Periods kya hota hai : क्या आप भी जानना चाहते हैं पीरियड्स क्या होता है और पीरियड्स में क्या होता है? तो आप एकदम सही जगह पर उपलब्ध हुए हैं. आज आपको पीरियड्स की एक Detaild जानकारी दी गई है जिसमें कि आपको इससे संबंधित विभिन्न सवालों का जवाब मिल जाएगा. तो पूरा पढ़े इस पोस्ट को और जाने पीरियड क्या होता है?
पीरियड्स क्या होता है ?

पीरियड्स या मासिक धर्म महिलाओं के शरीर से जुड़ी एक प्रकिया है. यदि आम भाषा में समझाया जाए तो प्रत्येक महीने महिलाओं की योनि (Vagina) से रक्त निकलता है और इसी प्रक्रिया को पीरियड्स (Periods) कहा जाता है
महिलाओं के शरीर को गर्भावस्था के लिए तैयार करने के लिए उनके शरीर में कुछ विशेष प्रक्रियाएं एक विशेष साईकल या चक्र में घटित होती हैं. इस चक्र की एक विशेष अवधि के दौरान महिलाओं की योनि से रक्त स्राव होता है. इसी अवधि को पीरियड्स कहा जाता है. यह रक्तस्राव अधिकतर महिलाओं में 2 से 5 दिन तक होता है लेकिन कुछ में यह 7 से 10 दिन भी हो सकता है
पीरियड्स को और किन नामों से जाना जाता है ?
पीरियड्स को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है. हिंदी में इसे मासिक धर्म, माहवारी, रजोधर्म, MC आदि कहा जाता है. इसके अलावा बोलचाल में इसे गर्ल प्रॉब्लम या लड़कियों/महिलाओं वाली समस्या आदि भी कहा जाता है. अंग्रेज़ी में इसे Periods, Menstruation, Menses, Monthlies आदि भी कहा जाता है
मेंस्ट्रुअल साईकल या मासिक धर्म क्या होता है ?
एक मेंस्ट्रुअल साईकल किसी महिला को हुए पिछले पीरियड के पहले दिन से लेकर अगले पीरियड के पहले दिन के बीच का समय होता है. उदहारण से समझें तो माना किसी महिला के पीरियड की शुरआत 1 जनवरी को होती है और इसके बाद उनका अगला पीरियड 28 जनवरी से शुरू होता है, तब 1 जनवरी से लेकर 28 जनवरी तक का समय उनकी मेंस्ट्रुअल साईकल कहलाएगी और उनकी मेंस्ट्रुअल साईकल की अवधि 28 दिन की होगी
पीरियड साईकल कितने दिन चलती है ?
सामान्य तौर पर मेंस्ट्रुअल साईकल की औसत अवधि 24 से 28 दिनों की होती है. किसी के लिए यह 21 दिन तो किसी की लिए 30 से 35 दिन की भी हो सकती है. हर महिला के मेंस्ट्रुअल साईकल की अवधि, उनके शरीर के अनुसार अलग-अलग होती है. मेंस्ट्रुअल साईकल की अवधि बदलती रहती है आवश्यक नहीं कि यह हर बार एक ही जैसी हो, हालांकि यदि आपकी मेंस्ट्रुअल साईकल बहुत ही अनियमित है तो आपको डॉक्टर से जरूर परामर्श लेना चाहिए
पीरियड्स क्यों होते हैं ?
जैसा कि हम जान चुके हैं कि पीरियड्स महिलाओं के शरीर में होने वाली एक स्वाभाविक और प्राकृतिक प्रक्रिया है जो महिलाओं के शरीर को गर्भावस्था के लिए तैयार करती है. लगभग हर महिला के जीवन में गर्भावस्था आती है और यह हर महिला के जीवन का एक विशेष लम्हा होता है
महिलाओं के शरीर को यह पता होता है कि आगे चलके गर्भावस्था की अवस्था होगी तो शरीर पहले से ही इसके लिए तैयारी करने में जुट जाता है. उनका शरीर यह तैयारी करना लगभग 10 से 15 साल की उम्र से शुरू कर देता है और लगभग 50 से 55 साल की उम्र तक यह प्रक्रिया शरीर में चलती रहती है. इसी तैयारी के फलस्वरूप महिलाओं को पीरियड्स होते हैं
पीरियड्स कितने दिन का होता है ?
पीरियड्स सामान्यतः 2 से लेकर 8 दिन तक चल सकता है. किसी में यह 10 दिनों तक भी चल सकता है. यह समय अलग-अलग महिलाओं के लिए अलग-अलग हो सकता है
पीरियड्स किस उम्र में शुरू होते हैं ?
