नमस्कार दोस्तों क्या आप परिश्रम का महत्व खोज रहे हैं. तो यह पोस्ट आपके लिए लाभान्वित हो सकती है. इस पोस्ट में आपको जीवन में परिश्रम का महत्व क्या है इसके बारे में बताया गया है
दोस्तों इस पोस्ट में आपको परिश्रम का महत्व पर लेख या निबंध बताया गया है. लेकिन हमने इसमें हेडिंग्स का प्रयोग नहीं किया है आप अपनी सुविधा के अनुसार हेडिंग्स का प्रयोग कर सकते हैं. आइए परिश्रम का महत्व जानते हैं
परिश्रम का महत्व
जीवन में परिश्रम सफलता की कुंजी है. परिश्रम ही जीवन है. जिस प्रकार सूर्य की सुनहरी किरणें अंधकार को दूर कर उसे उजाले से भर देती है उसी प्रकार परिश्रम मनुष्य के जीवन को उज्जवल कर देता है और सुखमय बना देता है
परिश्रम के बिना उन्नति नहीं हो सकती और न ही सुख समृद्धि प्राप्त हो सकती है. कहा जाता है सोते हुए शेर के मुख में पशु-गण स्वयं प्रवेश नहीं करते, सामने रखे भोजन का स्वाद हम तब तक नहीं ले सकते जब तक हम उसे अपने हाथ से मुंह में नहीं डालते
परिश्रम से सब कुछ संभव है. सृष्टि के आरंभ से आज तक सभ्यता का विकास मनुष्य के परिश्रम के कारण ही हुआ है. आज विश्व में जितने भी विकसित देश है वह वहां के निवासियों के कठोर परिश्रम के कारण विकसित हुए हैं
विश्व के महान व्यक्ति परिश्रम के बल पर ही महान बने हैं उनके बलिदान में थकान और आलस्य का नाम ही नहीं है. ऐसे लोग भाग्य के भरोसे नहीं रहते अपितु परिश्रम के द्वारा असंभव को भी संभव बना देते हैं. श्रम-शील व्यक्ति के सामने पहाड़ भी झुक जाते हैं. सच्चे मन से किए गए परिश्रम द्वारा वह मनुष्य भी अपने उद्देश्य में सफल हो सकता है जिसमें कोई विशेष प्रतिभा नहीं होती
जीवन की दौड़ में परिश्रम करने वाला व्यक्ति सदैव विजयी रहता है. पढ़ाई में परिश्रम करने वाला विद्यार्थी परीक्षा में उत्तीर्ण होता है. नौकरी करने वाला कर्मचारी, व्यापार करने वाला व्यापारी परिश्रम के बल पर उन्नति कर सकता है. बिल गेट्स, रतन टाटा और एलोन मस्क परिश्रम के बल पर ही महान उद्योगपति बने हैं और परिश्रम का महत्व के ये सभी काफी प्रसिद्ध उदाहरण है
किसी भी कार्य में निरंतर परिश्रम करते रहने से सफलता अवश्य मिलती है. भाग्य के स्थान पर परिश्रम में विश्वास रखने वाले ही इस संसार में सच्चा आनंद प्राप्त कर सकते हैं. जो व्यक्ति अपने भाग्य पर ही निर्भर रहते हैं वह अपने जीवन को पतन की ओर ले जाते हैं. परिश्रम-हीन व्यक्ति जीवन की सुख सुविधाओं से वंचित रहते हैं
संसार में साहित्य, विज्ञान और जीवन की सभी सफलताएं, सुख-सुविधाएं परिश्रम की ही देन है. परिश्रम से शारीरिक तथा मानसिक शक्तियों का विकास भी होता है तथा कार्य कुशलता बढ़ती है
परिश्रम द्वारा जीवन में आत्मविश्वास जागृत होता है. अतः परिश्रम ही परमेश्वर है. परिश्रम ही पूजा है. परिश्रम करने वालों ने ही इस संसार को खूबसूरत बनाया है
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संक्षेप में
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