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जबरदस्त हिंदी नैतिक कहानियां : Top 10 Moral Stories in Hindi

TOP 10 Moral Stories in Hindi : नैतिक कहानियां हमें जीवन में एक सकारात्मक सोच की और प्रोत्साहित करती है तथा कहानियां शिक्षा का एक सबसे अच्छा माध्यम भी होती है. यदि बात छोटे बच्चों की करें, जिनका मन कोरे पन्ने की तरह होता है तो नैतिक कहानियां सुनाकर उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया जा सकता है

हम सभी जानते हैं शिक्षा जीवन के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन शिक्षा से भी अधिक महत्वपूर्ण नैतिकता है जोकि इंसानियत का परिचय देती है. विभिन्न प्रकार की कहानियों को पढ़कर हम उनसे जीवन के लिए कुछ बेहतरीन सीख ले सकते हैं

तो आज मैंने इस पोस्ट के माध्यम से Best Short Moral Stories in Hindi का शानदार कलेक्शन आपके लिए तैयार किया है और मुझे उम्मीद है आपको यह जरूर पसंद आएगा. यह कहानियां आपके जीवन में रंग भर देंगी और आपकी सोच को काफी हद तक बदलने में सहायता करेंगी, इसीलिए यह कहानियां बच्चों को जरूर सुनाएं

10+ हिंदी नैतिक कहानियां – Top 10 Moral Stories in Hindi

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बच्चों को बेहतरीन कहानियों से रूबरू कराने के लिए आज मैंने Panchatantra short stories in hindi with moral लिखी हुई है. उम्मीद रहेगी कि ये Top 10 Hindi Moral Stories को पढ़कर आपको बहुत मजा आएगा और आप इन कहानियों से अच्छी प्रेरणा लेकर अपने जीवन में आप उनका अनुसरण करेंगे. तो आइए पढ़ते है

1. हाथी और दर्जी की कहानी

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एक समय की बात है. किसी गांव में एक हाथी नहाने के लिए रोज गांव के तालाब में जाता था. तालाब में डुबकी लगाकर वह वापस लौट आता, रास्ते में एक दर्जी की दुकान थी

हाथी तालाब से वापस लौटते समय रोज उस दर्जी की दुकान पर रुकता था. दर्जी रोज उसे एक केला खिलाता था. हाथी केला खाकर अपने घर चला जाता

एक दिन जब हाथी तालाब में नहा कर घर आ रहा था तो वह रोज की तरह दर्जी की दुकान पर रुका, लेकिन उस दिन दर्जी का मूड ठीक नहीं था

उस दिन दर्जी ने उसे केला नहीं दिया. इसके बजाय दर्जी ने हाथी की सूंड में सुई चुभा दी. इससे हाथी को बहुत दर्द हुआ और उसे दुख भी हुआ. उस समय हाथी वहां से चला गया

रोज की तरह हाथी अगले दिन भी तालाब पर नहाने के लिए गया. वहां से लौटते समय हाथी ने अपनी सूंड में कीचड़ भर लिया और दर्जी की दुकान की तरफ चल पड़ा

जब वह दर्जी की दुकान पर पंहुचा, तो उसने अपनी सूंड में भरे कीचड़ को दर्जी की दुकान पर टंगे हुए कपड़ों पर उड़ेल दिया. जिससे दर्जी के सारी सिले हुए कपड़े गंदे हो गए

दर्जी यह सब देखकर बहुत ही दुखी हुआ और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ. इस तरह दर्जी ने अपने द्वारा किए गए बुरे कर्म का बहुत पछतावा किया. उसने हाथी से माफी भी मांगी

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

दूसरों का बुरा करने वाले के साथ हमेशा बुरा ही होता है. इसीलिए अच्छे कर्म करके सुखी जीवन का आनंद लें