ज्यादातर लड़कियों में पीरियड्स की शुरुआत उनके यौवनारम्भ या प्यूबर्टी के साथ ही हो जाती है. प्यूबर्टी के दौरान बच्चों में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं. अधिकतर लड़कियों में 11 साल से 15 साल की उम्र के बीच मेंस्ट्रुएशन यानी पीरियड्स की शुरआत होना सामान्य माना जाता है. यह भी सम्भव है कि किसी को 11 साल से पहले या 15 के बाद पीरियड्स आना शुरू हो
दरअसल यह शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और हम जानते हैं कि हर किसी का शरीर अलग होता है और उसके काम करने का तरीका भी अलग होता है. इसलिए हर किसी के लिए मेंस्ट्रुएशन अलग-अलग उम्र में होता है
क्या पीरियड्स उम्र भर होते हैं ?
आमतौर पर महिलाओं को पीरियड्स आना 45 से 50 वर्ष के बाद बंद हो जाता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनके शरीर में मेनोपॉज़ कब आता है. सभी महिलाओं के जीवन में एक चरण (Phase) आता है, जब उनका शरीर गर्भावस्था के लिए तैयारी करना बंद कर देता है, ऐसे में यूटेरस लाइनिंग का निर्माण नहीं होता है और इसके फलस्वरूप पीरियड्स नहीं होते हैं. इसे मेनोपॉज़ (Menopause) कहा जाता है. आमतौर पर महिलाओं में मेनोपॉज़ की शुरुआत लगभग 45 की उम्र में होती है लेकिन कुछ महिलाओं में यह जल्दी और कुछ में देर से भी हो सकता है
पीरियड में क्या होता है ?
महिलाओं को होने वाले पीरियड्स, उनके शरीर में चल रही एक साईकल या चक्र जिसे मेंस्ट्रुएशन साईकल या मासिक धर्म चक्र कहते हैं, का एक हिस्सा होता है. मेंस्ट्रुएशन साईकल के दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ प्रक्रियाएं घट रही होती हैं और इन्हीं में से एक प्रक्रिया पीरियड्स भी होते हैं
महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन नामक सेक्स हॉर्मोन्स रिलीस होते हैं जो उनके गर्भाशय में एक परत जैसी संरचना, जिसे यूटेरस लाइनिंग या एंडोमेट्रियम कहा जाता है का निर्माण करते हैं. यह यूटेरस लाइनिंग, अंडाशय (Ovary) से निकलने वाले अंडे का पोषण करती है और उसे सुरक्षित रखती है
यह यूटेरस लाइनिंग रक्त और नरम ऊतकों आदि से बनी हुई होती है. जब अंडा फर्टिलाइज हो जाता है तब वह यूटेरस लाइनिंग से जुड़ जाता है और उसका विकास होता है. किंतु यदि अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है तो यह लाइनिंग किसी काम नहीं आती है और शरीर को इसे बाहर निकालना पड़ता है
महिलाओं के शरीर द्वारा इस यूटेरस लाइनिंग को उनकी योनि (Vagina) के माध्यम से निकाला जाता है और इसी को पीरियड्स कहा जाता है. पीरियड्स के दौरान महिलाओं की योनि से निकलने वाला रक्त असल में यही यूटेरस लाइनिंग होती है जो शरीर से बाहर निकलती है
पीरियड के दौरान क्या-क्या परेशानियां होती हैं ?
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. कई महिलाओं में पीरियड्स आने से पहले PMS यानी Pre-Menstrual Syndrom के लक्षण सामने आते हैं. पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी, ब्लोटिंग, मुहाँसे और गुस्सा आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है
इसके अलावा महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कमर और पेट के निचले हिस्से में दर्द भी हो सकता है. वैसे तो पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द होना सामान्य माना जाता है, पर यदि आपको असहनीय दर्द महसूस होता है तो आपको किसी डॉक्टर का परामर्श जरूर लेना चाहिए
पीरियड आने के क्या संकेत या लक्षण होते हैं ?
