में जा पहुँचे. वहाँ पर उस दिन कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया था. टिकट लेकर हमने भी उसका आनंद उठाने का विचार किया

वहाँ पर प्रत्येक श्रेणी के टिकट वालों के लिए बैठने के अलग-अलग स्थान नियत थे. रात्रि के दस बजे कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ. सभी कवियों ने अपनी सरस कविताएँ सुनाई. अधिकतर कविताएँ देशप्रेम तथा समाज-सुधार से सम्बन्धित थी

रात्रि के डेढ़ बजे के लगभग कवि सम्मेलन समाप्त हुआ. हम लोग उस समय काफ़ी थक चुके थे. अतः वापस घर की ओर चल पड़े यद्यपि डेढ़ बज चुका था फिर भी लोग मेले में आ-जा रहे थे. सभी बाज़ारों को धीरे-धीरे पार करते हुए हम अपने स्थान को लौट आए

मेले का धार्मिक तथा आर्थिक महत्व

मेला, यह प्रदर्शनी जहाँ सबका मनोरंजन करती है वहीं इसका व्यापारिक तथा सामाजिक महत्व भी है. यहाँ पर दूर-दूर के व्यापारी अपनी अपनी वस्तुएँ लेकर आते हैं और बहुत सारी सुविधाओं से आम जनता को वाकिफ कर आते हैं. बच्चों के लिए तो यह मेला विशेष आकर्षण का केन्द्र बना रहता है

खोमचेवाले, तमाशेवाले, झूलेवाले तथा सैकड़ों प्रकार के खेल-तमाशेवाले बच्चों की भीड़ को आकर्षित किए रहते हैं. सभी धर्मों के लोग आपस में भाईचारे और एकता को प्रदर्शित करते हैं. इस प्रकार मेलों का मानव-जीवन में निजी महत्व है. बच्चे, युवक तथा बूढ़े सभी को अपनी मनोनुकूल वस्तुएँ यहाँ मिल जाती हैं इसीलिए सभी यहाँ प्रसन्नतापूर्वक आते है

उपसंहार

जैसा कि हम सभी जानते हैं हर चीज का एक विशेष महत्व होता है तो मेले का भी एक विशेष महत्व है. इस दिन हम सभी सह परिवार अपने मित्रों और उनके परिवारजनों को मिलते हैं तथा जिंदगी का आनंद लेते हैं और कुछ यादगार पल अपने साथ कैद कर जाते हैं और अगर कभी मेले की चर्चा हुई तो हमें अपने पुराने मेले के दिन बहुत याद आते हैं

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  • शिक्षा का महत्व पर निबंध

संक्षेप में 

दोस्तों उम्मीद है आपको मेला पर निबंध – Mela Essay in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा.

अगर आप नई नई जानकारियों को जानना चाहते हैं तो MDS BLOG के साथ जरूर जुड़िए जहां की आपको हर तरह की नई-नई जानकारियां दी जाती है MDS BLOG पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद !

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