क्या आप प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Essay on Plastic Pollution in Hindi) लिखना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए सही है. आज मैं आपको सिखाऊंगा की आसानी से किस प्रकार प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध लिखा जाता है. तो आइए जानते हैं
प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध – Plastic Pollution Essay in Hindi

“प्लास्टिक को ना प्रयोग में लाएं
पर्यावरण को प्रदूषण के जहर से बचाएं”
प्रस्तावना
संपूर्ण विश्व में सबसे अधिक प्लास्टिक उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है. प्लास्टिक से बने उत्पाद आज प्लास्टिक प्रदूषण जैसी समस्याएं विश्व के समक्ष उत्पन्न कर रहे हैं. प्लास्टिक कचरे से प्लास्टिक प्रदूषण सबसे अधिक फैलता है
प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ
प्लास्टिक से निर्मित उत्पादों के अपशिष्ट को प्लास्टिक प्रदूषण कहते हैं. दूसरे शब्दों में प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का जमीन या जल में इकट्ठा होना प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है
प्लास्टिक प्रदूषण के कारण
चूंकि प्लास्टिक सस्ता है तथा आसानी से उपलब्ध हो जाता है इसीलिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन प्लास्टिक एक ऐसा उत्पाद है जो प्राकृतिक रूप से विघटित नहीं होता जिसके फलस्वरूप प्लास्टिक प्रदूषण हो रहा है
एक नान-बायोडिग्रेडबल पदार्थ होने के कारण प्लास्टिक से बनी चीजें जल और मिट्टी में विघटित नहीं होती है. सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे अधिक प्लास्टिक प्रदूषण फैलाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण की माने तो प्लास्टिक से निर्मित चीजें सैकड़ों सालों तक बनी रह सकती है, जिस कारण ये छोटे-छोटे टुकड़ों में विघटित हो जाती हैं तथा जल, मृदा और वायु प्रदूषण का कारण भी बनती हैं
प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव
प्लास्टिक प्रदूषण के कारण जल स्रोतों जैसे कि नदियों, समुद्रों तथा महासागरों पर इसका सबसे बड़ा प्रभाव पड़ा है तथा जलीय जीवन संकट में आ गया है. इसके अलावा प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले कचरे को जमीन में गाड़ दिया जाता है जिसके फलस्वरुप प्लास्टिक के छोटे टुकड़े हानिकारक रसायनों को उत्पन्न करते हैं जो कि मिट्टी की उर्वरक क्षमता तथा मिट्टी के प्राकृतिक गुणों को समाप्त कर देते हैं
अब चूंकि मिट्टी के प्राकृतिक गुण समाप्त हो जाते हैं इसीलिए ये पेड़-पौधों की वृद्धि को भी बुरी तरह प्रभावित करते हैं. कई स्थानों पर प्लास्टिक से बहुत गंदगी हो जाती है, जो मच्छर और अन्य सूक्ष्म कीड़ों को जन्म देती है जिसके परिणाम स्वरूप कई प्रकार की बीमारियां फैलती है
कई स्थानों पर प्लास्टिक कचरे के साथ बचा-खुचा खाना भी फेंक दिया जाता है. खाने की तलाश में बहुत सारे जीव-जंतु उस खाने के साथ प्लास्टिक की थैलियों और अन्य सूक्ष्म प्लास्टिक कणों को भी खा जाते हैं तथा उसका पाचन नहीं कर पाते जिससे अंततः उनकी मृत्यु हो जाती है और भी बहुत सारे प्रभाव प्लास्टिक प्रदूषण के कारण हो रहे है जोकि हमारे अस्तित्व के लिए खतरा है
प्लास्टिक प्रदूषण का निवारण
- प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए हम सभी की भागीदारी आवश्यक है हमें सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करना चाहिए
- सरकारों को सिंगल यूज प्लास्टिक पर कड़े कानून व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है
- विभिन्न व्यवसायों को इको-फ्रेंडली पैकिंग विकल्प जैसे कपडे या पेपर अपनाने की आवश्यक है
- प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाले हानियों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना जरूरी है
- इसके अतिरिक्त कुशल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों में निवेश करना, पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना एक जरुरी कदम हैं
- प्लास्टिक का सही उपयोग और रीसाइक्लिंग के महत्व के बारे में, स्कूलों में शिक्षा दी जानी चाहिए
उपसंहार
प्लास्टिक से उत्पन्न प्रदूषण आज संपूर्ण विश्व भर के लिए चिंता का विषय बनता ही जा रहा है. आज हमें आवश्यकता है कि हम प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के उपायों को अपनाएं तथा अपनी पृथ्वी को बचाएं
यदि समय रहते प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह समस्त प्राणी जगत के लिए विनाश का कारण बनेगा. हमें एक बेहतर भविष्य और आने वाली पीढ़ियों को सुनहरा कल देने के लिए आज से ही प्लास्टिक को अपनी जिंदगी से दूर करना होगा
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संक्षेप में
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