यह देखा जाता है कि महिलाओं को पीरियड शुरू होने के 5 से 7 दिन पहले कुछ ऐसे लक्षण दिखने लगते हैं जिनसे उन्हें यह संकेत मिलता है कि उनके पीरियड्स आने वाले हैं. इन लक्षणों को PMS या Pre-Menstrual Syndrom के नाम से भी जाना जाता है. आमतौर पर ये महिलाओं के शरीर मे उपस्थित हार्मोन्स जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के स्तरों में उतार चढ़ाव के कारण होते हैं. पीरियड आने के निम्नलिखित संकेत हो सकते हैं
- पेट फूलना या ब्लोटिंग : कुछ महिलाओं को पीरियड्स से पहले पेट में भारीपन या पेट का फूलना महसूस होता है. यह हॉर्मोन्स जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलावों से हो सकता है
- सिर दर्द या माइग्रेन होना : कई महिलाओं को पीरियड्स के पहले या इसके दौरान सिर दर्द और माइग्रेन होने की संभावना भी होती है
- पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द : कई महिलाओं में पीरियड्स के पहले और दौरान पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं
- मूड स्विंग होना : कुछ महिलाओं को पीरियड्स से पहले और इसके दौरान मूड स्विंग भी होते हैं. इसके लिए भी हॉर्मोन्स ही जिम्मेदार होते हैं
- स्तनों में दर्द अथवा भारीपन होना : कई महिलाओं को पीरियड्स के पहले स्तनों में भारीपन व दर्द भी महसूस होता है. कई महिलाओं में यह भी पीरियड्स आने का एक संकेत हो सकता है
- मुंहासों का निकलना : कई महिलाओं को पीरियड्स आने के पहले मुंहासे भी हो सकते हैं
- नींद न आ पाना : कई महिलाओं को पीरियड्स के पहले नींद आने में दिक्कत हो सकती है
- पेट में समस्याएं होना : कई महिलाओं को पीरियड्स में कब्ज और दस्त जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है
पीरियड के दौरान पेट में दर्द क्यों होता है ?
सामान्य तौर पर लगभग कई महिलाओं को पीरियड आने के पहले से तीसरे दिन तक पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है और जैसे-जैसे दिन बीतते हैं यह दर्द कम होता जाता है. पीरियड्स के दौरान गर्भाशय में यूटेरस लाइनिंग टूट रही होती है और यह योनि से बाहर निकल रही होती है
हम जानते हैं कि गर्भाशय पेट के निचले हिस्से में पाया जाता है. गर्भाशय इस लाइनिंग को तोड़ने के लिए गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिसके चलते महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है. इस संकुचन के लिए प्रोस्टाग्लैंडीन नामक एक रसायन जिम्मेदार होता है. जिन महिलाओं में यह रसायन अधिक होता है उन्हें अधिक दर्द महसूस होता है और जिनमे यह रसायन कम होता है उन्हें कम दर्द महसूस होता है
पीरियड के दौरान खून क्यों निकलता है ?
पीरियड के दौरान महिलाओं की योनि से रक्तस्राव होना सामान्य बात होती है. आमतौर पर पीरियड के पहले दिन सबसे ज्यादा खून बहता है और धीरे-धीरे जैसे जैसे दिन बीतते जाते हैं खून का बहाव कम होकर बंद हो जाता है
जैसा कि हमने जाना कि पीरियड्स क्यों होते हैं? पीरियड्स के दौरान महिलाओं की योनि से उनके गर्भाशय में बनी यूटेरस लाइनिंग बाहर निकलती है. यह यूटेरस लाइनिंग रक्त और नरम ऊतकों से बनी होती है इसीलिए जब यह टूटती है तो यह योनि से खून के रूप में ही बाहर निकलती है
पीरियड के दौरान कितना खून निकलता है ?
पीरियड्स के दौरान शरीर से बहुत अधिक मात्रा में खून नहीं निकलता है, हालांकि कई महिलाओं को लगता है कि बहुत ज्यादा खून निकल रहा है. शरीर केवल आवश्यकता के अनुसार ही खून को बाहर निकालता है. आमतौर पर पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर से 50ml से 60ml तक खून निकलता है. हालंकि यदि आपको पीरियड्स के दौरान अत्यधिक खून निकलता है और खून का निकलना कम या बंद नहीं होता है तो आपको किसी डॉक्टर का परामर्श जरूर लेना चाहिये
पीरियड के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखें ?
पीरियड का समय महिलाओं के लिए अहम समय होता है क्योंकि इस समय उनके शरीर में काफी कुछ चल रहा होता है. ऐसे में महिलाओं को कई बातों का ध्यान रखना होता है ताकि वे स्वस्थ बनी रहें
पीरियड के दौरान महिलाओं को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना होता है. स्वच्छता में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए वरना इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा उन्हें अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि वे आसानी से और स्वस्थ रूप से पीरियड्स के मुश्किल दौर को पार कर पाएं
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पीरियड के दौरान क्या करना चाहिए ?