2. चालाक लोमड़ी और बकरी की कहानी

एक बार जंगल में एक लोमड़ी घूम रही थी. जंगल मे घूमते-घूमते वह एक कुएं के पास पहुँची. कुएं के पास बहुत पेड़ होने के कारण उसकी नजर कुएं पर नहीं पडी और वो कुएं मे गिर गयी

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लोमड़ी पूरी शक्ति लगाकर कुएं के बाहर आने की कोशिश कर रही थी लेकिन कुआ गहरा होने की वजह से बाहर नहीं निकल पा रही थी. अंत मे लोमड़ी हताश होकर बैठ गयी और मदद के लिए किसी के आने का इंतजार करने लगी

तभी वहां एक बकरी आयी. लोमड़ी को देखकर बकरी बोली – ‘इस कुएं में तुम क्या कर रही हो ?’ लोमड़ी ने बडी चालाकी से उत्तर दिया – ‘मैं यहां घास खाने के लिए आयी हूँ, यहां की घास बडी स्वादिष्ट है’

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ये सुनकर बकरी बोली – ‘तुम कब से घास खाने लगी हो ?’ इस पर लोमडी बोली – ‘यहां की घास इतनी स्वादिष्ट है कि किसी का भी खाने का मन करेगा’ यह सुनकर बकरी के मन में लालच आ गया और वह घास खाने के लिए कुए में कूद पडी

जैसे ही बकरी कुए में आयी लोमड़ी उसके पीठ पर चढकर, उछलकर कुए से बाहर निकल गयी. इस प्रकार चालाक लोमडी ने चतुराई से बकरी का सहारा लेकर खुद को कुए से बाहर निकाला. बकरी को सच जानकर बहुत दुःख हुआ

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⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए और मुसीबत के समय धैर्य तथा बुद्धि से काम लेना चाहिए

3. चूहे और भगवान की कहानी

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एक समय की बात है. एक चूहा था, वह हमेशा यह सोचता रहता था कि भगवान ने उसके साथ कितना गलत किया है उसे एक चूहा बनाकर, क्योंकि उसे हमेशा बिल्लियों से खतरा बना रहता था

वह बोलने लगा काश मैं बिल्ली होता तो कितना अच्छा होता. यह सुनकर भगवान को चूहे पर दया आ गई और भगवान ने उसे एक बिल्ली बना दिया. बिल्ली बनने के बाद वह बहुत खुश हुआ लेकिन कुछ समय बाद वह कुछ कुत्तों से डरने लगा

चूहा फिर सोचने लगा काश में कुत्ता होता तो मैं कहीं भी निडर होकर जा सकता था. फिर भगवान ने उसे कुत्ता बना दिया, कुत्ता बनने के बाद वह खूब घूमा. एक दिन वह घूमते घूमते जंगल चला गया तो उसके पीछे एक शेर पड़ गया. वह बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भाग पाया

फिर उसने मन ही मन कहा कि काश मैं एक शेर होता तो मुझे किसी का डर नहीं होता. भगवान ने उसे शेर भी बना दिया. तब वह बहुत खुश हो गया और पूरे जंगल में सारे जानवर उससे डरते थे

एक दिन उस जंगल में शिकारी आया तथा वह शेर को मारने के लिए तीर चलाने लगा. उस तीर से बचने के लिए वह गुफा की ओर भागा और वही छुप गया. फिर उसने सोचा कि यह भी कोई जिंदगी है, काश में मनुष्य होता

इस बार भगवान को उस पर दया नहीं आई और उन्होंने उसे फिर से चूहा बना दिया. भगवान ने उस चूहे से कहा मैं तुम्हें कुछ भी बना दूं पर तुम रहोगे तो चूहे ही

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

यह कहानी हमें सीख देती है कि जो व्यक्ति अपनी परिस्थितियों से घबरा कर पलायन करता है, उसे चाहे कितनी भी सुख-सुविधाएँ दे दी जाय पर वह हमेशा असंतुष्ट ही रहेगा

हमें कभी भी अपनी परिस्थितियो से घबरा कर पलायन नहीं करना चाहिए. चाहे दुःख कितना ही बड़ा हो या आपके हालात उस समय आपके पक्ष में न हो. आपको घबराना नहीं चाहिए और उन परिस्थितियो में खुद को मजबूत बनाकर उनका सामना करना चाहिए.

