नारी शिक्षा का महत्व पर निबंध – Importance of Women education Essay in Hindi दोस्त क्या आप भी जानना चाहते हैं तो यह एकदम सही पोस्ट है आपके लिए
इस पोस्ट के माध्यम से आज आपको नारी शिक्षा पर निबंध और इसका महत्व क्या है बताया गया है. यह पोस्ट विद्यार्थी वर्ग के लिए काफी उपयोगी है जोकि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध के रूप में लिख सकते हैं. तो आइए जानते हैं
नारी शिक्षा का महत्व – Importance of Women education in Hindi

“देश को है अगर आगे बढ़ाना
तो नारी को होगा पढ़ाना”
प्रस्तावना
किसी भी राष्ट्र की तरक्की हेतु उस राष्ट्र की महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है. पं० जवाहरलाल नेहरू कहा करते थे – “आप किसी राष्ट्र में महिलाओं की स्थिति देखकर उस राष्ट्र के हालात बता सकते हैं”
एक शिक्षित नारी राष्ट्र की सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति का आधार होती है. अतः नारी शिक्षा को नजरअंदाज करने का अर्थ देश के भविष्य को अन्धकार में डाल देना है
नारी शिक्षा की आवश्यकता
आज के आधुनिक युग में भी महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कमतर आंका जाता है. अगर महिलाओं को उचित शिक्षा ही नहीं मिल पायेगी तो वह आगे कैसे बढ़ेगी
महिला पढ़ी-लिखी नहीं होगी तो वह कभी भी सशक्त व आत्मनिर्भर नहीं बन पाएगी. अगर घर की महिला ही पढ़ी लिखी नहीं होगी तो वह बच्चों को क्या शिक्षा देगी
कहा जाता है कि माँ ही बच्चे का पहला गुरु होती है अगर वही पढ़ी लिखी नहीं होगी तो पूरा परिवार अनपढ़ ही रह जाएगा. इसलिए बेटी होने पर सर्वप्रथम उसकी शिक्षा की उचित व्यवस्था करना प्रत्येक माँ-बाप का परम कर्तव्य है
नारी शिक्षा का महत्व
नारी शिक्षा के महत्व को हम एक कहावत के माध्यम से समझ सकते हैं – “एक पुरुष को शिक्षित करके हम सिर्फ एक ही व्यक्ति को शिक्षित कर सकते हैं लेकिन एक नारी को शिक्षित करके हम पूरे देश को शिक्षित कर सकते हैं”
स्त्री शिक्षा के बिना देश तो छोड़िए हम अपने परिवार की उन्नति की कल्पना भी नहीं कर सकते. शिक्षा हमारे जीवन का एक ऐसा बिंदु हैं जिसके बिना हम अच्छे जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं
हम सभी जानते हैं कि शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन पशु समान हो जाता है. तो फिर समाज के एक अहम हिस्से स्त्री को क्यूँ शिक्षा से वंचित रखा जाए. पुरुष और स्त्री एक ही सिक्के के दो पहलु हैं तो फिर शिक्षा भी दोनों को एक समान प्राप्त होनी चाहिए
जिस प्रकार शिक्षित पुरुष समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण है उसी प्रकार से शिक्षित नारी भी देश के हित के लिए आवश्यक है. अतः नारी शिक्षा के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है
“नारी है समाज का हिस्सा
इसे दो तुम अच्छी शिक्षा”
नारी शिक्षा के मार्ग में आने वाली बाधाएं
भारतीय पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबर सामाजिक दर्जा नहीं दिया जाता है. हालाँकि शहरी क्षेत्रों में स्थिति इतनी बुरी नहीं है, परंतु फिर भी बात महिलाओं की होगी तो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की महत्वता को नकारा नहीं जा सकता
आज भारत विश्वगुरु बनने हेतु प्रगतिपथ पर अग्रसर तो है किंतु लैंगिक असमानता को खत्म किए बिना ये सफर बहुत ही मुश्किलों से भरा होगा. आज भारत देश में लैंगिक असमानता घरेलू महिलाओं के साथ-साथ कामकाजी महिलाएं भी महसूस कर रही हैं
भारतीय समाज में यह समझा जाता है कि किसी कार्य विशेष हेतु महिलाओं की दक्षता उनके पुरुष समकक्षों के मुकाबले कम होती है और इसी कारण प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम ही महत्व दिया जाता है
देश में महिला का सुरक्षित ना हो पाना भी नारी शिक्षा की राह में एक बड़ी बाधा है. इसी कारण बहुत से माता-पिता अपनी लड़कियों को उच्च शिक्षा हेतु विद्यालयों या कॉलेजों में भेजने से कतराते हैं. हालाँकि सरकार इस क्षेत्र में ही कार्य कर रही है परंतु सभी प्रयास अथवा कार्य असफल ही दिखाई देते हैं
नारी शिक्षा हेतु सरकार के प्रयास
भारत में नारी शिक्षा हेतु सरकार निरन्तर प्रयासरत है. वर्ष 2015 में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की शुरुआत बालिकाओं को शिक्षित करने के दिशा में एक सार्थक प्रयास है. यह महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय की संयुक्त पहल है
वर्ष 2004 में शुरू की गई कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना का उद्देश्य कम साक्षरता दर वाले इलाकों में बालिकाओं के लिए प्राथमिक स्तरीय शिक्षा की व्यवस्था करना है
यूनिसेफ भी देश में लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु कार्यरत है. इसके साथ ही नारी शिक्षा के उत्थान हेतु विभिन्न सरकारी एवं गैरसरकारी संस्थाएं केंद्र तथा राज्य स्तर पर कार्यरत हैं
उपसंहार
नारी समाज का अभिन्न अंग है. एक नारी का सम्बन्ध दो परिवारों से होता है. एक शिक्षित नारी दो कुलों पर अपनी शिक्षा का प्रभाव डालती है अतः नारी का शिक्षित होना आज के युग की परम आवश्यकता है
नारी को समाज में पुरुषों के समान अवसर मिलने ही चाहिए. जब नारी को समान अवसर मिलेंगे तब नारी सशक्त बनेगी फलस्वरूप सम्पूर्ण देश भी सशक्त बनेगा
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संक्षेप में
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