पीरियड के दौरान महिलाओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
- पीरियड के दौरान महिलाओं को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि इन्फेक्शन की समस्या से बचा जा सके
- पीरियड के दौरान खान-पान का ध्यान रखना चाहिए, पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए, प्रोसेस्ड और जंक फ़ूड खाने से बचना चाहिए
- पीरियड के दौरान अधिक हार्ड वर्क या कठिन परिश्रम नहीं करना चाहिए और आवश्यकतानुसार आराम करना चाहिए
- पीरियड के दौरान शरीर से खून निकलता है जिसकी वजह से शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, इसलिए पीरियड के दौरान व्रत नहीं रखना चाहिए और खाना नहीं छोड़ना चाहिए
- पीरियड्स के दौरान सुबह का नाश्ता जरूर करें. ब्रेकफास्ट स्किप करने से आपको पेट और सिर में दर्द होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है
पीरियड में क्या नहीं करना चाहिए ?
पीरियड के दौरान आपको कुछ चीज़ों से बचना चाहिए जो निम्नलिखित हैं
- पीरियड में आपको पूरे दिन एक ही पैड को पहन कर नहीं रखना चाहिए. आपको समय समय पर इसे बदलना चाहिये
- रात को बिना पैड पहने नहीं सोना चाहिए
- पीरियड के दौरान धूम्रपान और शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
- पीरियड के दौरान अत्यधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिये
- पीरियड्स के दौरान आपको असुरक्षित यौन संबंध नहीं बनाने चाहिए
- आपको अत्यधिक स्ट्रेस और टेंशन आदि से बचना चाहिए
- पीरियड के दौरान देर रात तक नहीं जागना चाहिए इसके बजाय आपको अच्छी और पूरी नींद लेनी चाहिए ताकि आपके शरीर को आराम मिल सके
- पीरियड्स के दौरान आपको शेव और वैक्स नहीं करना चाहिए
पीरियड्स में इन्फेक्शन से कैसे बचें ?
पीरियड के दौरान सबसे महत्वपूर्ण चीज़ होती है स्वच्छता, यदि कोई महिला पीरियड के दौरान स्वच्छता पर ध्यान नहीं देती है और लापरवाही बरतती है तो इससे उन्हें इन्फेक्शन होने का खतरा होता है. पीरियड के दौरान संक्रमण से बचने के लिये और मेंस्ट्रुअल हाईजीन बनाये रखने के लिए महिलाओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान देना चाहिए
- कपड़े की बजाय सैनिरटी पैड का इस्तेमाल करें : कपड़ा एक बार इस्तेमाल करने पर गंदा हो जाता है और पुनः जब आप इसी कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है
- पीरियड के दौरान दिन में कम से कम एक बार जरूर नहाएं और खुद को साफ रखें
- एक पैड को एक ही बार इस्तेमाल करें : कई महिलाओं को लगता है कि एक पैड को धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है जबकि ऐसा नहीं है. यदि आप रेगुलर पैड का इस्तेमाल करती हैं तो इसका इस्तेनाल सिर्फ एक ही बार करना चाहिए. ऐसा करने से आप इन्फेक्शन से बच सकती हैं
- हर 6 से 8 घण्टे में पैड बदलें : अधिक लंबे समय तक एक ही पैड लगाकर रखने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए आपको हर 6 से 8 घण्टे में पैड बदलना चाहिए. यदि आपको लगता है कि आपको अधिक ब्लड फ्लो हो रहा है, तो आप 6 घण्टे से पहले भी अपना पैड बदल सकती हैं
- अपनी योनि को हमेशा साफ एवं सूखा रखने का प्रयास करें. समय-समय पर योनि को साफ पानी से धोएं और ब्लड को साफ करें
- योनि को धोने के लिए साबुन का इस्तेमाल न करें, साबुन की बजाय गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें
- एक बार में एक ही पैड का इस्तेमाल करें
- योनि को साफ करने के लिए सही तरीके का इस्तेमाल करें. योनि को आगे से पीछे की ओर साफ करें न कि पीछे से आगे की ओर
- इस्तेमाल किये गए सैनिटरी पैड को कागज़ या नैपकिन में लपेटकर कूड़ेदान में फेंके और इसे ढक दें
- कभी भी सैनिटरी पैड को फ्लश नहीं करें इससे यह पाइप्स में फंस सकता है और समस्या पैदा कर सकता है
- पीरियड्स के दौरान यदि आप कहीं बाहर जाती हैं तो अपने पर्स या बैग में सैनिटरी पैड, हैंड सैनिटाइजर, टिश्यू पेपर आदि जरूर रखें ताकि आप जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल कर सकें
पीरियड के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए ?
पीरियड के दौरान सभी महिलाओं को खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस समय शरीर को पोषण और आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. ऐसे में सही खाना खाने से आप अपना ध्यान रख सकती हैं
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पीरियड के दौरान क्या खाना चाहिए ?