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4. सबसे खुश कौन !

एक कौआ था. वह हमेशा खुश रहता था. एक बार वह एक तालाब के किनारे पानी पीने के लिए आया. वहाँ उसने तालाब में तैरते हुए पक्षी हंस को देखा उसने सोचा “हंस कितना उजला है, यह तो पानी में अपने उजले-उजले पंखों को फैलाकर तैर भी सकता है. शायद इसलिए यही दुनिया का सबसे खुश पक्षी होगा”

कौआ हंस के पास गया और बोला – “तुम दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो” यह सुनकर हँस को अच्छा तो लगा लेकिन वह बोला – “कौए भाई! मैं भी यही सोचा करता था कि मैं दुनिया का सबसे खुश पक्षी हूँ जब तक कि मैंने तोते को नहीं देखा था. तोते को देखने के बाद मुझे लगता है कि वह दुनिया का सबसे खुश पक्षी है”

कौआ बोला “वो कैसे?” हंस ने उत्तर दिया – ‘भाई, वह अपनी लाल चोंच से सबको लुभा सकता है और तो और वो आदमी की आवाज भी तो निकाल लेता है. इसलिए वही दुनिया का सबसे खुश पक्षी है”

अब कौआ तोते के पास जाकर बोला – “तोते भाई ! तुम ही दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो” तोता उदास होकर बोला – “मैं भी पहले यही सोचता था कि मैं सबसे खुश पक्षी हूँ. लेकिन जब से मैंने मोर को देखा है, मुझे लगता है कि वो ही सबसे खुश पक्षी है क्योंकि उसके रंग-बिरंगे पंख हैं जिन्हें फैलाकर वह बारिश में नाचता है और लोगों को रिझाता है”

अब कौए ने सोचा “तोता बिल्कुल सही बोल रहा है. अब क्यों न मैं मोर के पास जाऊँ” कौआ मोर के पास गया. वहाँ वह पिंजरे में बंद था, जिसे बहुत से लोग देखने के लिए आए थे

कौआ मोर के पास आकर बोला – “मोर भाई ! तुम दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो. तुम्हारे सिर पर कलगी है जिससे तुम एकदम राजकुमार की तरह दिखते हो. यहाँ देखो, कई लोग तुम्हारी सुंदरता को देखने आए हैं इसलिए तुम ही दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो”

मोर बोला “मित्र ! मैं हमेशा यही सोचता था कि मैं दुनिया का सबसे खुश पक्षी हूँ. लेकिन मेरी खूबसूरती के कारण मुझे यहाँ पिंजरे में कैद कर लिया गया है, मैं सुंदर तो हूँ लेकिन खुश नहीं

अब मैं यह चाहता हूँ कि भले ही मेरे रंग-बिरंगे पंख नहीं होते, लेकिन तुम्हारी तरह मैं भी आजाद रहता, चिड़ियाघर में आने के बाद मुझे यही लगता है कि कौआ यानी कि तुम ही सबसे खुश पक्षी हो”

अब कौआ जान गया कि पक्षियों के लिए भी आजादी से बढ़कर कोई खुशी नहीं होती. हम किसी के ऊपरी दिखावे या रंग-रूप को देखकर उसे खुश नहीं मान सकते. खुश वही पक्षी है जो खुले आसमान में पंख फैलाकर आजाद रहता है

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⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

हमें अपनी कमियों को नजरअंदाज करके स्वयं पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए. हमें अपनी जिंदगी की तुलना दूसरों की जिंदगी के साथ नहीं करनी चाहिए

