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Home Educational Hindi Essay

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

Essay on National Education Day in Hindi : शिक्षा हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण किरदार निभाती है हमें एक बेहतर इंसान बनाने के लिए, एक शिक्षित व्यक्ति ही सभ्य राष्ट्र का विकास कर सकता है

क्या आप राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं. आज इस पोस्ट में मैंने आपको दो निबंध बताएं हैं. पहला निबंध कक्षा 1 से लेकर 8 तक के विद्यार्थियों के लिए तथा दूसरा निबंध कक्षा 9 तक से लेकर 12 तक के विद्यार्थियों के लिए है. तो आइए सबसे पहले कुछ जरूरी बिंदु पढ़े

उत्सव का नामराष्ट्रीय शिक्षा दिवस
मनाया जाता हैप्रतिवर्ष 11 नवंबर को
शुरुआत हुईवर्ष 2008 में
2022 में थीम“Changing Course, Transforming Education”
श्रद्धांजलि दी जाती हैमौलाना अबुल कलाम आजाद जी को
पाठ्यक्रम show
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध 300 शब्दों में
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध 500 शब्दों में
प्रस्तावना
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है ?
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत
मौलाना अबुल कलाम का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है ?
उपसंहार
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया जाता है ?
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 का विषय या थीम क्या है ?
स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री कौन थे ?
भारत में किसके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है ?
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की स्थापना कब हुई थी ?

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध 300 शब्दों में

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हमारे भारत देश में हर साल 11 नवम्बर को मनाया जाता है. इसको मनाने का उद्देश्य देश में शिक्षा को बढ़ावा देना है. इस दिन मौलाना अबुल कलाम आजाद जी का जन्मदिवस होता है

वर्ष 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अबुल कलाम आजाद जी की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई थी. उनका जन्म 11 नवम्बर 1888 को सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था

मौलाना अबुल कलाम आजाद भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे. वे आजाद देश के प्रथम शिक्षामंत्री थे उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा दिया और 1947 से 1958 तक लगातार शिक्षामंत्री के पद पर रहते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

वे एक अच्छे कवि और साहित्यकार भी थे जिन्हें देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया था. लेकिन उनकी मृत्यु 1958 ही हो गई थी. वे सादा जीवन और उच्च विचार, जीने वाले व्यक्ति थे

उन्होंने भारत में शिक्षा का अधिकार लागू किया. वे भारत में बिना भेदभाव के सभी वर्गों के बालक-बालिकाओं को 14 वर्ष की आयु तक अनिवार्य बाल शिक्षा दिलवाने के हिमायती थे. उन्होंने महिला शिक्षा पर भी जोर दिया

अबुल कलाम आजाद का निधन 22 फरवरी 1958 को हुआ था. शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उनके जन्मदिवस 11 नवम्बर को 2008 से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाना तय किया गया था

सभी विद्यालयों और कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन विद्यार्थियों को उनकी प्रतिभा के अनुसार पुरस्कार दिए जाते हैं

इस दिवस से लोगों को शिक्षा की ओर बढ़ावा दिया जाता है जिससे पूरा देश शिक्षित हो व देश की आर्थिक स्थिति में सुधार हो

शिक्षा से हमारा समाज मजबूत होगा और शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है इसलिए शिक्षा आवश्यक है यह मौलाना अबुल कलाम आजाद का मत था

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध 500 शब्दों में

Essay on National Education Day in Hindi

“शिक्षा है सफलता का मूल आधार
इसके बिना है जीवन बेकार”

प्रस्तावना

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हमारे भारत देश में प्रत्येक वर्ष 11 नवम्बर को मनाया जाता है. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य देश में शिक्षा को बढ़ावा देना है

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस सभी स्कूलों और कॉलेजों में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन स्कूलों के विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाता है

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है ?

