Samachar Patra par Nibandh : नमस्कार MDS BLOG में आपका स्वागत है क्या आप समाचार पत्र पर निबंध खोज रहे हैं तो आपने एक सही पोस्ट का चुनाव किया है
आज की इस पोस्ट में हम आपको समाचार पत्र का महत्व पर निबंध कैसे लिखा जाए बताने जा रहे हैं. यह निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 सभी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लाभकारी है. तो आइए निबंध जानते हैं
समाचार पत्र पर निबंध – Essay on Newspaper in Hindi
प्रस्तावना
जिज्ञासा मानव की स्वाभाविक प्रवृत्ति है इसका कारण यह है कि अन्य प्राणियों की अपेक्षा मानव में सोचने समझने की क्षमता अधिक है उसके ज्ञान की प्यास कभी नहीं बुझती जितना ज्ञान बढ़ता जाता है उससे ज्ञान की प्यास भी उतनी ही बढ़ती जाती है
साहित्य ही उसके मस्तिष्क की प्यास को बुझा सकता है इस दृष्टि में देश-विदेश, राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक परिवर्तनों को जानने का एक ही मात्र साधन समाचार पत्र है. वर्तमान युग में यह मानव की जिज्ञासा को शांत करने का एक सरलतम माध्यम बन चुका है
समाचार पत्रों का प्राचीन स्वरूप
प्राचीन समय में भी समाचार पत्रों का आदान प्रदान होता था पहले यह कार्य संदेश वाहक को के माध्यम से किया जाता था यह समाचार व्यक्तिगत संदेश के रूप में भेजे जाते थे प्रथम समाचार पत्र का जन्म इटली में हुआ था इससे प्रभावित होकर इंग्लैंड में भी समाचार पत्रों का प्रकाशन प्रारंभ हो गया भारत में इसका जन्म मुगल काल में हुआ
समाचार पत्रों की आवश्यकता और उनके प्रकार
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है समाचार पत्रों का जन्म भी आवश्यकता का ही परिणाम है. मानव जिज्ञासु प्राणी है मानव की जिज्ञासु वृत्ति को शांत करने के लिए समाचार पत्रों का आविष्कार हुआ. विज्ञान ने समस्त संसार को एक परिवार में बदल दिया है देश विदेश की घटनाओं का प्रभाव जिज्ञासु मानव पर पड़ता है
अतः आज यह आवश्यक है कि प्रत्येक मनुष्य देश विदेश के सभी समाचारों से परिचित रहे. समाचार पत्र इस आवश्यकता को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे अनेक व्यक्ति मिल जाएंगे जो भोजन छोड़ सकते हैं किंतु समाचार पत्र नहीं
आज की परिस्थितियों में समाचार पत्र को युग की अनिवार्य आवश्यकता कहा जा सकता है. आधुनिक समाचार पत्र केवल घटना और समाचारों का लेखा जोखा मात्र ही नहीं रखते हैं. अब समाचार पत्र अनेक रूपों में प्रकाशित हो रहे हैं साहित्य, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद संबंधी विभिन्न प्रकार के समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं इन सभी समाचार पत्रों का विशिष्ट महत्व है
समाचार पत्रों का इतिहास
समाचार पत्र 17वी शताब्दी की देन है. मुद्रण काल के विकास के साथ-साथ समाचार पत्रों का प्रयोग और प्रचार बड़ा है. सन 1610 में जर्मनी में, सन 1620 में इंग्लैंड में, सन 1670 में अमेरिका में, सन 1703 में रूस में, सन 1737 में फ्रांस और सन 1880 में भारत में समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू हो चुका था.