पीरियड्स के दौरान आप निम्नलिखित चीज़ें खा सकती हैं. ये आपको पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करने में लाभदायक साबित हो सकते हैं
- आयरन युक्त भोजन : पीरियड्स के दौरान शरीर से खून निकलता है जिससे शरीर मे आयरन की कमी हो जाती है. ऐसे में आपको आयरन युक्त भोजन करना चाहिए जिससे शरीर में होने वाली आयरन की कमी दूर हो सके
- हरी पत्तेदार सब्जियां : पीरियड्स के दौरान आप हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कर सकती हैं, ये बेहद लाभदायक साबित होता है
- फलों का सेवन : पीरियड्स के दौरान आप फलों जैसे – केला, कीवी औऱ अनन्नास का सेवन कर सकती हैं. केले में भरपूर मात्रा में विटामिन B6 और पोटेशियम होता है जो पीरियड के दौरान होने वाली सूजन और ऐंठन को कम करने में सहायक होता है
- कैल्शियम युक्त भोजन : पीरियड्स के दौरान कैल्शियम युक्त भोजन जैसे दूध, दही, पनीर आदि का सेवन करने से भी लाभ मिलता है
- चॉकलेट : पीरियड्स के दौरान चॉकलेट का सेवन करने से भी दर्द आदि में राहत देखने को मिलती है
- गुनगुना पानी पियें : पीरियड्स के दौरान समय-समय पर गुनगुना पानी पीते रहें इससे आपको पीरियड्स के दर्द में आराम मिल सकता है
- आप ग्रीन टी का सेवन भी कर सकती हैं
पीरियड के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए ?
पीरियड के दौरान आपको कुछ चीजों के सेवन से बचना चाहिए जो निम्नलिखित हैं
- जंक और प्रोसेस्ड फ़ूड : पीरियड्स के दौरान जंक फूड, फ़ास्ट फ़ूड और प्रोसेस्ड फ़ूड खाने से परहेज करना चाहिए
- पीरियड के दौरान पैकेज और डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ जैसे चिप्स आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
- बेक्ड किये हुए खाद्य पदार्थ जैसे – केक, पेस्ट्री आदि का सेवन करने से बचना चाहिए
- इस दौरान अधिक कैफीन युक्त पदार्थों जैसे चाय, कॉफी आदि का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए
- पीरियड में प्रोसेस्ड शुगर यानी चीनी से बनी चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिये
- अत्यधिक मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए
- पीरियड्स के दौरान तले-भुने खाने का सेवन नहीं करना चाहिए
पीरियड के दौरान पेट दर्द को कम कैसे करें ?
पीरियड के दौरान सभी महिलाओं को पेट मे दर्द की समस्या होती है. कुछ महिलाओं को कम दर्द होता है जबकि कुछ को बहुत अधिक, यदि आप पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द को कम करना चाहती हैं तो आप नीचे लिखे तरीकों का इस्तेमाल कर सकती हैं
- योगासन : ऐसे कई योगासन हैं जिन्हें करने से आपको पीरियड के दर्द में आराम मिल सकता है
- गुनगुने पानी का स्नान : गुनगुना पानी हमारी शरीर की मांसपेशियों को रिलैक्स करने में सहायक होता है, इसलिए गुनगुने पानी से स्नान करने से भी आपको दर्द से आराम मिल सकता है
- गरम पानी का सेक : आप हॉट वाटर बैग आदि के जरिये अपने पेट के निचले हिस्से में गर्म पानी का सेक कर सकते हैं, इससे आपको पीरियड क्रेम्प में आराम मिलेगा
- पेट की मालिश करना : अपने पेट के निचले हिस्से में तेल की मालिश करने से भी आपको इस दर्द में आराम मिल सकता है
- आप अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर एन्टी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स या दर्द निवारक दवाओं का सेवन भी कर सकती हैं
- यदि आपको अत्यधिक दर्द है जिसे सहन करना संभव नहीं है तो आपको अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लेना चाहिये
- लाइट एक्सरसाइज : कुछ लाइट एक्सरसाइज जैसे नंगे पैर चलना आदि भी पीरियड के दर्द को कम करने में सहायक होती हैं
- मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज : ध्यान लगाने और गहरी सांसें लेने और आराम करने से भी आपको इस दर्द में राहत मिल सकती है
पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल में आने वाले प्रोडक्ट्स कौन कौन से हैं ?
