दोस्तों क्या आप नारी शक्ति पर निबंध – Nari Shakti Essay in Hindi जानना चाहते हैं तो यह पोस्ट एकदम सही है आपके लिए
इस पोस्ट में मैंने आपको नारी शक्ति पर हिंदी में दो निबंध बताए हैं. आपको जो अच्छा लगे आप उसे चुन सकते हैं तो आइए पढ़ते हैं
1) नारी शक्ति पर निबंध – Essay on Nari Shakti in Hindi
“हर पथ को रोशन करने वाली शक्ति का नाम नारी है
काबिलता के साथ निभाती वो हर इक जिम्मेदारी है”
जीवन के हर पथ को रोशन करने वाली वो शक्ति है एक नारी, आज भी नारी के हाथों में घर चलाने की डोर हैं. महिलाओं के बिना मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. नारी के बिना इस सृष्टि को चलाने में पुरुष पूर्णतः असमर्थ है
हमारा देश भारत एक विकासशील देश है और देश की आर्थिक स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है. भारत में पुरुष प्रधान समाज का प्रचलन है. पुरुषों को यह समझना जरूरी है कि महिलाएं भी इस देश की आधी शक्ति है और पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने से देश की पूरी शक्ति बन सकती है
एक दिन जब देश की पूरी शक्ति काम करना शुरु कर देगी, तो कोई भी अन्य देश भारत से अधिक शक्तिशाली नहीं होगा. पुरुष ये नहीं जानते कि भारतीय महिलाएं कितनी शक्तिशाली हैं
सभी भारतीय पुरुषों के लिए बहुत आवश्यक है कि वो महिलाओं की शक्ति को समझे और उन्हें स्वंय को आत्मनिर्भर और देश, परिवार की शक्ति बनाने के लिए आगे बढ़ने दें
भारत में महिला सशक्तिकरण लाने के लिए लैंगिक समानता पहला कदम है. पुरुषों को ये नहीं सोचना चाहिए कि महिलाएं केवल घर व परिवार संभालने के लिए हैं. पुरुषों को भी उनकी जिम्मेदारियों में हाथ बटाना चाहिए जिससे महिलाओं को खुद के और अपने कैरियर के बारे में सोचने के लिए कुछ समय मिल सके
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बहुत से कानून भी हैं किंतु कुछ प्रभावशाली और कड़े नियम होने चाहिए जिनका सभी के द्वारा अनुसरण किया जाए. ये केवल हमारी सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है, ये प्रत्येक भारतीय की जिम्मेदारी है
प्रत्येक भारतीय को महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने और महिला सशक्तिकरण के लिए बनाये गए नियमों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता है
महिलाओं को पूरी स्वतंत्रता देने की आवश्यकता है ये उनका जन्मसिद्ध अधिकार है. महिलाओं को भी अपनी पूर्वधारणाओं को बदलने की जरुरत है कि वो कमजोर हैं
इसके बजाय उन्हें ये सोचने की आवश्यकता है कि उनमें पुरुषों से अधिक शक्ति है और वो पुरुषों से बेहतर कर सकती हैं. वो योग, मानसिक कला, कूगं-फू, कराटे आदि को अपने सुरक्षा मानकों के रुप में सीखकर शारीरिक रुप से भी शक्तिशाली हो सकती हैं
देश में विकास को आगे बढ़ाने के लिए महिला सशक्तिकरण बहुत महत्वपूर्ण तत्व है. समाज में महिलाओं के अहम योगदान को भूलना नहीं चाहिए और समाज हम सब लोगों से मिलकर बना हैं. अगर हम औरत का सम्मान करेंगे, उनकी इज्जत करेंगे तो वे समाज को यानि हमारी दुनिया को खूबसूरत बना सकती हैं
“दुनिया को मिला इक खूबसूरत उपहार है
समाया इक नारी में सम्पूर्ण सृष्टि का सार है”
2) नारी शक्ति पर निबंध – Nari Shakti Essay in Hindi

“नारी गौरव है, सम्मान है
आदि शक्ति का दूजा नाम है
नारी के ही द्वारा रचा ये विधान है
हे नारी शक्ति तुझे शत-शत प्रणाम है”
प्रस्तावना
नारी समाज का एक अभिन्न अंग है. नारी के बिना हम समाज की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. नारी के अंदर सहनशीलता, धैर्य, प्रेम, ममता और मधुर वाणी जैसे अनगिनत गुण विद्यमान होते हैं