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की स्मृति में उनके जन्मदिवस पर मनाया जाता है. 11 नवम्बर के दिन इस महान् विभूति का जन्म सऊदी अरब के मक्का में हुआ था

भारत में शिक्षा के विकास में मौलाना आजाद की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी. महात्मा गांधी जी के विचारों से प्रभावित होकर तथा प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के साथ-साथ इन्होंने हिन्दू-मुस्लिम में एकता को स्थापित करने का कार्य किया और यह भारत के बंटवारे के कटर विरोधी थे

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत

संवैधानिक रूप से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का प्रारम्भ 11 नवम्बर 2008 से किया गया है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 11 सितंबर, 2008 को घोषणा की थी कि भारत में मौलाना अबुल कलाम आजाद का शिक्षा के क्षेत्र में महान योगदान है

वे भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षामंत्री और ‘भारत रत्न’ से सम्मानित थे इसीलिए उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है

मौलाना अबुल कलाम का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान

मौलाना अबुल कलाम ने 1947 से 1958 तक स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया. उनका मानना था कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा दी जानी चाहिए

इन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने के लिए भी प्रयास किए तथा लड़कियों को 14 साल की उम्र तक निशुल्क शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था स्थापित की जिससे की महिलाओं के शैक्षणिक स्तर में वृद्धि हुई

1950 में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी का गठन आजाद की अगुवाई में ही हुआ था. इससे पहले वह 1950 में ही ‘भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद’ बना चुके थे

मौलाना ने शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए अत्यधिक स्कूलों, कालेजों एवं विश्वविद्यालयों की स्थापना करवाई. मौलाना आजाद महिला शिक्षा के विशेष हिमायती थे. उनके प्रयासों से ही 1956 में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की स्थापना हो पाई थी

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस देश में छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और सुधारने के लिए मनाया जाता है. यह दिन एक स्वतंत्र भारतीय शिक्षा प्रणाली की नींव रखने में आजाद के योगदान को भी याद करता है

आजाद सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा, लड़कियों की शिक्षा, 14 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिए मुफ्त अनिवार्य शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा के भी प्रबल समर्थक थे

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है ?

सितंबर 2008 में, केंद्र सरकार ने 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किया. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का पहला उत्सव तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस प्रतिवर्ष विभिन्न स्कूलों में कई सूचनात्मक और मनोरंजक संगोष्ठियों, निबंध प्रतियोगिताओं और रैलियों की मेजबानी करके मनाया जाता है

इस दिन, छात्र और शिक्षक साक्षरता के महत्व और शिक्षा के सभी पहलुओं के प्रति देश की प्रतिबद्धता को साझा करने के लिए एक साथ आते हैं. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भारत की शिक्षा प्रणाली में अबुल कलाम आजाद द्वारा किए गए सभी मौलिक योगदानों को श्रद्धांजलि देता है

उपसंहार

महान शिक्षाविद मौलाना अबुल कलाम आजाद का निधन 22 फरवरी 1958 में हुआ था. शिक्षा के क्षेत्र में इनके विस्मरणीय योगदान के लिए इन्हें मरणोपरांत भारतरत्न से विभूषित किया गया तथा 2008 से इनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. अबुल कलाम आजाद का मकबरा दिल्ली में जामा मस्जिद के बगल में स्थित है

“शिक्षा के क्षेत्र में
देश को बुलंदियों तक पहुचाया
नमन है उस वीर सपूत को
जो भारत का रत्न कहलाया”

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया जाता है ?

11 नवंबर को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 का विषय या थीम क्या है ?

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 की थीम है – “पाठ्यक्रम बदलना, शिक्षा बदलना”
English में थीम – “Changing Course, Transforming Education”

स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री कौन थे ?

मौलाना अबुल कलाम आजाद जी स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री थे

भारत में किसके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है ?

मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है

11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है ?

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 11 नवंबर को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी तारीख को स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म हुआ था

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की स्थापना कब हुई थी ?

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया था. तब से, 11 नवंबर को हर साल भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है

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  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध

संक्षेप में

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध किस प्रकार लिखा जाए इस पोस्ट के माध्यम से आप समझ ही गए होंगे. आपके लिए यह पोस्ट कितनी उपयोगी थी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

यदि आप इसी तरह के विभिन्न निबंध के अपडेट समय समय पर पाना चाहते है तो आप हमें सोशल मीडिया पर जरूर फॉलो करें जिससे कि आपको सबसे पहले अपडेट मिल सके

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