5. घमंडी मुर्गे की कहानी

एक बार की बात है. एक गाँव में ढ़ेर सारे जानवर रहते थे. उसी में एक मुर्गा रहता था. वह बहुत घमंडी था तथा वह मुर्गा बहुत सुंदरबी भी दिखता था

वह रोज सुबह जल्दी उठकर सभी को अपनी आवाज से जगाता था. सभी जानवर उसकी रोज तारीफ करते थे. मुर्गे को लगता था – कि मेरे बिना सुबह नहीं हो सकती, मेरे बिना कोई अपना काम समय पर नहीं कर सकता

एक दिन उसकी किसी ने तारीफ ही नहीं की, सब अपने-अपने काम में व्यस्त हो गए. यह देखकर मुर्गे को बहुत गुस्सा आया. उसने इसका बदला लेने का सोचा

वह परेशान होकर सो गया और सुबह देर तक सोता ही रहा. उसने सुबह आवाज भी नहीं की. उसे लगा कि अब तो सभी को मेरा महत्व समझ में आएगा

इधर सभी जानवर समय पर उठकर अपने-अपने काम में लग गए. तब मुर्गे को समझ में आया कि किसी के बिना कोई काम नहीं रुकता, सबका काम चलता रहता है. इसी के साथ उसका घमंड भी चूर चूर हो गया

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए तथा सभी के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए और आपस में प्यार बढ़ाना चाहिए

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6. कबूतर और शिकारी की कहानी

एक बार एक शिकारी शिकार करने गया. शिकारी को सुबह से शाम हो गयी लेकिन उसके हाथ कुछ ना लगा. अचानक शिकारी के जाल में एक कबूतर फस गया. शिकारी उस कबूतर को देखकर बहुत खुश हुआ और शिकारी कबूतर को अपने साथ लेकर जाने लगा

रास्ते में कबूतर ने शिकारी से पूछा – ‘तुम मुझे कहाँ ले जा रहे हो?’ फिर शिकारी बोला – ‘मैं तुम्हें अपने घर ले जा रहा हूँ, मैं तुम्हें पकाकर खाऊँगा, बड़ा मजा आयेगा’

शिकारी की बात सुनकर कबूतर कुछ ढेर चुप रहा और थोड़ी देर बाद उससे बोला – ‘मेरा जीवन तो अब समाप्त होने वाला है लेकिन उससे पहले मेरी एक आखिरी इच्छा है’ शिकारी ने कबूतर से पूछा बताओ अपनी आखिरी इच्छा, मैं पूरी करूंगा उसे

कबूतर बोला मेरी माँ ने मरने से पहले मुझे दो काम की बात बताई थी. मरने से पहले मैं तुम्हें वो बातें बताना चाहता हूँ. शायद तुम्हारे कुछ काम आ जाये

पहली बात – किसी की भी बात पे बिना सोचे-समझे विश्वास नहीं करना चाहिए
दूसरी बात – कुछ बुरा होने पर या कुछ छूट जाने पर अफसोस नहीं करना चाहिए

कबूतर की बात सुनकर शिकारी आगे बढ़ने लगा. शिकारी कुछ ही दूर चला था कि कबूतर उससे बोला – ‘मेरे पास एक हीरे की अंगूठी है अगर मैं वो अंगूठी तुम्हें दे दूं तो क्या तुम मुझे आजाद कर दोगे’

हीरे का नाम सुनकर शिकारी के मन में लालच आ गया और उसने कहा मैं तुम्हें आजाद कर रहा हूँ. तुम जल्दी से वो हीरा लाकर मुझे दे दो. कबूतर आजाद होते ही दूर एक बड़े से पेड़ पर जाकर बैठ गया और शिकारी से बोला – ‘मेरे पास कोई हीरा नहीं है’

