Hindi Essay

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध

Noise Pollution Essay in Hindi : दोस्त क्या आप भी ध्वनि प्रदूषण पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को खोला है

आज मैं आपको ध्वनि प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखते हैं इसके बारे में जानकारी दूंगा. यह निबंध कक्षा 1 से लेकर 12 तक के सभी विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी है. तो आइए ध्वनि प्रदूषण पर निबंध जानते हैं

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध – Noise Pollution Essay in Hindi

Noise Pollution Essay in Hindi

“ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाएं,
श्रवण शक्ति को तेज बनाएं”

प्रस्तावना

ध्वनि प्रदूषण की समस्या बहुत ही खतरनाक समस्या है जो भारत के साथ-साथ विश्वभर में फैल रही है. ध्वनि प्रदूषण अन्य प्रदूषणों के समान ही हानिकारक होता है

ध्वनि प्रदूषण वातावरण में अत्यधिक शोरगुल को दर्शाता है. ध्वनि प्रदूषण से ना केवल मानव जाति बल्कि अन्य जीव-जंतुओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है

ध्वनि प्रदूषण से अभिप्राय

अत्यधिक तेज ध्वनि जो हमारे कानों के लिए असहनीय हो जाती है, हमारी सुनने की क्षमता पर बुरा प्रभाव डालती है. ध्वनि दो प्रकार की होती है एक जिसे हमारे कान आसानी से बिना किसी परेशानी के सुन सकते हैं और दूसरी जिसे हमारे कान बर्दाश्त नहीं कर सकते

जैसे कि पटाखों की आवाज, अत्यधिक ऊंचा संगीत, गाडियों के तेज हॉर्न इत्यादि. इस प्रकार की तेज ध्वनि हमारे लिए बहुत ही हानिकारक होती है और ध्वनि प्रदूषण कहलाती है

ध्वनि प्रदूषण के कारण

ध्वनि प्रदूषण होने के असंख्य कारण हैं. आधुनिक और औद्योगिक विकास ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि का मुख्य कारण है. कारखानों में मशीनों के चलने से तेज आवाज उत्पन्न होती है, जो ध्वनि प्रदूषण करती है

वाहनों के चलने से भी ध्वनि उत्पन्न होती है. टी.वी, म्यूजिक सिस्टम जैसे मनोरंजन के साधनों से उत्पन्न तीव्र ध्वनि से शोर होता है. विवाह, मेले और सामाजिक आयोजनों में लाउड स्पीकर और जनरेटर भी ध्वनि प्रदूषण करते हैं

इसके अलावा निर्माण कार्य में मशीनों और औजारों के प्रयोग से ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है. आतिशबाजी वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण भी करती है

ध्वनि प्रदूषण के दुष्परिणाम

पर्यावरण में अवांछित ध्वनि जिसे ध्वनि प्रदूषण कहा जाता है, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है तथा बहरेपन व मानसिक तनाव की समस्या उत्पन्न करता है

इसके कारण मानव के व्यवहार में चिडचिड़ापन देखा गया है. अवांछित तेज शोर से कान के पर्दों का खराब होना, कान में दर्द आदि समस्याएं जन्म लेती हैं

समुद्री जानवर भी इससे अछूते नहीं हैं. पानी में पनडुब्बी और समुंद्री जहाजों की ध्वनि के कारण ध्वनि प्रदूषण होता है

मुख्यतः व्हेल और डॉलफिन आदि की मृत्यु का कारण ध्वनि प्रदूषण बन जाता है, क्योंकि वो भोजन खोजने, खुद को बचाने और पानी में जीने के लिये सुनने की क्षमता का ही प्रयोग करती हैं

ध्वनि प्रदूषण के परिणाम बहुत अधिक खतरनाक है और निकट भविष्य में चिंता का विषय बन रहे हैं

ध्वनि प्रदूषण से बचाव के उपाय

ध्वनि प्रदूषण से निजात पाने हेतु आम नागरिक तथा सरकार के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है. इसके लिए ध्वनि और शोर की तीव्रता पर रोक लगानी होगी

अत्यधिक प्रेशर वाले हॉर्न पर रोक लगाई जाए. ट्रैफिक का संचालन सही ढंग से हो, ताकि हॉर्न कम से कम बजाया जाए. सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करने से भी शोरगुल में कमी आएगी

हरे पौधे ध्वनि की तीव्रता को 10 से 15 डी.वी. तक कम कर सकते हैं. अतः हरे पौधे अधिक से अधिक लगाए जाने चाहिए

उपसंहार

ध्वनि प्रदूषण एक अत्यंत खतरनाक परिस्थिति है. ध्वनि प्रदूषण शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी प्रभावित कर रहा है. इसे नियंत्रित करने हेतु उपायों को अपनाने की अति आवश्यकता है इसके लिए जन-जन को जागरूक कर प्रयत्न किए जाने चाहिए

“ध्वनि प्रदूषण से बढ़ता तनाव,
वातावरण को बनाएं साफ”

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संक्षेप में

दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको ध्वनि प्रदूषण पर निबंध – Noise Pollution Essay in Hindi पसंद आया होगा. अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा

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