वह बहुत से क्षेत्रों में पुरुषों से बेहतरीन कर अपनी शक्ति का परिचय देती है. नारी हमारे समाज और राष्ट्र के विकास की धुरी है. नारी का विकास किए बिना राष्ट्र विकास असम्भव है इसीलिए नारी को जगत जननी कहा जाता हैं
नारी ही माता के रूप में बच्चों को पालती हैं, पत्नी और बेटी के रूप में सेविका का कार्य करती हैं और देश की आन-बान शान के लिए वह वीरांगना के रूप में रक्षा भी करती है. इसीलिए सम्पूर्ण नारी जाति को “नारी शक्ति” की संज्ञा दी जाती है
प्राचीन काल में नारी शक्ति
प्राचीन समय से ही स्त्री ने समाज के विकास एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. हालांकि उस समय स्त्री की दशा बहुत शोचनीय थी. बहुत सी सामाजिक कुरीतियां उनपर थोपी गयी थी
उस समय राजा राम मोहन राय, ईश्वरचंद विद्यासागर जैसे महान समाज सुधारकों ने नारी स्वाधीनता हेतु आवाज़ उठाई जिससे स्त्रियां जागृत हुईं एवं अपनी विद्या, बुद्धि एवं कर्तव्य शक्ति के बल पर उन्होंने समाज में विशेष पहचान बनाई
झाँसी की रानी, कल्पना चावला और इंदिरा गाँधी जैसी बहुत सी महिलाएँ रही है जिन्होंने समय समय पर नारी शक्ति का परिचय दिया है और समाज को बताया है कि नारी अबला नहीं सबला है
“अबला नहीं सबला है, शक्ति का नाम नारी है
जग को जीवन देने वाली मौत भी उससे हारी है”
आधुनिक युग की नारी शक्ति
आधुनिक युग में भी महिलाओं ने अपने अधिकारों के बारे में जाना है और अपने जीवन से जुड़े निर्णय स्वयं लेने लगी है
आज की महिला कोमल और मधुर होने के साथ-साथ जागरूक भी है उसने अपने अंदर की नारी शक्ति को जागृत किया है और अन्याय का विरोध करना शुरू किया है. लेकिन फिर भी वह आज पूर्णतया सुरक्षित नहीं है
आज भी पुरुष वर्ग के कुछ लोग नारी को कमजोर और निस्सहाय ही समझते हैं. वह नारी को मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना देते हैं, नारी का पल-पल अपमान करते हैं लेकिन ऐसे लोगों को यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि अगर नारी की सहनशीलता कहीं खत्म हो गई और नारी ने शक्ति का रूप ले लिया तो उसके अस्तित्व को मिटाने से कोई भी नही बचा सकता
इतिहास गवाह है जब जब नारी का सब्र टूटा है तब तब प्रलय अवश्य आई है. आज रूढ़िवादी मान्यताओं और पुरुष प्रधान विचारों को महिलायें लगातार चुनौती दे रही हैं और हर क्षेत्र में अपने हुनर को आजमा रही हैं
आज समाज के पढ़े लिखे लोग लड़कियों की शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं और शिक्षित महिलायें देश के विकास में अपना अहम योगदान दे रही हैं
उपसंहार
भारत देश में महिलाओं को देवी के रूप में पूजा जाता है. वेद पुराणों में कहा गया है किसी देश की संस्कृति को समझना है तो सबसे पहले हमें उस देश की महिलाओं के बारे में जरूर जानना चाहिए
आज के युग में नारी शक्ति एक अहम विषय बन चुका हैं. जिस देश की महिलाओं का विकास नहीं हुआ, वह देश आगे विकास ही नहीं कर सकता
देश और समाज का उन्नति का एक ही रास्ता है वह है महिलाओं और बेटियों को जागरूक करना. एक शिक्षित नारी अपने परिवार के साथ समाज का भी उद्धार करती है अतः नारी शक्ति को सशक्त बनाकर देश के विकास में योगदान करना चाहिए
“मुस्कुरा के, दर्द भुला के, रिश्तों में बांध के दुनिया सारी
हर पथ को रोशन करने वाली वो शक्ति है एक नारी”
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संक्षेप में
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