मैंने अभी तुमसे बोला था किसी की बात पे बिना सोचे समझे विश्वास नहीं करना चाहिए. कबूतर की बात सुनकर शिकारी बहुत दुःखी हुआ. उसे दुःखी देखकर कबूतर बोला मैंने तुम्हें यह भी बताया था कि कुछ बुरा होने या छूट जाने का दुःख नहीं करना चाहिए

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

परेशानी के समय हमें शांत दिमाग से काम लेना चाहिए जैसा कि कबूतर ने लिया. हमें कभी भी कुछ बुरा हो जाने या कुछ छूट जाने पर दुःखी नहीं होना चाहिए बल्कि अपनी उस भूल से सीख लेनी चाहिए ताकि भविष्य में कभी ऐसी गलती दोबारा न करें

7. लालची दुकानदार की कहानी

अकबर के शासन काल में जब बीरबल नौ-रत्नों में एक था तब बीरबल को नगर को लोगों ने आकर एक लालची बर्तनों के दुकानदार की शिकयत की ओर उसे सबक सिखाने के लिए कहा

तब बीरबल उसे सबक सिखाने गए. उन्होंने वहाँ से तीन बड़े-बड़े पतीले खरीदे. कुछ समय बाद वे एक छोटी सी पतीली लेकर दुकानदार के पास गए और बोले – भाई साहब आपके बड़े पतीले ने बच्चा दिया है कृपया आप इसे रख लें

दुकानदार बहुत खुश हुआ और पतीली ले ली. कुछ दिनों के बाद बीरबल एक बड़ा पतीला लेकर उस लालची दुकानदार के पास पहुँचे और बोले – मुझे ये पतीली पंसद नहीं आई. आप मुझे मेरे रूपये वापस कर दीजिए

फिर दुकानदार बोला – लेकिन ये तो एक ही पतीला है और दो पतीले कहाँ है. बीरबल ने कहा – असल में उन दो पतीलों की मौत हो गई है. दुकानदार ये सुनकर बोलता है – तुम मुझे बेवकूफ मत बनाओ, क्या कभी पतीलों की भी मृत्यु हो सकती है

बीरबल ने कहा – जब पतीलों के बच्चे हो सकते है तो उनकी मृत्यु क्यों नहीं हो सकती है. दुकानदार को अपनी करनी पर बहुत पछतावा हुआ और उसे बीरबल को पैसे वापस देने पड़ते हैं

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें लालच नहीं करना चाहिए

8. साधू की झोपड़ी वाली कहानी

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किसी गाँव में दो साधू रहते थे. वे दिन भर भीख माँगते थे और मंदिर में पूजा करते थे. एक दिन गाँव में आँधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश होने लगी

दोनों गांव की सीमा से लगी एक झोपड़ी में रहते थे. शाम को जब दोनों वापस लौटे तो देखा कि आँधी तूफान के कारण उनकी झोपडी टूट गयी है

यह देखकर पहला साधू क्रोधित हो उठता है और बुदबुदाने लगता है – भगवान तू मेरे साथ हमेशा ही गलत करता है. मै दिन-भर तेरा नाम लेता हूँ. मंदिर में तेरी पूजा करता हूँ

फिर भी तूने मेरी झोपड़ी तोड़ दी. गाँव में चोर-लुटेरे, झूठे लोगों के तो मकानो को कुछ नहीं हुआ. बेचारे हम साधुओं की झोपडी ही तूने तोड दी. ये तेरा काम है. हम तेरा नाम जपते है पर तू हमसे प्रेम नही करता

तभी दूसरा साधु आता है और झोपड़ी को देखकर खुश हो जाता है. नाचने लगता है और कहता है कि भगवान आज विश्वास हो गया तू हमसे कितना प्रेम करता है

ये हमारी आधी झोपड़ी तूने ही बचाई होगी. वरना इतनी तेज आँधी में हमारी झोपड़ी कैसे बचती. ये तेरी ही कृपा है कि अभी भी हमारे पास सर ढकने के लिए जगह है. निश्चित ही ये मेरी पूजा का फल है. कल से मैं तेरी और पूजा करूँगा. मेरा तुझ पर विश्वास अब और बढ़ गया है