जैसे-जैसे दुनिया आगे बढ़ती जा रही है, नई-नई तकनीकों का भी विकास होता जा रहा है. पहले के समय में और अब के समय में बहुत फर्क आ चुका है. समय निरंतर बदलता जा रहा है ऐसे में पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल करने के लिए भी अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स दिन प्रतिदिन देखने को मिल रहे हैं
आज से कुछ समय पहले तक पीरियड्स में कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था परंतु अब ऐसा नहीं है. वर्तमान में पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल करने के लिए कई नए प्रोडक्ट्स भी सामने आए हैं. पीरियड के दौरान इस्तेमाल में आये वाले कुछ प्रोडक्ट्स निम्नलिखित हैं
सैनिटरी पैड : वर्तमान समय में भारत में पीरियड के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाला सबसे लोकप्रिय प्रोडक्ट सैनिटरी पैड है. इसे सैनिटरी नैपकिन, पैड, मेंस्ट्रुएशन पैड, पैंटी लाइनर आदि नामों से भी जाना जाता है. यह प्राकृतिक फाइबर जैसे-कपास या सिंथेटिक फाइबर रेयान का बना हुआ होता है. यह डिस्पोजेबल प्रोडक्ट होता है. बाजार में कई तरह के और अलग अलग साइज के सैनिटरी पैड्स उपलब्ध होते हैं. आप अपनी आवश्यकता अनुसार कोई भी पैड चुन सकती हैं और इस्तेमाल कर सकते हैं
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टैम्पोन्स : पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल में लाया जाने वाला एक और प्रोडक्ट है टैम्पोन, विदेशों में इसका इस्तेमाल प्रचलित है लेकिन भारत में यह अभी इतने प्रचलन में नहीं है. टैम्पोन्स का आकार बेलनाकार होता है और यह कपास, रेयान या दोनों के मिश्रण से बने होते हैं. यह एक डिस्पोजेबल प्रोडक्ट है. कई महिलाओं को टैम्पोन्स बेहद कम्फ़र्टेबल महसूस होते हैं इसके इस्तेमाल से महिलाएं पीरियड्स के दौरान तैराकी या टीम स्पोर्स्ट आदि सामान्य गतिविधियों में भाग भी ले सकती हैं
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मेंस्ट्रुअल कप्स : जैसा कि नाम से ही समझ आ सकता है मेंस्ट्रुअल कप्स दिखने में कप्स के आकार के होते हैं. ये कप्स सिलिकॉन, लेटेक्स या रबर आदि के बने होते हैं और अलग-अलग साइज में आते हैं. ये री-यूसेबल होते हैं और इन्हें एक बार लगाने के बाद दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता है. इसके इस्तेमाल के जरिये महिलाएं पीरियड के दौरान भी सामान्य गतिविधियों में भाग ले सकती हैं
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पीरियड अंडरवियर : ये पीरियड्स के लिए बनाए गए विशेष प्रकार के अंडरवियर होते हैं जिनमें कई सारी परतें होती हैं जो पीरियड्स में होने वाले फ्लो को सोखने का काम करती हैं. मेंस्ट्रुअल कप्स की तरह ये भी एक री-यूसेबल ऑप्शन है
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पीरियड्स नहीं होने पर क्या करना चाहिए ?
अगर किसी लड़की की उम्र 15-16 साल से ज्यादा हो गई हो और इसके बावजूब भी उसके पीरियड्स नहीं आ रहे हों या फिर एक या दो बार आकर बंद हो गए हों तो इस स्थिति को एमेनोरिया (Amenorrhea) के नाम से जाना जाता है. ऐसा होना एक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है
यदि किसी भी महिला का मेनोपॉज (Menopause) शुरू हो गया हो, जो आमतौर पर लगभग 50 साल की उम्र के आसपास होता है और तब पीरियड्स नहीं आ रहे हों तो इसमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है, लेकिन अगर लड़की के वयस्क होने के बाद भी उसे पीरियड्स नहीं हो रहे हैं तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है. जिससे लड़की को मां बनने में परेशानी आ सकती है. ऐसे में आपको किसी डॉक्टर से परामर्श अवश्य लेना चाहिए
इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं जैसे – हार्मोन्स का असंतुलन, शरीर में खून की कमी और प्रजनन प्रणाली वाले अंगों के कमजोर होना आदि. इन सब कारणों के अलावा कई बार प्रजनन अंग में किसी बीमारी के होने के कारण भी ऐसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है
यदि किसी को पीरियड्स आने बिल्कुल बंद हो गए हों, तो यह PCOD नामक एक बीमारी के कारण हो सकता है. PCOD यानी पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिसॉर्डर, एक प्रकार का हॉर्मोनल डिसऑर्डर है. इस डिसऑर्डर में अंडाशय (Ovary) की सतह में छोटे-छोटी थैलियों बन जाती हैं जिससे अंडाशय, में अंडों का निर्माण नहीं हो पाता है, जिसके चलते पीरियड्स नहीं आते हैं
कई बार इस समस्या के चलते महिलाओं के शरीर एवं चेहरे में बाल भी उगने लग जाते हैं. PCOD का इलाज पूरी तरह सम्भव होता है, इसके लिए आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए और परामर्श लेना चाहिए. इसलिए यदि आपको अनियमित पीरियड्स होते हैं तो आपको जांच करानी चाहिए
पीरियड में किन लक्षणों के होने पर आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए ?