आज हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स, नवजीवन, स्वतंत्र भारत, जनसत्ता, अमर उजाला, नई दुनिया, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर उच्च कोटि के अनेक समाचार पत्र का प्रकाशन हिंदी समाचार पत्रों के विकास के रूप में हो रहा है
भारतीय समाचार पत्रों के प्रकार
प्रकाशन की समाधि के आधार पर समाचार पत्रों को विभिन्न तरह के नाम दिए जाते हैं. जैसे कि दैनिक, साप्ताहिक, अर्धवार्षिक, मासिक, तीन मासिक तथा वार्षिक यह समाचार पत्र विषय के आधार पर अनेक उपखंडों में बांटे जाते हैं जैसे- राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, साहित्यिक, नैतिक, सांस्कृतिक और मनोरंजनप्रधान किंतु आजकल एक समाचार पत्र में पृथक पृथक स्तंभ देकर उपयुक्त सभी सामग्री को एक साथ संकलित करने का प्रयास किया जा रहा है इसके फलस्वरूप समाचार पत्र की उपयोगिता में अब और अधिक हो चुकी है
समाचार पत्रों की उपयोगिता
प्रत्येक व्यक्ति समाचार पत्रों के माध्यम से अपनी अपनी अभिरुचि के अनुसार सामग्री प्राप्त करता है. संसार के प्रत्येक क्षेत्र में आज इतने अधिक परिवर्तन हो रहे हैं कि अब प्रत्येक व्यक्ति इस परिवर्तन की सूचना प्राप्त करना चाहता है ऐसी स्थिति में समाचार पत्रों की उपयोगिता और भी अधिक बढ़ जाती है
हमारे देश में राष्ट्रीय चेतना जागृत करने का श्रेया समाचार पत्रों को ही है. पिछड़े एवं परतंत्र राष्ट्र सदैव समृद्ध एवं स्वतंत्र राष्ट्र से प्रेरणा लेकर अपनी उन्नति एवं स्वतंत्र का मार्ग बना सकते हैं
व्यापारिक क्षेत्र में भी समाचार पत्रों में विज्ञापन दिए जाते हैं. बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए आवश्यकता के कॉलम दिए जाते हैं इसके अतिरिक्त गुमशुदा की तलाश चलचित्र आदि से संबंधित विज्ञापन भी प्रकाशित किए जाते हैं
विभिन्न परीक्षाओं के परीक्षाफल भी समाचार पत्रों के माध्यम से जनसाधारण तक पहुंचाए जाते हैं. कुछ समाचार पत्रों में मनोरंजन के साथ-साथ खेलकूद का भी विवरण डाला जाता है. समाचार पत्रों द्वारा निरंतर उपलब्ध कराए गए सुंदर और श्रेष्ठ साहित्य से हमारे बौद्धिक विकास का क्रम बना रहता है.
अनेक माध्यम से समाचार पत्रों के द्वारा हम विभिन्न प्रकार के सुझाव समिति तथा आलोचनाओं से अपने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक हितों की रक्षा कर सकते हैं इस प्रकार समाचार पत्र मनुष्य के विकास के साधन बन चुके हैं
समाचार पत्रों के गलत प्रयोग से हानियां
जब प्रकाशक एवं संपादक अपने पत्र के प्रचार एवं प्रसार के लिए दूषित साधन अपनाते हैं. पीत पत्रिका पर आधारित राष्ट्रीय विरोधी खबरें छापते हैं तो इस से राष्ट्रीय एवं सांप्रदायिक एकता को आघात पहुंचता है. कुछ समाचार पत्र तो पक्षपातपूर्ण प्रसार के साधन मात्र बन रहे हैं इससे समाज के विचार दूषित होते हैं और राष्ट्र की आत्मा दुर्बल होती है
समाचार पत्रों का मूल उद्देश्य मानव कल्याण है किंतु जब हम स्वार्थ वश इस उद्देश्य को भूलकर इसके द्वारा अनेक संकीर्ण उद्देश्य को पूरा करना चाहते हैं तो इससे लाभ के स्थान पर हानियां ही होती है. हमें समाचार पत्रों का अध्ययन अपने विचार और ज्ञान वर्धन के लिए करना चाहिए
समाचार पत्रों का भविष्य
समाचार पत्र समाज के निर्माता है किंतु उनसे उत्पन्न हानियां हमारे लिए एक चुनौती बन गई है. समाचार पत्रों के प्रकाशक एवं संपादक का दायित्व है कि वे व्यक्तिगत स्वार्थ को छोड़कर राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखें और उनकी सार्थकता इसी में है कि वे अपने दायित्व का पूर्ण पालन करें पक्षपातपूर्ण तथा अवैध एवं समाज विरोधी समाचारों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए तथा समाचार पत्रों के लिए एक निश्चित आचार संहिता तैयार होनी चाहिए. नागरिकों को भी समय-समय पर समाचार पत्रों की आलोचना समालोचना करते रहना चाहिए
उपसंहार
हमारे देश में समाचार पत्रों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. हमारे देश अभी के विकास कल्याण से गुजर रहा है अतः हमारे समाचार पत्रों में जनहित की सामग्री को ही होना चाहिए. समाचार पत्रों का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन में नवचेतना का संचार करना है समाचार पत्र सरकार की नीतियों को सही रूप से जनता के सामने रखेंगे तो इसमें संदेह नहीं है कि देश का विकास संभव हो सकेगा
Read More –
संक्षेप में
दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको समाचार पत्र पर निबंध – Essay on Newspaper in Hindi अच्छा लगा होगा अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा
अगर आप नई नई जानकारियों को जानना चाहते हैं तो MDS BLOG के साथ जरूर जुड़िए जहां की आपको हर तरह की नई-नई जानकारियां दी जाती है MDS BLOG पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!