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

चाहे कितनी भी गम्भीर परिस्थिति हो हमें नकारात्मक सोच नहीं रखनी चाहिए और हमें अपने परमात्मा पर विश्वास रखना चाहिए

9. सियार की समझदारी हिंदी नैतिक कहानी

एक समय की बात है. एक पहाड़ी के जंगल में एक सियार रहता था. एक दिन जंगल में उसने एक मरा हुआ हाथी देखा उसे देख उसकी आंखें खिल गई. उसने हाथी के मृत शरीर पर दांत गड़ाए पर चमड़ी मोटी होने की वजह से वह हाथी को चीरने में नाकाम रहा

वह कुछ उपाय सोच ही रहा था कि उसे एक शेर आता हुआ दिखाई दिया. उसने तुरंत आगे बढ़कर शेर का स्वागत किया और हाथ जोड़कर कहा – स्वामी आपके लिए ही मैंने इस हाथी को मार कर रखा है. आप इस हाथी का मांस खाकर मुझ पर उपकार कीजिए

इतना सुनते ही शेर ने कहा – मैं तो किसी के हाथों मारे गए जीवों को खाता नहीं हूं इसे तुम ही खाओ इतना कहकर शेर वहां से चला गया. सियार मन ही मन थोड़ा खुश हुआ पर उसकी हाथी की चमड़ी को चीरने की समस्या अभी भी हल नहीं हुई थी

थोड़ी देर बाद उस तरफ एक बाघ आ निकला. बाघ ने हाथी को देखकर अपने होंठ पर जीभ फिराई. सियार ने उसकी मंशा भाँपते हुए कहा – आप इस मृत्यु के मुंह में कैसे आ गए है? शेर ने इसे मारा है और मुझे इसकी रखवाली करने को कहा है. एक बार किसी बाघ ने उनके शिकार को झूठा कर दिया था तब से आज तक वे बाघ जाति से नफरत करने लगे हैं. आज तो हाथी को खाने वाले बाघ को शेर जरूर मार कर आएंगे. यह सुनते ही बाघ वहां से भाग खड़ा हुआ

कुछ समय बाद सियार को चीता आता हुआ दिखाई दिया. सियार ने सोचा चीते के दांत बहुत नुकीले होते हैं क्यू ना कुछ ऐसा किया जाये कि चीता यह चमड़ी भी फाड़ दे और मांस भी ना खा पाये

उसने थोड़ा दिमाग लगाया जैसे ही उसके सामने चीता आया उसने चीते से कहा शेर ने इस हाथी को मारा है और मुझे इसकी रखवाली के लिए रखा है. तुम्हें देखकर लगता है तुम बहुत ज्यादा भुके हो. तुम चाहो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ

उसने चीते से कहा – तुम इसमें से कुछ मांस खा सकते हो, मैं जैसे ही शेर को आता हुआ देखूंगा तुम्हें सूचना दे दूंगा तुम सरपट भाग जाना. पहले तो चीते ने शेर के डर से मांस खाने से मना कर दिया परंतु सियार के विश्वास दिलाने पर राजी भी हो गया

सियार ने थोड़ा दूर जाकर इधर-उधर झांकने का दिखावा किया और तिरछी नजरों से चीते पर नजर रखने लगा. चीते ने पलभर में ही हाथी की चमड़ी चीर दी. जैसे ही उसने मांस खाना शुरू किया वैसे ही सियार दौड़ते हुए आया और जोर-जोर से कहने लगा शेर आ गया, शेर आ गया. यह सुनकर चीता तुरंत वहां से दुम दबाकर भाग गया

सियार बहुत खुश हुआ. उसने कई दिनों तक मरे हाथी का मांस खाया. सिर्फ अपनी सूझबूझ से छोटे से सियार ने अपनी समस्या का हल निकाल लिया