यदि आपको पीरियड से संबंधित निम्न समस्याएं या लक्षण देखने को मिलते हैं तो आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत हो सकती है
- यदि 16 साल की उम्र तक भी आपको पीरियड्स आने शुरू नहीं होते हैं
- यदि अचानक आपको पीरियड आने बंद हो जाते हैं
- यदि पीरियड के दौरान आपको सामान्य से अधिक अवधि तक और सामान्य से अधिक मात्रा में रक्तस्राव हो रहा है
- यदि पीरियड्स के दौरान आपको अत्यधिक तेज व असहनीय दर्द होता है
- यदि टैम्पोन का उपयोग करने के बाद आप अचानक बीमार महसूस करते हैं
- यदि आपको लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं उदाहरण के लिए, आप ने सेक्स किया है और आपका पीरियड कम से कम पांच दिन देर से है
- यदि आप गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती थी और गर्भनिरोधक गोलियां बंद करने के तीन महीने के बाद भी आपको पीरियड्स नहीं होते हैं और आप जानते हैं कि आप गर्भवती नहीं हैं
पीरियड के दौरान सेक्स कर सकते हैं या नहीं ?
कई लोगों का मानना होता है कि पीरियड के दौरान सेक्स नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे इन्फेक्शन हो सकता है. यह कुछ हद तक ठीक है, पीरियड के दौरान असुरक्षित यौन संबंध नहीं बनाने चाहिए, इससे इन्फेक्शन हो सकता है. डॉक्टर्स का मानना है कि पीरियड के दौरान सेक्स किया जा सकता है बशर्ते आप प्रोटेक्शन का इस्तेमाल कर रहें हो. यानी पीरियड के दौरान आप सुरक्षित यौन संबंध बना सकते हैं लेकिन आपको असुरक्षित यौन सम्बन्ध से बचना चाहिए
पीरियड से संबंधित कुछ अफवाहें
हम सब जानते हैं कि पीरियड महिलाओं के शरीर में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसमें शर्माने, बुरा महसूस करने और छुपाने वाली कोई बात नहीं है. फिर भी कुछ लोगों को इसके बारे में खुलकर बात करने में आपत्ति होती है और इसी के चलते समाज में लोगों के बीच पीरियड को लेकर कई सारी अफवाहें और भ्रांतियां फ़ैली हुई हैं. जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं
1. पीरियड के दौरान रसोई में नहीं जाना चाहिए : हमारे देश में यह कहा जाता है कि पीरियड के दौरान महिलाओं को किचन में नहीं जाना चाहिए और खाना नहीं बनाना चाहिए. इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं पहला है अशुद्धता की सांस्कृतिक मान्यता, ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं अस्वास्थ्यकर (Unhygenic) होती हैं और इस दौरान वो जो खाना बनाती हैं या छूती हैं, वह खराब या दूषित हो सकता है
यह पहले के समय में एक सही कारण भी रहा होगा क्योंकि उस समय मेंस्ट्रुअल हाईजीन का न तो शायद इतना ध्यान दिया जाता रहा होगा और न ही उनके पास इतने बेहतर ऑप्शन रहे होंगे जितने आज के समय मे उपलब्ध हैं. इसलिए अगर आप बुनियादी स्वच्छता का ध्यान रखते हैं और मेंस्ट्रुअल हाईजीन बनाये रखती हैं, तो आप रसोई में प्रवेश कर सकते हैं और यहां तक कि अपने लिए अच्छा भोजन भी बना सकती हैं
इसका दूसरा कारण यह हो सकता है कि महिलाओं को किचन के काम से छूट मिल सके और वो आराम कर सकें. यह एक बेहतर कारण साबित होता है
2. पीरियड्स का खून गंदा खून होता है और आपको अपवित्र बनाता है : यह भी पीरियड्स को लेकर समाज में बेहद प्रचलित एक मिथक या अफवाह है. पीरियड्स में निकलने वाला खून भी उतना ही गंदा होता है जितना कि आपके शरीर के किसी अन्य हिस्से से निकलने वाला खून होता है. इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है पीरियड्स का खून न तो गंदा होता है और न ही आपको अपवित्र बनाता है