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

बुद्धि के प्रयोग से कठिन से कठिन काम भी संभव हो जाता है तथा कठिन समय में शांति से निर्णय लेना ही बेहतर रहता है

10. दयालुता की खुशी हिंदी नैतिक कहानी

एक बार की बात है. एक छोटे से गांव में राजू नाम का एक लड़का रहता था. राजू एक दयालु लड़का था जो हमेशा जरूरतमंदों की मदद करता था. एक दिन, जब वह जंगल से गुजर रहा था तो उसने जमीन पर एक छोटी सी चिड़िया पड़ी हुई देखी. चिड़िया के पंख टूट गए थे और वह उड़ नहीं सकती थी

राजू को चिड़िया पर तरस आया और उसने उसकी देखभाल करने का फैसला किया. राजू चिड़िया को घर ले गया और उसने उसके लिए एक सुन्दर घोंसला बनाया. उसने उस चिड़िया की देखभाल कर उसे स्वस्थ कर दिया और उड़ने लायक बना दिया. जब चिड़िया उड़ने लायक हो गई तो राजू ने सोचा कि इसे अब आजाद कर देना चाहिए

इसके बाद राजू ने उसे उसी जंगल में ले जाकर आजाद कर दिया और चिड़िया उड़ भी गई. लेकिन कुछ मिनट बाद वापस आकर वह राजू के कंधे पर बैठ गई. चिड़िया को देखकर राजू हैरान और खुश हुआ

चिड़िया ने राजू की ओर देखा और कहा – “मेरी देखभाल करने के लिए धन्यवाद ! तुमने मुझ पर दया और करुणा दिखाई तथा आवश्यकता पड़ने पर मेरी मदद की, मैं इसके लिए सदा तुम्हारी आभारी रहूंगी” छोटी सी चिड़िया की ये बात सुनकर राजू को बहुत अच्छा महसूस हुआ

⬆⬆ इस कहानी से सीख ⬇⬇

दया और करुणा मूल्यवान गुण हैं जो किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता हैं. जब हम दूसरों पर दया करते हैं तो हम न केवल उनकी मदद करते हैं बल्कि खुद को भी खुश करते हैं. इसलिए हमें भी हमेशा राजू की तरह दूसरों के प्रति दयालु होना चाहिए

FAQ’s – कुछ गजब के प्रश्न

कहानियों को पढ़ने से क्या होता है ?

कहानियां पढ़ने से हम सभी का ज्ञान तो बढ़ता ही है, साथ ही साथ हमें जीवन में सही और गलत के रास्ते पर चलने की सीख भी मिलती है. इसीलिए हम सभी को कहानियां पढ़नी चाहिए

कहानियों से बच्चों का विकास कैसे संभव है ?

बच्चों के लिए कहानियां प्रेरणा का स्रोत है जैसा कि हम जानते हैं बच्चों का मन एक कोरे पन्ने की तरह होता है जिस पर प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धिनी कहानियों को एकत्रित करके हम उनका विकास एक सही राह पर कर सकते हैं

आज आपने सीखा – Moral Stories in Hindi

आशा है आप ने इन सभी कहानियों को पूरा पढ़ा होगा और आपको बहुत मजा आया होगा. मुझे बताएं TOP 10 Moral Stories in Hindi का कलेक्शन आपको कैसा लगा ?

यदि आपको कहानियां अच्छी लगी तो अपने दोस्तों को भी शेयर कीजिएगा ताकि उन्हें भी Short Moral Stories in Hindi for Kids का कलेक्शन पढ़कर मजा आ जाए और वे आपसे पूछे कि भाई कहां से इतनी अच्छी कहानियां ढूंढ कर लाते हो 😜

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2 Comments

    1. जानकर मुझे बहुत खुशी हुई. लेकिन मैं इसे और बेहतर बनाने की कोशिश करूंगा

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