3. पीरियड्स के दौरान बाल नहीं धोने चाहिए : ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान बाल नहीं धोने चाहिए परंतु यह भी बाकी बातों की तरह एक अफवाह है. पुराने समय में यह सही रहा होगा क्योंकि उस समय महिलाओं को ठंडे पानी से नहाना पड़ता था और इतनी आसानी से उन्हें गरम पानी उपलब्ध नहीं होता था
ऐसा माना जाता है कि ठंडे पानी से पीरियड्स में होने वाली ऐंठन बढ़ सकती है. लेकिन अगर आप गर्म पानी का इस्तेमाल करें तो इससे आपको पीरियड्स में होने वाले दर्द और ऐंठन से राहत मिलती है. इसलिए आप चाहें तो गरम पानी का इस्तेमाल कर सकती हैं और बाल धो सकती हैं
4. पीरियड्स के दौरान आप बहुत रक्त खो देते हैं : एक अफवाह ये भी है कि पीरियड्स के दौरान आपका बहुत ज्यादा रक्त बर्बाद हो जाता है. कई बार आपको ऐसा लग सकता है कि पीरियड्स के दौरान आपका बहुत सारा खून निकल गया हो, लेकिन यह पूरी तरह से काल्पनिक है. एक औसत महिला का एक पीरियड के दौरान केवल लगभग 2-3 बड़े चम्मच रक्त निकलता है, यानी लगभग 35 ml
यह 2 से 7 दिनों के चक्र के दौरान 10ml से 80ml के बीच हो सकता है, लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं है. हालांकि यदि आपको अत्यधिक रक्तस्राव होता है, जो कई कारणों से हो सकता है तो आपको निश्चित ही अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिये
5. पीरियड्स के दौरान व्यायाम नहीं करना चाहिए : पुराने दिनों में, पीरियड्स को अक्सर एक बीमारी माना जाता था इसलिए पीरियड्स के दौरान महिलाओं को बिस्तर पर ही रहने की सलाह दी जाती थी. परंतु आज के समय में महिलाएं पीरियड्स के दौरान लगभग कुछ भी कर सकती हैं. हालांकि सलाह दी जाती है कि पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा हार्ड वर्क नहीं करना चाहिए लेकिन आप इस दौरान भी लाइट एक्सरसाइज कर सकती हैं
नियमित व्यायाम करने से शरीर में एंडोर्फिन नामक हॉर्मोन रिलीस होता है जो पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करने में सहायक साबित होता है. इसलिए, आपके पीरियड्स के दिनों सहित, रोजाना हल्के व्यायाम कर सकती हैं
FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
पीरियड्स लड़कियों को ही क्यों होते हैं ?
पीरियड्स वह प्रक्रिया होती है जो महिलाओं के शरीर में उन्हें गर्भावस्था तैयार करने के लिए होती है. क्योंकि लड़कियों को ही ईश्वर द्वारा गर्भधारण करने की क्षमता दी गयी है इसलिए पीरियड्स भी केवल लड़कियों को ही होते हैं. यदि लड़कियों के अलावा अन्य लिंग के व्यक्तियों को भी गर्भधारण करना होता तो शायद उन्हें भी पीरियड्स होते
पीरियड में खून के थक्के क्यों आते हैं ?
पीरियड के दौरान महिलाओं के शरीर से यूटेरस लाइनिंग टूटकर बाहर निकलती है यह रक्त और नरम ऊतकों से बनी होती है और यह जब बाहर निकलती है तो यह कुछ थक्कों के रूप में बाहर निकलती है. यह थक्के मूलतः जमा हुआ खून होता है. हालांकि यदि आपको जरूरत से ज्यादा थक्के महसूस होते हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
पीरियड में सेक्स करने से क्या होता है ?
पीरियड में असुरक्षति यौन सम्बन्ध बनाने से आपको इन्फेक्शन हो सकता है. हालांकि यदि आप बिना पीरियड्स के भी असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं तो भी आपको इन्फेक्शन हो सकता है. पीरियड्स के दौरान आप सुरक्षित यौन सम्बंध बना सकते हैं बशर्ते आपको स्वच्छ्ता का भी विशेष ध्यान देना चाहिए
संक्षेप में
पीरियड्स क्या होता है (Periods kya hota hai) आपको इस बारे में पूर्ण जानकारी मिल गई होगी ऐसी हमें उम्मीद है. अगर आपका इस जानकारी के बारे में कोई भी सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में बेझिझक पूछ सकते हैं. यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिएगा ताकि उन्हें भी पीरियड्स के बारे में पूरी नॉलेज हो सके